सीएए लागू हुआ तो विपक्ष ने समझाई क्रोनोलॉजी, अमित शाह बोले- 'पीएम मोदी ने पूरी की एक और गारंटी'
सीएए नियम नोटिफिकेशन पर दलों की प्रतिक्रिया
CAA Rules in India: केंद्र सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान होने से ठीक कुछ समय पहले सीएए नियमों के लागू होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रसन्नता जाहिर की है। वहीं, विपक्षी दलों के 'इंडिया गठबंधन' के नेताओं के अलावा एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने आज नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 को अधिसूचित कर दिया है । ये नियम अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को हमारे देश में नागरिकता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे। इस अधिसूचना को जारी करने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और प्रतिबद्धता को पूरा किया है। साथ ही उन देशों में रहने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों के लिए हमारे संविधान निर्माताओं के वादे को साकार करने का काम भी किया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सीएए को लेकर प्रतिक्रिया जाहिर की है। मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से नागरिकता संशोधन कानून को, अब ठीक चुनाव से पहले लागू करने के बजाय, इसको लेकर लोगों में जो संदेह, असमंजस व आशंकाएं हैं, उन्हें पूरी तरह से दूर करने के बाद ही इसे लागू किया जाना ही बेहतर होता।
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 'एक्स' पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ''दस साल देश पर राज करने के बाद एन चुनाव के पहले मोदी सरकार CAA लेकर आयी है । ऐसे वक्त जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने की बजाय ये लोग CAA लाये हैं।
कह रहे हैं कि तीन पड़ोसी राज्यों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। यानि ये पड़ोसी राज्यों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं, क्यों? पूरा देश CAA का विरोध करता है। खासकर असम और पूरे उत्तर पूर्वी भारत के लोग इसका सख्त विरोध करते हैं जो बांग्लादेश से होने वाले माइग्रेशन के शिकार रहे हैं और जिनकी भाषा और संस्कृति आज खतरे में है। बीजेपी ने असम और पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों के लोगों को धोखा दिया है। लोग इसका लोक सभा चुनाव में जवाब देंगे। *पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे- असदुद्दीन ओवैसी*
एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी सोशल मीडिया मंच 'एक्स' की प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया है कि सीएए का उद्देश्य केवल मुस्लिमों को निशाना बनाना है। उन्होंने कहा कि आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे। सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं। सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था।
'5 साल तक लंबित रखने के बाद अब क्यों लागू कर रहे'
असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, ''सताए गए किसी भी व्यक्ति को शरण दें लेकिन नागरिकता धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नहीं होनी चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि उसने इन नियमों को 5 साल तक क्यों लंबित रखा और अब इसे क्यों लागू कर रही है। एनपीआर-एनआरसी के साथ, सीएए का उद्देश्य केवल मुसलमानों को लक्षित करना है, इसका कोई अन्य उद्देश्य नहीं है। सीएए एनपीआर एनआरसी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे भारतीयों के पास फिर से इसका विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को 6 माह पहले सीएए नियमों को नोटिफाई करना चाहिए था। उन्होंने सीएए कानून को लेकर यह भी कहा कि अगर कोई अच्छी चीज होती है तो हम हमेशा समर्थन और सराहना करते हैं। वहीं, कुछ भी ऐसा किया जाता है जो देश के लिए अच्छा नहीं है, तो टीएमसी हमेशा अपनी आवाज उठाएगी और इसका विरोध करेगी। मुझे पता है कि रमजान से पहले आज की तारीख क्यों चुनी गई। मैं लोगों से शांत रहने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील करती हूं। साथ ही यह भी कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए। सीएए दिखाकर किसी की नागरिकता रद्द की जाती है तो इसको बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो सपा मुखिया अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा- "जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए 'नागरिकता कानून' लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। बीजेपी सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गए। चाहे कुछ हो जाए कल 'इलेक्टोरल बॉन्ड' का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर 'केयर फंड' का भी."
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भी सीएए पर अपने आधिकारिक 'एक्स' अकाउंट पर सीएए लागू करने को लेकर पोस्ट शेयर की है। कांग्रेस नेता जयराम ने लिखा, ''दिसंबर 2019 में संसद की ओर से पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को 4 साल और 3 महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है। नियमों की अधिसूचना के लिए 9 बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है.''
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