माता चनन देवी आर्य कन्या गुरुकुल स्कूल, पिल्लूखेड़ा में सुभाष चंद्र बोस जयंती 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई गई: साइबर अपराध जागरूकता और दूरसंचार जागरूकता पर भी चर्चापिल्लूखेड़ा/जींद : देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में माता चनन देवी आर्य कन्या गुरुकुल स्कूल, पिल्लूखेड़ा में बड़े हर्षोल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर छात्रों, शिक्षकों और समाज के अन्य लोगों ने नेताजी के आदर्शों और बलिदानों को याद किया और उनके जीवन से प्रेरणा ली। कार्यक्रम का उद्देश्य केवल नेताजी को श्रद्धांजलि देना ही नहीं था, बल्कि उनके अदम्य साहस और राष्ट्रभक्ति की भावना को विद्यार्थियों में जागरूक करना भी था। इसके साथ ही, कार्यक्रम में साइबर अपराध जागरूकता और दूरसंचार जागरूकता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जो आधुनिक समय में बेहद प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता हितेश हिंदुस्तानी, जो अन्ना टीम जींद के संयोजक और ट्राई (दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) की राष्ट्रीय समिति सदस्य हैं, ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके साहसी निर्णयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "नेताजी का जीवन हमें सिखाता है कि किसी भी चुनौती से डरने की आवश्यकता नहीं है। आज की डिजिटल दुनिया में हमें विशेष रूप से साइबर अपराध और अन्य चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस और सजगता की जरूरत है।"हितेश हिंदुस्तानी ने विशेष रूप से साइबर अपराध के खतरों पर जोर देते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में हर व्यक्ति को इस नए प्रकार के अपराधों से सचेत रहना चाहिए। उन्होंने फ़िशिंग, पहचान चोरी, और बैंक धोखाधड़ी जैसे ऑनलाइन खतरों से बचने के उपाय सुझाए और विद्यार्थियों को मजबूत पासवर्ड, दो-स्तरीय प्रमाणीकरण, और व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन साझा करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी।हितेश हिंदुस्तानी ने दूरसंचार जागरूकता पर भी जोर देते हुए कहा कि मोबाइल फोन और इंटरनेट का बढ़ता उपयोग समाज में आवश्यक है, लेकिन इसके साथ ही इनका सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग करना और भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों को स्मार्ट यूजर बनने के लिए प्रेरित किया, जो अपने मोबाइल और इंटरनेट का सही उपयोग करें और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचें।उन्होंने कहा, "दूरसंचार और इंटरनेट का सही उपयोग हमें न केवल सुविधाएं देता है, बल्कि यह हमारी सुरक्षा का माध्यम भी है, बशर्ते हम इसका सही ढंग से उपयोग करें।" उन्होंने उपस्थित लोगों को ट्राई द्वारा जारी सुरक्षा गाइडलाइनों की जानकारी दी, जिससे वे अपने अधिकारों और सुरक्षा उपायों के बारे में अधिक जागरूक हो सकें।साइबर अपराध के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए हितेश हिंदुस्तानी ने बताया कि कैसे आज के समय में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहा है और विशेष रूप से युवा पीढ़ी को इसके खतरों से सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा, "आज का युवा वर्ग तकनीकी प्रगति के केंद्र में है, लेकिन उसे यह समझना जरूरी है कि साइबर अपराध किस तरह से उनके जीवन को प्रभावित कर सकता है।" उन्होंने छात्रों को साइबर अपराध से बचने के उपाय सुझाए, जिसमें किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करना, संवेदनशील जानकारी साझा करते समय सतर्क रहना, और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देना शामिल है।मंजू मानव, जो एक प्रसिद्ध लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के महान जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि उनका जीवन साहस, सेवा, और निष्ठा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, "नेताजी का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्र के लिए निःस्वार्थ सेवा करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य है, और आज हमें उनके आदर्शों का पालन करके देश को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।" उन्होंने बताया कि आज के आधुनिक युग मे छात्राए अपने आप को कैसे और अधिक सुरक्षित बना सकती है।विद्यालय की प्रधानाचार्या ज्योति गुलाटी ने इस अवसर पर अन्ना टीम जींद और विशेष रूप से हितेश हिंदुस्तानी और मंजू मानव का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए प्रेरणादायक था, बल्कि उन्हें आधुनिक समय की चुनौतियों के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण मंच भी प्रदान करता है। उन्होंने सभी छात्रों से आग्रह किया कि वे नेताजी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।कार्यक्रम को सफल बनाने में सत्यम और संजय तिरंगाधारी की विशेष भूमिका रही।
प्रधानाचार्या ज्योति गुलाटी ने अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहा और उन्होंने सभी उपस्थित वक्ताओं, आयोजकों और सहभागियों का धन्यवाद किया। उन्होंने सभी छात्रों को साइबर अपराध से बचने और डिजिटल उपकरणों का सही उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम का समापन नेताजी सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों के प्रति श्रद्धा और साइबर अपराध से सावधानी बरतने के संकल्प के साथ हुआ। छात्रों और शिक्षकों ने यह प्रण लिया कि वे तकनीकी उपकरणों का सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग करेंगे और समाज को जागरूक करने के कार्यों में सक्रिय भागीदारी करेंगे।
इस प्रकार, माता चनन देवी आर्य कन्या गुरुकुल स्कूल, पिल्लूखेड़ा में सुभाष चंद्र बोस जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का यह कार्यक्रम न केवल नेताजी को सम्मानित करने का अवसर था, बल्कि वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए समाज को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी था।
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