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Sunday, September 17, 2023

मेजर आशीष के घर पहुंचे CM:पानीपत में मनोहर लाल ने परिजनों से दुख साझा किया; अनंतनाग में हुए थे शहीद

मेजर आशीष के घर पहुंचे CM:पानीपत में मनोहर लाल ने परिजनों से दुख साझा किया; अनंतनाग में हुए थे शहीद
परिजनों से बातचीत करते हुए सीएम मनोहर लाल।

कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर को आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौंचक (36) के घर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पहुंचे। सीएम, पलवल से बाय एयर पानीपत सेक्टर 13-17 स्थित हैलीपेड पर पहुंचे। यहां गाड़ी के माध्यम से TDI स्थित शहीद मेजर आशीष के नवनिर्मित आवास पर पहुंचकर परिजनों से दुख साझा किया।


मेजर आशीष 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे। उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 15 अगस्त को सेना मेडल दिया था। मेजर आशीष की 2 साल की एक बेटी है, उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं। उनका परिवार अभी सेक्टर 7 में किराए के मकान में रहता है। मेजर का सपना था कि अपने खुद के घर में रहें, इसलिए उन्होंने TDI सिटी में नया घर बनवाया था।
4 महीने पहले परिवार से मिलकर गए थे
मेजर आशीष की शादी 15 नवंबर 2015 को जींद की रहने वाली ज्योति से हुई थी। 4 महीने पहले 2 मई को आशीष अर्बन एस्टेट में रहने वाले साले विपुल की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे। यहां वे 10 दिन रहे और इसके बाद वह ड्यूटी पर लौट गए। उनका परिवार पहले पैतृक गांव बिंझौल में ही रहता था। हालांकि 2 साल पहले वह शहर में शिफ्ट हो गए थे।
3 बहनों के इकलौते भाई थे मेजर, चचेरा भाई भी मेजर
मेजर आशीष 3 बहनों के इकलौते भाई थे। उनकी तीनों बहनें अंजू, सुमन और ममता शादीशुदा हैं। उनकी मां कमला गृहिणी और पिता लालचंद NFL से सेवामुक्त हुए हैं। उनके चाचा का बेटा विकास भी भारतीय सेना में मेजर हैं। उनकी पोस्टिंग झांसी में है, लेकिन आजकल वह पूना में ट्रेनिंग पर हैं।

लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे, प्रमोट होकर मेजर बने
आशीष ने केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई की। 12वीं के बाद उन्होंने बरवाला के कॉलेज से बीटेक इलेक्ट्रॉनिक किया। जिसके बाद वह एमटेक कर रहे थे। इसका एक साल पूरा हुआ था कि 25 साल की उम्र में 2012 में भारतीय सेना में बतौर लेफ्टिनेंट भर्ती हुए थे।
इसके बाद वह बठिंडा, बारामूला और मेरठ में तैनात रहे। 2018 में प्रमोट होकर मेजर बन गए। ढाई साल पहले उन्हें मेरठ से राजौरी में पोस्टिंग मिली। जिसके बाद वह परिवार को साथ नहीं ले गए। उन्होंने पानीपत के सेक्टर 7 में मकान लिया और उन्हें यहां छोड़ दिया।

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