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Sunday, June 2, 2024

धुम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति आशा वर्कर्स करें जागरूक : डा. गोपाल गोयल

धुम्रपान से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति आशा वर्कर्स करें जागरूक : डा. गोपाल गोयल
शिक्षण संस्थानों के पास तंबाकू पदार्थ बेचना अपराध : डा. रमेश पांचाल
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में मनाया विश्व तंबाकू निषेध दिवस
जींद : सीएमओ डा. गोपाल गोयल के दिशा-निर्देशानुसार शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर पोलीक्लीनिक, आईटीआई तथा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 
पोलीक्लीनिक में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन डा. गोपाल गोयल ने मुख्यतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने यहां स्वास्थ्यकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस प्रति वर्ष 31 मई को मनाया जाता है। आशा वर्करों का संपर्क गांव व शहर में गर्भवती महिलाओं, महिलाओं, बच्चों से ज्यादा रहता है तो आप इस अभियान को सफल बनाने में अहम योगदान दे सकते हो। आप द्वारा अपने एरिया में नो स्मोकिंग अभियान के बारे में आमजन को जागरूक किया जाना है। क्योंकि इसका सीधा प्रभाव गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं व बच्चों के स्वास्थ्य पर होता है। 
उपसिविल सर्जन (दंतक) डा. रमेश पांचाल ने आईटीआई में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को एक खास थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में तंबाकू निषेध दिवस 2024 की थीम है बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना। इस दिवस का मकसद लोगों को तंबाकू से होने वाले खतरों के बारे में बताना और जागरूक करना है। दुनियाभर में हर साल लाखों लोगों की मौत तंबाकू सेवन से हो जाती है। इस दिवस का महत्व और उद्देश्य लोगों को खासतौर पर युवाओं को तंबाकू से होने वाले नुकसान से बचाना और उन्हें इस बारे में शिक्षित करना है। आजकल कुछ युवाओं में तम्बाकू उत्पाद जर्दा, खैनी चबाने का चलन भी बढ़ रहा है। जिसके कारण मुंह में छाले आदि बने रहते हैं। जोकि जल्द ही मुंह व गले के कैंसर का कारण बनती है।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित लगभग 325 छात्र व छात्राओं को बताया कि तंबाकू व धुम्रपान से गले का कैंसर,  मुंह का कैंसर, फेफडों का कैंसर व हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों की ज्यादा संभावना रहती है। बीड़ी,  सिगरेट, तंबाकू तथा हुक्के का सेवन खतरनाक होता है। धुम्रपान करने वाला व्यक्ति,  जिसको कि फस्र्ट हैंड स्मोकिंग भी कहा जाता है वह अपने स्वास्थ्य का नुकसान तो करता ही है साथ ही आसपास के लोगों जिसको कि सेकिंड हैंड स्मोकिंग भी कहा जाता है, उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। धुम्रपान वायु प्रदूषण का भी मुख्य कारण बनता है। सार्वजनिक स्थानों जैसे कि स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, अस्पताल, सचिवालय, कोर्ट परिसर आदि पर धुम्रपान पूर्णतया वर्जित है। ऐसे स्थानों पर धुम्रपान करते पकड़े जाने पर 200 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर दायरे में तंबाकू, बीड़ी व सिगरेट, गुटखा, खैनी, जर्दा या कोई भी नशीले उत्पाद बेचना व धुम्रपान करना गैर कानूनी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहता है। उनहोंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही एमएमयु बसों में लगाई गई प्रदर्शनी तथा पीयर एजुकेटर द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आमजन को प्रेरित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहता है। स्वास्थ्य विभाग जींद से जुडे कैंसर रोगियों द्वारा भी आमजन को धूम्रपान व तंबाकू छोडऩे के बारे में प्रेरित किया जाता है। जो कि काफी सराहनीय पहल है। उप सिविल सर्जन डा. पालेराम कटारिया ने आशाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें चिह्नित व्यक्तियों को बीसीजी टीकाकरण किया जाना है। जोकि भविष्य में टीबी रोग से बचाएगा। इस मौके पर पोलीक्लीनिक जींद से डा. श्याम सुंदर, डा. दीपिका ढांडा, डा. रिंपी, विरेंद्र लैब तकनीश्यिन, फार्मासिस्ट रेणु कौशिक, इंदुबाला क्लर्क व आईटीआई से प्रिंसिपल अनिल गोयल आदि मौजूद रहे।

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