Breaking

Friday, June 16, 2023

*ज्ञानी रघुबीर सिंह अकाल तख्त के नए जत्थेदार:SGPC बोली- ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने खुद पद छोड़ा; अकाली दल पर सवाल खड़े किए थे*

*ज्ञानी रघुबीर सिंह अकाल तख्त के नए जत्थेदार:SGPC बोली- ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने खुद पद छोड़ा; अकाली दल पर सवाल खड़े किए थे*
सिखों के सर्वोच्च श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बदल दिया गया है। उनकी जगह अब ज्ञानी रघुबीर सिंह श्री अकाल तख्त के नए और स्थायी जत्थेदार होंगे। साथ ही वह स्वर्ण मंदिर के हेड ग्रंथी के तौर पर भी अतिरिक्त सेवाएं निभाएंगे।

रघुबीर सिंह अभी तक तख्त श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार थे। अब तख्त श्री केशगढ़ साहिब के नए जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह होंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की अंतरिम कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग में इस बारे में फैसला लिया गया।

SGPC प्रधान एडवाकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा- ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने यह पद स्वेच्छा से छोड़ा है। बैठक से पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने उनसे फोन पर भी बात की है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह अस्थाई जत्थेदार थे और साथ ही श्री दमदमा साहिब की सेवाएं भी निभा रहे थे। ऐसे में संगत भी स्थायी जत्थेदार चुने जाने की मांग कर रही थी। वहीं कुछ समय पहले ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी स्थायी जत्थेदार नियुक्त करने की इच्छा जाहिर की थी।

इस नियुक्ति को विवादों से दूर रखा जाए
बीते लंबे समय से ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने की कोशिशों जारी थी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लेकर अकाली दल काफी समय से नाराज था। सबसे ज्यादा नाराजगी उनके आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्‌ढा की सगाई में जाने को लेकर हुई। इसके अलावा ज्ञानी हरप्रीत सिंह लगातार अकाली दल के पंथ को छोड़ राजनीतिक हितों की तरफ झुकाव पर सवाल खड़े कर रहे थे।

इन विवादों के बीच हुई नई नियुक्तियों को एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने विवादों से दूर रखने का आग्रह किया है।

2017 से पहले स्वर्ण मंदिर के हेड ग्रंथी थे ज्ञानी रघुबीर सिंह
ज्ञानी रघुबीर सिंह की बात करें तो 2017 से पहले वह स्वर्ण मंदिर के हेड ग्रंथी थे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अगस्त 2017 को ज्ञानी रघुबीर सिंह को तख्त केशगढ़ साहिब का कार्यवाहक जत्थेदार नियुक्त किया था। तब उन्होंने तख्त केशगढ़ साहिब के प्रमुख ग्रंथी ज्ञानी फूला सिंह का स्थान लिया था, जिन्हें ज्ञानी मल सिंह के निधन के बाद तख्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। 6 साल बाद अब उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार का कार्यभार संभालने के लिए दिया गया है।

दमदमा साहिब के बने रहेंगे जत्थेदार
ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास श्री अकाल तख्त साहिब का अतिरिक्त कार्यभार था। वे तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार था। अब नए फैसले के बाद वह तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बने रहेंगे। उन्होंने बतौर अकाल तख्त जत्थेदार आखिरी संबोधन ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर 6 जून को किया था।

पहले फूट के आसार देख मुल्तवी की थी मीटिंग
पिछले महीने भी SGPC की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने पर ही बात हुई थी। लेकिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को लेकर अकाली दल में फूट पड़ने लगी। प्रकाश सिंह के सहयोगी, सीनियर अकाली नेता और सुखबीर बादल के करीबी एक दूसरे के आमने सामने आ गए। जिसके बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने इस फैसले को पोस्टपोन कर दिया था। मिली जानकारी के अनुसार श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी देश से बाहर हैं।

तेजा सिंह समुद्री हाल, जहां SGPC की मीटिंग हो रही है।
अब पढ़िए जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से जुड़ा पूरा मामला:-
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्‌ढा और एक्ट्रेस परिणीति चोपड़ा की सगाई में जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पहुंचने के बाद पद से उतारने की कवायतें शुरू हो गई थी। अकाली दल के ही सीनियर नेताओं ने जानकारी दी कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब व श्री दमदमा साहिब के जत्थेदारी से उतारने के फैसले पर अकाली दल में ही फूट पड़ गई।

पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के पुराने साथी और सुखबीर बादल के साथ दिखने वाले चेहरे इस मुद्दे पर एक दूसरे के सामने हो गए हैं।

ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पास उन्हें पद से हटाने की बात पहुंची तो उनके भी बगावती सुर सामने आए। जिसके बाद सुखबीर बादल को यह डर भी सताने लगा है कि कहीं ज्ञानी हरप्रीत सिंह अकाली दल के खिलाफ सीनियर लीडर्स को लेकर बगावत न छेड़ दें।

No comments:

Post a Comment