हरियाणा में बिजली की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अगले 5 साल के लिए हरियाणा ने बिजली की संभावनाएं तलाशनी आरंभ कर दी हैं। राज्य के लिए इंडिया के 6 स्थानों से करीब 10,200 मेगावाट बिजली खरीदने का ऑफर आया है। इसमें से सारे गुणा भाग कर हरियाणा में 3500 मेगावाट बिजली खरीदने की योजना बनाई है।
अगले 5 वर्ष में हरियाणा में बिजली की डिमांड 19 हजार मेगावाट तक पहुंच जाएगी। इस कारण अभी से बिजली की डिमांड को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई गई है। हरियाणा के पानीपत की तीनों यूनिट 2028-29 में बंद हो जाएंगी, इसलिए हरियाणा ने न केवल यमुनानगर में नया पावर प्लांट बनाने की योजना तैयार की है, वहीं दूसरे राज्यों से अभी से बिजली खरीदने का निर्णय लिया है।
बिजली की खपत पिछले साल 27 करोड़ यूनिट तक जा चुकी है, जबकि इस बार भी साढ़े 25 करोड़ से ज्यादा की खपत हो चुकी है। राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित न्यूक्लियर पावर प्लांट ने 2800 मेगावाट बिजली देने का ऑफर हरियाणा को दिया, हरियाणा 900 मेगावट बिजली लेगा।
एमपी के छुटका न्यूक्लियर प्लांट ने 1400 मेगावाट बिजली का ऑफर दिया है, इसमें से 500 मेगावाट बिजली की खरीद होगी। महानदी बेसिन पावर उड़ीसा ने 1600 मेगावाट बिजली के लिए कहा है, इसमें से 800 मेगावाट बिजली की खरीद होगी। दामोदर वैली झारखंड से 3720 मेगावाट बिजली का ऑफर है। इसमें से 800 मेगावाट बिजली मिलेगी। वहीं निपको से 300 और एनवीवीएन से 300 मेगावाट बिजली हरियाणा में लाने की योजना है।
बिजली की खपत बढ़ रही है। अगले 5 साल में यह बढ़कर 19 हजार मेगावाट तक पहुंच जाएगी। इसके लिए पहले से तैयारी की जा रही है। 3500 मेगावाट बिजली खरीदने की योजना बना ली गई है
-पीके दास, बिजली निगमों के चेयरमैन।
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