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Wednesday, June 5, 2024

NEET Result 2024: हेमांग मंथन आशरी ने अपनी आशाओं को दी उड़ान

NEET Result 2024: हेमांग मंथन आशरी ने अपनी आशाओं को दी उड़ान
जींद : जींद जिले के हेमांग मंथन आशरी की ज़िद ने दी जिले को पहचान। हेमांग ने नीट यूजी परीक्षा 2024 में 720 में से 705 अंक हासिल करके अपने परिवार व जिले का नाम रोशन किया है। इसी के साथ वह जींद जिले के टॉपर भी बन गए हैं। हेमांग मंथन आशरी अंग्रेजी के जाने-माने प्रोफेसर डॉ० महेश आशरी व राजकीय महिला महाविद्यालय जींद में कार्यरत डॉ० सुमिता आशरी के सुपुत्र हैं।"जीवन में असली उड़ान अभी बाकी है, इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है,
अभी तो नापी है मुट्ठी भर जमीन, अभी तो नापना आसमान बाकी है"
अगर सपनों को साकार करना है तो दृढ़ संकल्प के साथ अथक प्रयास करना जरूरी है। जींद के रहने वाले हेमांग मंथन आशरी ने बुलंद हौंसलों और कड़ी मेहनत के साथ 705 अंक प्राप्त करके नीट यूजी परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। NEET 2024 के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इस बार नीट की परीक्षा देशभर से लगभग 25 लाख छात्रों ने दी थी और हेमांग नीट परीक्षा में 705/720 अंक लेकर जींद जिले के टॉपर बन गए हैं। हेमांग ने नीट परीक्षा पास करने के लिए रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई की। घंटों की पढ़ाई और कड़ी मेहनत के बाद उन्हें सफलता मिली है।
नीट में 705 अंक हासिल करने के बाद हेमांग आकाश संस्थान के श्री परविंद्र कुमार ने उसे सम्मानित कर उसका हौसला बढ़ाया। वहीं हेमांग को बाकी विद्यार्थियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बताया है। बता दें हेमांग बचपन से ही एक मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने सभी छात्रों को यह संदेश दिया है कि यदि हम एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य का निर्धारण करते हैं और उसकी प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहते हैं तो हमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। 
रोज सेट करता था टारगेट- हेमांग ने बताया कि वह नीट परीक्षा क्लियर करने के लिए NCERT की किताबें पढ़ा करते थे। हेमांग की सफलता के पीछे उनका दृढ़ संकल्प रहा। नीट परीक्षा की तैयारी करते समय हेमांग रोज एक लक्ष्य निर्धारित करते थे और उसे पूरा करके ही सोते थे, इससे कोई बैकलॉग नहीं रहता था। काम को कल पर ना टालना ही उनकी सफलता की कुंजी है जिसने हेमांग को जींद में नीट में पहला स्थान प्राप्त कराया है। हेमांग के 705 अंक आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है।
हेमांग ने अपनी इस उपलब्धि के लिए परमपिता परमात्मा का आभार व्यक्त किया और इसका श्रेय अपने गुरुजनों और अपने माता-पिता को दिया जिन्होंने हेमांग को इस चुनौतीपूर्ण परीक्षा की तैयारी करते समय आत्मिक और मानसिक संबल दिया और उनका मनोबल बढ़ाया।

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