जींद : डीसी मोहम्मद इमरान रजा की कोर्ट ने वीरवार को एक बुजुर्ग के खिलाफ उनके बेटों की अपील को खारिज कर दिया। बेटों की अपील थी कि वे उनके पिता को प्रतिमाह पांच हजार रुपये और उनका भरण-पोषण नहीं कर सकते।
पूरा विवरण
डीसी इमरान ने साफ कह कि आप जमीन भी लेकर अपने पिता का पालन-पोषण नहीं कर सकते। अब बेटों को जमीन भी वापस अपने पिता के नाम करनी होगी।
बुजुर्ग रामनिवास का कहना है कि दो बेटों और बहुओं ने छह साल पहले उन्हें घर से निकाल दिया। उन्होंने अपने बेटों को करोड़ों रुपये की जमीन उनके नाम कर दी थी। ट्रिब्यूनल कोर्ट ने साल थाना प्रभारी ने आरोपी नहीं पकड़े, एसडीएम ने कार्रवाई नहीं की और तहसीलदार कुछ भी नहीं कर सके। 2020 में उनके हक़ में फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने पुलिस को मकान का कब्जा दिलाने के आदेश दिए लेकिन आज तक उन्हें मकान नहीं मिल पाया है।
साल 2023 में उन्होंने पुनः कब्जा दिलाने की गुहार लगाई थी। एसडीएम की कोर्ट ने दस जनवरी 2020 को बुजुर्ग के बेटों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये और उनकी देखभाल करने के आदेश दिए थे लेकिन उसके बेटों ने पांच साल तक न तो उन्हें दवा के लिए पांच हजार रुपये दिए और न देखभाल की। घर से ही निकाल दिया।
वह किराए पर रहने लगे। तभी से यह मामला विचाराधीन था। अब फिर उसके बेटों ने एसडीएम के आदेशों के खिलाफ डीसी की कोर्ट में याचिका डाली।
याचिका में बताया कि वह एसडीएम के आदेशों को पूरा नहीं कर सकते। वह अपने पिता को न तो प्रतिमाह 5,000 रुपये दे सकते हैं और न ही उनका भरण-पोषण कर सकते हैं। इस पर डीसी की कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
यह खबर जींद से संबंधित है, और यह डीसी की कोर्ट द्वारा एक बुजुर्ग पिता की देखभाल न करने वाले बेटों की याचिका खारिज करने के बारे में है।
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