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Monday, June 5, 2023

*सोनीपत महापंचायत में कोई फैसला नहीं हुआ:चढ़ूनी बोले- बजरंग पूनिया के कहने पर रुके, वरना भाजपाइयों को घसीट-घसीट कर निकालते*

*सोनीपत महापंचायत में कोई फैसला नहीं हुआ:चढ़ूनी बोले- बजरंग पूनिया के कहने पर रुके, वरना भाजपाइयों को घसीट-घसीट कर निकालते*
WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ पहलवानों के समर्थन में हरियाणा में आज एक और बड़ी महापंचायत हुई, जिसमें बजरंग पूनिया के अनुरोध पर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया गया। वहीं बजरंग पूनिया ने खिलाड़ियों का महापंचायत बुलाने का ऐलान किया, जिसकी तारीख 3-4 दिन में घोषित कर दी जाएगी। महांपचायत में निहंगों ने भी पहलवानों को समर्थन देने का ऐलान किया।

सोनीपत जिले के मुंडलाना गांव के स्टेडियम में होने वाली इस महापंचायत को सम्मान समारोह नाम दिया गया था। इसमें भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी, पूर्व गर्वनर सत्यपाल मलिक, जयन्त चौधरी, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर, UP के विधायक प्रदीप चौधरी, गुलाब अहमद और पहलवान बजरंग पूनिया मौजूद रहे। हजारों किसानों ने भी इसमें शिरकत की।

महापंचायत स्थल पर पहुंचे पहलवान बजरंग पूनिया। 
मुंडलाना महापंचायत में निहंगों ने भी पहलवानों का साथ देने का ऐलान किया। निहंग बाबा अमन सिंह ने कहा कि पहलवानों को न्याय नहीं मिला तो हम घोड़े भी लाएंगे। फौज और शस्त्र भी लाएंगे। लंगर भी लगाया जाएगा। पहलवानों को बादाम खिलाकर और तगड़ा किया जाएगा। इतना तगड़ा कर देंगे कि पहलवान उन्हें खींच कर ले जाएंगे। पहलवान वैसे भी इतने तगड़े होते हैं कि मैदान में झंडे लहरा देते हैं।
मुंडलाना पंचायत में गुरनाम सिंह चढ़नी ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया के अनुरोध पर आज कोई फैसला नहीं ले रहे। वरना हमें यह फैसला लेना था कि जिस तरह दिल्ली में हमारी बेटियों को घसीटा गया, ठीक वैसे ही हम भाजपा के नेताओं को गांव में नहीं घुसने देते। उनको उसी तरह घसीट कर बाहर निकालते, जैसे हमारी पहलवान बेटियों को घसीटा गया।
बजरंग पूनिया ने कहा कि 28 मई को दिल्ली में जो भी हुआ है, उसके बाद से विनेश और साक्षी बिल्कुल टूट चुकी हैं। अब परिवार का एक सदस्य हमेशा उनके साथ रहता है, ताकि वे कोई गलत फैसला नहीं ले लें। वह यहां इसलिए नहीं आई कि अब उनमें हिम्मत नहीं बची है।
पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि अन्याय के खिलाफ एक साथ होने और जुड़ने की जरूरत है। महापंचायत के मंच से बजरंग ने खिलाड़ियों की पंचायत बुलाने का ऐलान किया। पूनिया ने कहा कि अब खिलाड़ी भाजपा सरकार के खिलाफ एकजुट होकर फैसला लेंगे।
भीम आर्मी के प्रधान चन्द्रशेखर ने मंच से कहा कि भाजपा के राज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सरकार ने बेज्जत करने का काम किया है। हम सरकार के खिलाफ बगावत करने के लिए आए हैं। पगड़ी हमारी शान है। खिलाड़ियों के साथ किसान मजदूर कमेरे की धरती है। हक की लड़ाई सड़क से लड़ेंगे।
आपस में विचार विमर्श करते चढ़ूनी और अन्य नेता।
पढ़ें मंच से क्या बोले बजरंग पूनिया...
मुंडलाना की पंचायत में बजरंग पूनिया ने कहा है कि आज हमें एक साथ जुड़ने की जरूरत है। अलग-अलग बैठे रहेंगे तो यह लड़ाई नहीं जीत पाएंगे। आज हमें एक मंच पर इकट्ठा होने की जरूरत है। एक पंचायत इधर हो रही है, एक पंचायत सोरम में हुई थी और एक पंचायत कुरुक्षेत्र में। मैं इसके लिए क्षमा चाहूंगा कि इनमें भाग नहीं ले पाए, लेकिन मैं सब से अपील करूंगा कि इकट्ठा हो जाइए।

