नई दिल्ली: ED ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 834 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। ये संपत्ति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में है।
आरोप है कि ईएमआर-MGF ने हुड्डा और डायरेक्टर डीटीसीपी त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीनें हथिया ली थी, इसकी वजह से न केवल लोगों को बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ था।
ईडी ने EMAAR की 501.13 करोड़ रुपए और MGF की 332.69 करोड़ रुपए कीमत की 401.65479 एकड़ में फैली अचल संपत्तियों को कुर्क किया है। दोनों पर गुरुग्राम में सेक्टर-65 और 66 में आवासीय प्लॉट कॉलोनी के लिए DTCP से मिले लाइसेंस के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जा रही है।
CBI की ओर से दर्ज FIR के आधार पर ED जांच कर रही है। इस मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
यह मामला अलग-अलग जमीन के मालिकों, आम जनता और हुड्डा के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और बाद में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई गई। इससे भूस्वामियों को अपनी जमीन इन कॉलोनाइजर कंपनियों को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65 से 67 की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी।
No comments:
Post a Comment