21 चिकित्सक जींद को, छह सफीदों, पांच नरवाना, चार उचाना, एक को जुलाना मिली ज्वायनिंग
जींद : जिला के लोगों के लिए खुशखबरी है। जींद की स्वास्थ्य सेवाओं में इजाफा होने जा रहा है। नई भर्ती से जींद स्वास्थ्य विभाग को कुल 37 चिकित्सक मिले हैं। इन 37 चिकित्सकों में से सबसे अधिक जींद अस्पताल को 21 चिकित्सक मिले हैं जबकि सफीदों अस्पताल को छह, नरवाना अस्पताल को पांच, उचाना अस्पताल को चार तथा एक चिकित्सक को जुलाना में ज्वायनिंग मिली है। इन सभी चिकित्सकों के ज्वायन करने से स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ होंगी।
जींद अस्पताल की बात की जाए तो यहां चिकित्सकों की कुल 55 पोस्ट हैं लेकिन 23 चिकित्सक ही काम कर रहे हैं। जबकि 32 पोस्ट खाली थी। इसी तरह नरवाना नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों की 42 पोस्ट हैं लेकिन पांच चिकित्सक ही काम कर रहे थे और 37 चिकित्सकों के पद खाली रहे। इसी तरह सफीदों नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों के 11 पद हैं और केवल दो चिकित्सक ही काम कर रहे हैं। जबकि नौ पद खाली रहे। उचाना नागरिक अस्पताल में भी चिकित्सकों के 11 पद हैं लेकिन दो चिकित्सक ही काम संभाले हुए थे। यहां भी नौ पद खाली रहे। ऐसे में जींद जिला को 37 चिकित्सक मिलने से विभाग को काफी राहत मिलेगी। इन चिकित्सकों को वैकेंट पोस्ट के आधार पर ज्वायन करवाया गया है। जींद अस्पताल की बात की जाए तो ओपीडी 1600 से 1800 के बीच होती है। ऐसे में उम्मीद है कि चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे जींद को नए चिकित्सक उपलब्ध होने से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतरीन होंगी।
*डिप्टी सिविल सर्जन के पद भी खाली*
जींद की बात की जाए तो डिप्टी सिविल सर्जन के आठ पद हंै लेकिन एक ही डिप्टी सिविल सर्जन मौजूद है। सात सिविल सर्जन के पद रिक्त हैं। इसी तरह डिप्टी सिविल सर्जन डेंटल का एक पद है, जोकि मौजूद है। वहीं एसएमओ की बात की जाए तो जींद अस्पताल में पांच पद हैं। जिनमें से चार पर एसएमओ कार्यरत हैं जबकि एक पद रिक्त है। इसी तरह नरवाना में तीन पद हैं। एक भरा हुआ है और दो पद रिक्त हैं। सफीदों में एक ही एसएमओ चाहिए और वो भरा हुआ है। उचाना अस्पताल में में भी दो एसएमओ चाहिए वो भी भरे हुए हैं। इसी तरह एमएस के जींद अस्पताल में दो पद हैं। इनमें से एक पद पर एमएस कार्यरत है जबकि एक पद रिक्त है।
जींद जिला की बात की जाए तो सीएचसी से लेकर पीएचसी तक चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। अब विभाग को 37 चिकित्सक नए मिले हैं। जिनसे सीएचसी, पीएचसी स्तर पर काम लिया जाएगा। जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं भी बढेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
निर्माण से लेकर अबतक नही हुई चिकित्सकों की कमी पूरी
जिला मुख्यालय पर 1975 में नागरिक अस्पताल की शुरूआत हुई थी। उस समय से लेकर आजतक जिले में चिकित्सकों की कमी कभी भी दूर नहीं हुई। जींद अस्पताल की बात की जाए तो यहां 55 चिकित्सकों की आवश्यकता है लेकिन इस समय केवल 18 चिकित्सक काम कर रहे हैं।
जिला मुख्यालय पर 200 बैड का अस्पताल बना हुआ है। वहीं, सफीदों, नरवाना तथा उचाना सब डिविजन पर 100-100 बैड के अस्पताल हैं। उधर, जुलाना, पिल्लूखेडा, अलेवा, उझाना समेत आठ स्थानों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बनाई गई हैं। वहीं जिले में 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बनाई गई हैं और 185 हैल्थ सैंटर बनाए गए है। जिन पर लोगों को नजदीक स्वास्थय सेवा उपलब्ध करवाने का जिम्मा है। सामुदायिक केंद्रों पर एक-एक चिकित्सक की नियुक्ति की गई है जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एमपीएचडब्ल्यू के सहारे चल रही है। स्पेशलिस्ट चिकित्सकों व अन्य की कमी को लेकर स्वत: अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिना चिकित्सकों के मरीजों को कैसे स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें।
*नए चिकित्सकों के आने से स्वास्थ्य सेवाएं होंगी सुदृढ़ : डा. भोला*
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि विशेषज्ञों व चिकित्सकों की कमी के बावजूद भी जितनी सुविधाएं उपलब्ध थी, उनके माध्यम से चिकित्सकों द्वारा अस्पताल में उपचार की बेहतर सुविधाएं देने का प्रयास किया जाता है। अब 37 चिकित्सक जिला को मिले हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बेहतरीन होंगी।
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