बजरंग ने कहा कि मैं गुरनाम जी से भी अनुरोध करूंगा कि आज कोई फैसला नहीं लें। एक पंचायत हम रखेंगे, खिलाड़ियों की तरफ से वह कॉल हम देंगे, जगह हम बताएंगे, सभी को इकट्ठा रखकर हम पंचायत रखना चाहते हैं। अलग-अलग गुट में हम नहीं बंटना चाहते। यह किसी जाति विशेष की लड़ाई नहीं है, यह हमारी इज्जत और मान सम्मान की लड़ाई है।

बजरंग ने कहा कि जब तक हम बंटे रहेंगे, जीत नहीं पाएंगे। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आज आप कोई भी फैसला ऐसा नहीं लें, जिस अगर हम पूरा नहीं कर पाते तो हमारी जीत नहीं हो पाएगी। हम एक पंचायत खिलाड़ियों की ओर से रखेंगे, जिसमें जितनी भी हमारी खाप पंचायतें हैं, जितने हमारे संगठन हैं, सब को एक मंच पर इकट्ठा करेंगे। 3 से 4 दिन में जगह डिसाइड करके बताएंगे।

बजरंग ने कहा कि साक्षी और विनेश यहां पर नहीं आ पाई। उनके लिए मैं क्षमा चाहता हूं, क्योंकि अब उनमें इतनी हिम्मत नहीं है। जो घटनाएं घटी हैं, 28 तारीख को दिल्ली में और 30 तारीख को गंगा जी वाली जो घटना थी, उसके बाद वह बिल्कुल टूट चुकी हैं। उनको हम हिम्मत दे रहे हैं। उनके साथ परिवार का एक न एक सदस्य जरूर रहता है कि वे कोई यह ऐसी गलती नहीं कर लें, जिससे लगे कि यह समाज उनके साथ नहीं था।
महापंचायत में चढूनी के बयान की बड़ी बातें...
महापंचायत में गुरनाम सिंह चढूनी ने पहले ओडिशा में रेल हादसे में मरने वाले लोगों के लिए 2 मिनट का मौन रखा। इसके बाद कहा कि आज की महापंचायत में बड़ा फैसला लेना चाहते थे, लेकिन बजरंग पूनिया के अनुरोध पर नहीं ले रहे, वरना फैसला यह लिया जाना था कि जिस तरह पहलवान बेटियों को घसीट-घसीट कर जंतर मंतर से दिल्ली से निकाला गया, उसकी तरह भाजपा नेताओं को गांवों से घसीट-घसीट कर बाहर निकालते।

चढ़ूनी ने कहा कि खिलाड़ियों की हर बात को फॉलो करेंगे। आंदोलन खिलाड़ियों का है और जैसा खिलाड़ी चाहेंगे, वैसा हम करेंगे। हल निकालने के लिए लंबी लड़ाई सड़क से संसद तक लड़नी पड़ेगी। व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। एक सड़क की लड़ाई और दूसरी संसद की लड़ाई लड़नी होगी। कमेरे लोग लुटरों को वोट नहीं डालेंगे। बड़ी क्रांति के लिए क्रांतिकारी चाहिए, जो तन-मन-धन से मरने को तैयार रहे। देश में देशद्रोही से ज्यादा देश प्रेमी हैं। लुटेरे सड़क पर और कमेरे संसद में होने चाहिएं।

