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Tuesday, August 26, 2025

व्यापारी आत्मसम्मान की लड़ाई: लूथरा फीड्स मामले में जांच रिपोर्ट से बढ़ा दबाव, सख़्त कार्रवाई की माँग

Ø  व्यापारी आत्मसम्मान की लड़ाई: लूथरा फीड्स मामले में जांच रिपोर्ट से बढ़ा दबाव, सख़्त कार्रवाई की माँग

Ø  लूथरा फीड्स विवाद: एडीसी रिपोर्ट डीसी को भेजी गई, ज़रूरत पड़ी तो होगी कानूनी लड़ाई

Ø  अन्ना टीम जींद की शिकायत पर एडीसी जांच रिपोर्ट में प्रशासनिक ज्यादती की पुष्टि, रिपोर्ट डीसी को भेजी गई
जींद : जींद जिले के प्रतिष्ठित पोल्ट्री व्यवसायी श्री इंद्रजीत लूथरा, प्रो. लूथरा फीड्स के साथ हुई प्रशासनिक कार्यवाही के मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है। अन्ना टीम जींद की शिकायत पर हुई अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) कि जांच जो  50 दिन तक  चली मे सहायक आबकारी एवं कराधान अधिकारी (एईटीओ) श्री राजेश गुप्ता को दोषी पाया है।अन्ना टीम जींद को अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) की  18 अगस्त 2025 की जांच रिपोर्ट प्रति उपलब्ध हुई, जिसे तत्काल प्रभाव से आगे की कार्रवाई हेतु जिला उपायुक्त (DC) जींद को भेज दिया गया है। रिपोर्ट स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि संबंधित अधिकारी ने न केवल अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया बल्कि अपने पद का दुरुपयोग कर व्यापारी के साथ गंभीर अन्याय किया, किसी भी स्तर पर जब्ती माल का सरकारी रिकॉर्ड तैयार नहीं किया गया, बार बार अनुरोध करने के बावजूद अधिकारी ने माल का वजन करवाकर देने से इनकार किया।
*घटना का विवरण*

यह पूरा मामला 9 जून 2025 की घटना से जुड़ा है। उस दिन एईटीओ श्री राजेश गुप्ता बिना किसी वैध अधिकार के लूथरा फीड्स परिसर में घुस गए और एक ट्रक सहित माल को जब्त कर लिया, मौके पर मौजूद इंद्रजीत लूथरा के बेटे जीवेश लूथरा को धक्का मारा गया व् सदस्य स्टाफ व जीवेश को सरकारी काम मे बाधा डालने के गैर जमानती केस की धमकी दी गयी

जब्ती के समय माल का सरकारी रिकॉर्ड तैयार नहीं किया गया न कोई सूची बनाई गई, न ही वजन दर्ज किया गया।
जब्त किया गया माल सरकारी गोदाम के बजाय निजी फर्म, मैसर्स लक्ष्मी एंटरप्राइजेज में रखा गया।
13 जून 2025 को जब ट्रक वापस किया गया, उसमें से 11 टन माल गायब पाया गया।
बार बार अनुरोध करने के बावजूद अधिकारी ने माल का वजन करवाकर देने से इनकार किया
एडीसी जांच रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन – जीएसटी अधिनियम के तहत केवल संयुक्त आयुक्त या उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी को ही जब्ती व निरीक्षण का अधिकार है। श्री गुप्ता की कार्रवाई पूरी तरह अवैध थी।
अवैध जब्ती – किसी भी स्तर पर जब्ती का सरकारी रिकॉर्ड तैयार नहीं किया गया।
निजी स्थान पर माल रखना – सरकारी गोदाम की बजाय निजी फर्म में माल रखकर नियमों का खुला उल्लंघन किया गया, जबकि बीएसएनएल का सरकारी कार्यलय व वन विभाग नजदीक थे जबकि निजी फर्म जहाँ गाडी खड़ी गयी काफी दूर है ।
11 टन माल की कमी – लौटाए गए ट्रक में 11 टन माल गायब पाया गया, जिसका कोई विवरण या हिसाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
रिपोर्ट में साफ लिखा गया है कि श्री राजेश गुप्ता ने सरकारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना, पद का दुरुपयोग और अनुशासनहीनता की है। इसलिए, उनके खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

अन्ना टीम जींद के संयोजक हितेश हिन्दुस्तानी ने कहा:

"यह केवल एक व्यापारी का मामला नहीं है, बल्कि जींद के मेहनतकश उद्यमियों और जिले की आर्थिक गरिमा के आत्मसम्मान की लड़ाई है। एडीसी की जांच रिपोर्ट ने हमारे सभी आरोपों को सही ठहराया है। अब हमारी मांग है कि —"

दोषी अधिकारी श्री राजेश गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए।
गायब हुए 11 टन माल का पूरा मुआवज़ा व्यापारी को दिलाया जाए।
पोल्ट्री उद्योग को कृषि आधारित ग्रामीण उद्योग घोषित कर स्पष्ट एसओपी (Standard Operating Procedure) बनाई जाए।
उन्होंने आगे कहा:
"जरूरत पड़ी तो कानूनी लड़ाई भी लड़ी जाएगी । यह लड़ाई किसी एक व्यापारी की नहीं बल्कि जींद के समस्त व्यापारी वर्ग और किसानों की अस्मिता की है। हम जल्द ही माननीय उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्डा से दोबारा मुलाकात करेंगे और सरकार पर दबाव बनाएंगे कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो तथा भविष्य के लिए ठोस कानून बनाए जाएं।"

यह प्रकरण स्पष्ट करता है कि व्यापारी वर्ग केवल आर्थिक प्रगति का हिस्सा नहीं है, बल्कि जिले के आत्मसम्मान और सामाजिक गरिमा का स्तंभ भी है। अन्ना टीम जींद ने संदेश दिया है कि जींद की धरती पर किसी व्यापारी के साथ प्रशासनिक मनमानी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्य सतर्कता अधिकारी, सतर्कता विभाग, हरियाणा ने मामले में संज्ञान लेते हुए इसे "सतर्कता जांच / समयबद्ध / सर्वोच्च प्राथमिकता" श्रेणी में रखा है। इस संबंध में जांच की कार्यवाही 09 जुलाई 2025 को प्रातः 11:00 बजे आबकारी एवं कराधान आयुक्त, हरियाणा के कार्यालय (कमरा नं. 216, द्वितीय तल, वाणिज्य भवन, सेक्टर 5, पंचकूला) में निर्धारित की गई थी।

शिकायत के संबंध में सभी तथ्य पहले ही सक्षम प्राधिकारी के साथ साझा किए जा चुके हैं और वर्तमान में जांच की प्रक्रिया प्रगति पर है। विभाग द्वारा आवश्यक दस्तावेजों और तथ्यों को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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