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Saturday, December 16, 2023

शिक्षा, विद्या, ज्ञान सबसे बड़ी ताकत : कैप्टन अभिमन्यु

शिक्षा, विद्या, ज्ञान सबसे बड़ी ताकत : कैप्टन अभिमन्यु
जीद : स्व. चौधरी मित्रसेन आर्य जी की 93वीं जयंती को जींद के जिमखाना क्लब में शुक्रवार को मित्र स्मृति दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें स्व. चौधरी मित्रसेन के  जीवन दर्शन से प्ररेणा पर व्यक्ताओं ने चर्चा की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डा. सुदेश, कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. अविनाश चावला ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता ढांडा खाप एवं जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान देवव्रत ढांडा ने की। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने अतिथियों का स्वागत किया और स्व. चौधरी मित्रसेन के जीवन के विभिन्न पहलुओ पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर स्व. मित्रसेन जी के जीवन पर डाक्यूमेंटरी दिखाई गई। वहीं आर्य समाज के भजन उपेदश भी गाए गए। स्व. चौधरी मित्रसेन जी आर्य सच्चे वैदिक पथ प्रदर्शक : डा. चावला
मुख्य वक्ता कुरूक्षेत्र विश्वविधालय के पूर्व वीसी डा. अविनाश चावला ने कहा कि स्व. चौधरी मित्रसेन जी आर्य सच्चे वैदिक पथ प्रर्दशक थे। बहुत कम पढ़े, फिर भी उर्दू के साथ हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत के साथ वेदों के ज्ञात होने के साथ एक महान विचारक थे। आर्य समाज के सिद्धांतों पर चलते हुए समाज सुधार के साथ व्यापार को आगे बढाया। प्रबंधन का हर पहलू उनसे सीखें। बचपन दिक्कतमें बीता, फिर दृढ़ संकल्प और ईमानदारी से आगे बढ़ते हुए आज हमारे लिए प्ररेणा स्त्रोत बने हैं। पूरी जिंदगी किसी का बुरा नहीं किया। हमेशा अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे। पूरी जिंदगी समाज उत्थान, महिला शिक्षा ओर शिक्षा प्रचार करने के साथ समाज मेें आर्दश स्थापित किए। सही मायनों में संस्कारों की पाठशाला स्व. चौधरी मित्रसेन  आर्य जी थे। उनके आचरण को जीवन में ढाल कर हर बुलंदी को छुआ जा सकता है। 
स्व. चौधरी मित्रसेन जी आर्य एक दार्शनिक थे : वीसी प्रो. डा. सुदेश
भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय की की वीसी  प्रो. डा. सुदेश ने कहा कि स्व. चौधरी मित्रसेन जी आर्य एक दार्शनिक थे। हर छोटी से छोटी बाते परिवार की भांति शेयर करते थे। वे अपने अंदाज से सहज और सरल भाव से वेदों तथा अपना ज्ञान देते थे।आचरण के बारे मे जो महसूस करते थे,  उसी के अनुरूप जीते थे। उनका जीवन बहुत अनुशासित था। जिस नई शिक्षा की बात आज कर रहे हंै, उन्होंने 50 साल पहले इजाद कर दिया था। व्यक्ति के हुनर को बखूबी पहचाना और उन्हें मौका दिया। अपने साथ-साथ दूसरों को आगे बढ़ाने का मौका दिया। इतने बड़े दानी होने के बाद भी कभी श्रेय नहीं लिया। हमेशा निस्वार्थ हर कार्य को किया। उनका विश्वास ईश्वर शक्ति में था। नारी शक्ति को लेकर हमेशा संवेदनशील रहे। ्रग्रामीण आंचल से निकल कर ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया जो आज बड़ा विजन है। 
स्व. चौधरी मित्रसेन का जीवन संस्कारपूर्ण एवं अहंकार रहित : ढांडा
ढांडा खाप के प्रधान एवं जाट धर्मार्थ सभा के प्रधान देववर्त ढांडा ने कहा कि  स्व. चौधरी मित्रसेन के बारे जितनी बातें की जाएं, वह उनके चरित्र के सामने बहुत छोटी हैं। उनका जीवन संस्कारपूर्ण तथा अहंकाररहित था। हमेशा द्वेष से दूर रहे। उन्होंने पूरा जीवन आर्य समाज पथ पर चलते हुए समाज सुधारक के रू में बिताया। जात-पात को उन्होंने उत्तम तथा बुरा आचरण के रूप में माना। पूरे परिवार को संस्कार भी अच्छे दिए। किसी को घर से खाली हाथ नहीं जाने दिया। हर किसी का मान-सम्मान किया। गर्व है कि हम उस महान विभुति का जन्मदिन मना रहे हैं। 
शिक्षा, विद्या, ज्ञान सबसे बड़ी ताकत : कैप्टन अभिमन्यु
कैप्टन अभिमन्यू ने कहा कि स्व. मित्रसेन जी आर्य कहते थे कि शिक्षा, विद्या, ज्ञान सबसे बड़ी ताकत धन और सौंदर्य है। सभी को साथ लेकर चलते थे। उनके जीवन को अपने जीवन मे उतार लाभ लेना उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि इंडस गु्रप जींद में बडा कोचिंग इस्टीटयूट खोलने जा रहा है। यहां के बच्चों को कोचिंग के लिए कोटा या दिल्ली नहीं जाना पडेगा। अव्वल रहने वाले 30 छात्रों को निशुल्क कोचिंग दी जाएगी। कार्यक्रम में शामिल अतिथियों को कैप्टन अभिमन्यु, मेजर सत्यपाल, डा. एकता, अर्चना श्योराण ने भारत मित्र स्तम्भ तथा शॉल देकर सम्मानित किया। 
*यह रहे मौजूद*
इस अवसर पर पूर्व विधायक रामकुमार कटवाल, बान सिंह आर्य, कलीराम पटवारी, सीआरएसयू के वीसी. डा रणपाल, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कर्मबीर सैनी, डा. राज सैनी, रमेश सैनी, मेजर सत्यपाल, डा. एकता सिंधु, विभिन्न खापों के चौधरी, 40 से ज्यादा सामाजिक, धार्मिक आर्य समाज से जुड़े सस्थाओं के पदाधिकारी व शिक्षण सस्थानों से जुड़े लोग मौजूद रहे के रूप में मनाया गया।

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