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि अगर खिलाड़ी यह कहें कि जंतर मंतर पर जाकर सिर कटवाना है तो हम कटवा देंगे, पीछे नहीं हटेंगे। इसका फैसला हम खिलाड़ियों पर छोड़ते हैं। वह जो भी निर्णय लेंगे, हम उनके साथ हैं। पहलवान बजरंग पूनिया ने सभी को एक मंच पर लाकर फैसला लेने की बात कही है। हम उनका समर्थन करते हैं। प्रधानमंत्री निष्पक्ष तरीके से चुनाव लड़ें। एक तरफ वे खड़े हों और दूसरी तरफ हमारे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक हों तो जीत सत्यपाल मलिक की होगी। न्याय के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए सभी को एक मंच पर एकत्रित होना होगा। बिना एकजुट हुए न्याय नहीं मिलेगा।
महापंचायत में लोक कलाकारों को बुलाया गया है, जो आने वाले लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं।
सत्यपाल मलिक की बेटियों को सहयोग करने की अपील
महापंचायत में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले कि महिला खिलाड़ियों के साथ जो हुआ, उसको देखकर खून खौलता था। राजस्थान में भाजपा हार जाएगी। राजस्थान चुनाव में भी पहलवान पहंचें। भाजपा गांव-गांव दुर्गति होगी। लोग बेटियों की बेज्जती का बदला लेंगे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे बेटियों के समर्थन में आएं।

जयंत चौधरी ने ओडिशा रेल हादसे पर भाजपा को घेरा
महापंचायत के मंच से RLD अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ओडिशा रेल हादसे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा वीरो की भूमि है। गांव के लोगों ने अपने संगठन के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी है। लोग आपदा को भी अवसर देखते हैं। सरकार सुनिश्चित करे कि रेल हादसा क्यों हुआ? इतने लोग मारे गए, सरकार सफाई दे और दोबारा ऐसे रेल हादसे दोबारा न हो, सुनिश्चित करे।

पहलवान बेटियों के समर्थन में एक युवक बैनर लेकर पहुंचा, जिस पर लिखा है, पहले मैं इन बहनों का भाई हूं। 
पहलवान बेटियों के समर्थन में एक युवक बैनर लेकर पहुंचा, जिस पर लिखा है, पहले मैं इन बहनों का भाई हूं।
जयंत ने बेटियों की जाति ढूंढने पर अफसोस जताया
जयंत ने कहा कि देश की बेटियों की जाति ढूंढ़ी जा रही है, इससे शर्मनाक और क्या होगा। हाथरस में भी गरीब परिवार के लोगो को न्याय नहीं मिल पाया। पहलवानों के साथ भी पहले दिन से साजिश रही है। बहुत कुछ बदल गया, लेकिन अभी भी पुरुष प्रधान देश है। बिना मातृ शक्ति कुछ नहीं है। बेटियों को समाज में शर्मिंदगी होती है और कई बार अपनी बात नहीं रख पाती।

भूपेंद्र हुड्डा ने बेटियों के लिए काफी लड़ाई लड़ी है। यह राजनीतिक झगड़े की लड़ाई नहीं है। मैं पहले अपनी बहनों का भाई हूं। पूरी लड़ाई मान सम्मान की है। बृज भूषण और अजय सिंह टेनी जनता की नजर में दोषी हैं। पहलवान जो भी नीति बनाएंगे, उनके साथ हैं। पंचायती गूंज दिल्ली तक पहुंचनी चाहिए। अंधभक्ति से लोगों की आंखें खुल रही हैं। किसी आक्रामक फैसले के निर्णय में नहीं हूं।

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