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Friday, August 18, 2023

व्यवस्था परिवर्तन के 9 साल: मनोहर सरकार ने विकासात्मक कार्यों के साथ समाज निर्माण के लिए किए अनेक कार्य

व्यवस्था परिवर्तन के 9 साल: मनोहर सरकार ने विकासात्मक कार्यों के साथ समाज निर्माण के लिए किए अनेक कार्य
चंडीगढ़,18 अगस्त – किसी भी प्रदेश व देश के लिए उन्नति का मतलब केवल विकास कार्यों या भौतिक विकास तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि समाज हित व एक सभ्य समाज के निर्माण के लिए काम करना भी सरकार की जिम्मेवारी होती है। इस उक्ति को सही मायने में चरितार्थ करके मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने दिखाया है कि राजनीति में रहते हुए समाज की भलाई के लिए व्यापक तरीके से कार्य किया जा सकता है। मनोहर सरकार के पिछले लगभग 9 सालों के कार्यकाल को व्यवस्था परिवर्तन का काल कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री ने आमजन के जीवन को सुगम बनाने की जो पहल की थी, उससे आज आम जनमानस के अधिकारों का हनन होने की बजाये उन्हें घर बैठे सरकारी योजनाओं व सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

मनोहर लाल ने आईटी का प्रयोग करते हुए बड़ा व्यवस्था परिवर्तन कर राजकाज की व्यवस्था को ऑनलाइन किया। सरकार ने ग्राम स्तर तक अंत्योदय सरल केंद्र, अटल सेवा केंद्र खोले, जिससे नागरिकों को सरकार की योजनाओं व सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिली। आज इन केंद्रों के माध्यम से प्रदेशवासियों को 50 से अधिक विभागों की 680 से अधिक योजनाएं व सेवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं। इतना ही नहीं, सामाजिक परिवेश में परिवार एक इकाई होता है, इसलिए परिवार की पहचान हेतु मुख्यमंत्री ने परिवार पहचान पत्र नामक एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की। इसके तहत प्रदेश के सभी परिवारों का डाटा एकत्रित किया गया और प्रत्येक सदस्य की आय, रोजगार इत्यादि सभी जानकारियां एक प्लेटफॉर्म पर दर्ज हैं, जिसके आधार पर सरकार ने आय सीमा के अनुसार प्रदेश के अति गरीब परिवारों को सदस्य अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार इत्यादि सुविधाएं मुहैया करवा रही हैं।

शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान के संकल्प को किया पूरा

हरियाणा एक-हरियाणवी एक को आधार मानते हुए मुख्यमंत्री ने 5 एस यानी- शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान को जो नारा दिया, उसे पूरा करके दिखाया। प्रदेश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार ने आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। वर्ष 2014 के बाद से लगातार शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में वृद्धि की और स्कूलों में अच्छा स्टाफ व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर बल दिया ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके। कोविड-19 के दौरान ‌बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए सरकार ने डिजिटल माध्यम से कक्षाएं लगाई। साथ ही स्कूलों में मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया और निजी स्कूलों की भांति सरकारी क्षेत्र में भी अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए संस्कृति मॉडल स्कूल स्थापित किए गए। हरियाणा पहला ऐसा राज्य बना जिसने आईटी के युग में 10वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को लगभग 5 लाख मुफ्त टैबलेट प्रदान किए, ताकि बच्चे आज के युग के साथ आगे बढ़ सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को राष्ट्रीय लक्ष्य यानी वर्ष 2030 से पहले वर्ष 2025 में ही हरियाणा में पूर्ण रूप से लागू करने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है और 2025 तक ऐसा करने वाला हरियाणा पहला राज्य होगा।

9 सालों में सरकार ने स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को किया सुदृढ़

प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में पिछले लगभग 9 सालों में सरकार ने स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ किया। गांव स्तर तक हेल्थ सेंटर स्थापित किए ताकि हर नागरिक को इलाज की सुविधा सुगमता से मिल सके। चिकित्सों की संख्या बढ़ाने के लिए भी सरकार ने कई कदम उठाए। वर्ष 2014 में जहां प्रदेश में केवल 700 एमबीबीएस की सीटें थी, राज्य सरकार ने पिछले 9 सालों के दौरान नये मेडिकल कॉलेज खोलकर एमबीबीएस की सीटों को 1835 तक लाने का काम किया है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री के विज़न के अनुरूप हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित होने से एमबीबीएस की सीटों की संख्या 3 हजार तक पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं, प्रदेश में नये नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं।

कानून एवं व्यवस्था को किया मजबूत, महिलाओं की सुरक्षा हेतु 33 नए महिला थाने और 239 महिला हेल्प डेस्क किए स्थापित

मुख्यमंत्री कहते हैं कि एक बेटी के पढ़ने से उनके परिवार की कई पीढ़ियां शिक्षित हो जाती हैं। इसी वाक्य को धरातल पर उतारते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से वर्तमान राज्य सरकार ने भ्रूण हत्या पर अंकुश लगाया, परिणामस्वरूप प्रदेश में लिंगानुपात में सुधार हुआ। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने महिलाओं को स्थानीय सरकारों में और अधिक अधिकार देने के लिए पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इतना ही नहीं, पुलिस में भी महिलाओं की संख्या को 15 प्रतिशत तक ले जाने का सरकार का लक्ष्य है। प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देते हुए उनके खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने राज्य में 33 नए महिला थाने और 239 महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं।

50 हजार लोगों को स्वरोजगार के लिए दिलाया ऋण

मुख्यमंत्री ने सत्ता संभालते ही प्रदेश के अति गरीब परिवारों व नागरिकों के उत्थान का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा भी किया। किसी भी व्यक्ति को मुफ्त में कुछ देने की प्रथा के विरुद्ध उन्हें स्वावलंबी बनाने के विज़न के अनुरूप मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में सरकार ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना को लागू किया, जिसके तहत प्रदेश के ऐसे अति गरीब परिवार, जिनकी पारिवारिक आय 1 लाख रुपये से भी कम है, उनके आर्थिक उत्थान का लक्ष्य निर्धारित किया। सरकार के सतत प्रयासों के फलस्वरूप बैंकों के माध्यम से आज लगभग 50 हजार लोगों को ऋण उपलब्‍ध करवाया गया है, जिससे लोगों ने स्वरोजगार स्थापित किए हैं। ये लोग आज 15 हजार रुपये से 20 हजार रुपये प्रति माह आय अर्जित कर अपने परिवार को संभाल रहे हैं।

इन 9 सालों में मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समाज कल्याण और नागरिक उत्थान के लिए जितनी भी योजनाएं व कार्यक्रम चलाए, उतने शायद पहले किसी भी सरकार ने शुरू नहीं किए। 2014 के बाद से वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य ने हर क्षेत्र में जितनी तेज गति से प्रगति की है, इस राह में प्रदेशवासी भी एक नये हरियाणा का गवाह बने हैं। आज समाज का हर वर्ग सरकार की कार्यप्रणाली, नीति निर्माण और पात्र नागरिकों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता से आश्वस्त नजर आता है।

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