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Saturday, January 25, 2025

अखिल भारतीय साहित्य परिषद जींद द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष साहित्यिक गोष्ठी आयोजन

अखिल भारतीय साहित्य परिषद जींद द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर विशेष साहित्यिक गोष्ठी आयोजन 
जींद :अखिल भारतीय साहित्य परिषद, जींद के तत्वाधान में एक विशेष साहित्यिक गोष्ठी का आयोजन परिषद अध्यक्षा मन्जु मानव के घर सम्पन्न हुई,जिसकी अध्यक्षता सुविख्यात कवि एवं लेखक डॉक्टर अशोक बतरा ने की। उन्होंने राष्ट्रीय भावना और भाषा के गौरव पर कविताएं मुक्त कंठ से अभिव्यक्त की। 
डॉक्टर बतरा की अध्यक्षता में डॉक्टर मंजुलता, डॉक्टर शिवनीत,नरेन्द्र अत्री,सीमा वत्स, हितेश हिन्दूस्तानी, संजय तिरंगाधारी इत्यादि ने अपनी उपस्थित दर्ज करवा कार्यक्रम की शोभा बढाई। डॉक्टर मंजुलता रेढू ने भावनात्मक काव्यधारा में कहा "एक नया विश्वास दिलाता है गणतंत्र, अब है शक्ति अनंत हमारी हम परिपूर्ण स्वतंत्र "
प्रचार मन्त्री डॉक्टर शिवनीत ने कहा  
"यह राष्ट्र सनातनी रहेगा, बदलेगा ये फरमान नही 
मैं सच्चा भारतवासी हूं इससे बढ़कर मेरी पहचान नहीं "
अध्यक्ष मन्जु मानव  ने  "नफरत की आंधी में खुद ही उड़ जाओगे 
बोओगे बबूल अगर तो आम कहां पाओगे। " रचना  सुनाई। नरेन्द्र अत्री ने मुक्तक  सुनाए ""क्या पता किसमें मीरा हो किसमें राम हो। 
और किस देह में अयोध्या, मथुर काशी धाम हो " सीमा वत्स ने  गीत  "किसपे विश्वास करें यार जमाने वाले 
राह में लूट रहे राह दिखाने वाले "गाकर सुनाया। डा.अशोक बत्रा और डा.मन्जुलता ने हिन्दी साहित्य की वर्तमान स्थिति पर विचार किया। 
 गोष्ठी के अन्त में सभी विद्वानों को सम्मानित किया गया और अध्यक्षा मन्जु मानव द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया।

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