*कारोबारी सुगमता में आई तेजी*
*मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की प्राथमिकता क्षेत्रों की प्रगति की समीक्षा*चंडीगढ़–हरियाणा देश का सबसे अधिक व्यापार-अनुकूल राज्य बनने के अपने लक्ष्य की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा है। मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने आज यहां एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य की विनियमन और अनुपालन सरलीकरण से जुड़ी पहलों की समीक्षा की। इनमें से 82 प्रतिशत पहलों को या तो लागू किया जा चुका है या इन पर तत्परता से काम चल रहा है।
बैठक में अनुपालन कमी से जुड़े 11 प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्रों की समीक्षा की गई, जिन्हें नियामक बाधाओं को दूर करने और सभी क्षेत्रों में व्यवसायों के लिए अनुमोदन में तेज़ी लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
समीक्षा बैठक के दौरान बताया गया कि डिरेगुलेशन सेल द्वारा पाँच पहलों को पूरी तरह से लागू किया जा चुका है, 14 पहलें इस समय विभिन्न विभागों द्वारा तत्परता से कार्यान्वित की जा रही हैं और केवल चार केंद्र सरकार के पास लंबित हैं।
सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक औद्योगिक भूमि के लिए एक व्यापक जीआईएस-आधारित डेटाबैंक का शुभारंभ है। इसे हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) द्वारा विकसित और भारत औद्योगिक भूमि बैंक के साथ एकीकृत किया गया है। यह डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म निवेशकों को अभूतपूर्व गति और पारदर्शिता के साथ औद्योगिक प्लॉटों की पहचान, तुलना और अधिग्रहण करने की सुविधा देता है।
राज्य ने भवन अनुमोदन और संयुक्त निरीक्षणों में सूचीबद्ध थर्ड पार्टी एजेंसियों की भूमिका का भी विस्तार किया है, जिससे स्वीकृति प्रक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। नियमित तकनीकी मूल्यांकन अब इन प्रमाणित एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। इससे विभागों को नीतिगत कार्यों और निगरानी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने में सुविधा मिल रही है।
राज्य सरकार ने कारखानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में महिलाओं को रात्रिकालीन पाली में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी है, जिससे रोजगार के नए अवसर खुले हैं। यह अनुमति सुरक्षित और विनियमित परिस्थितियों में दी जाएगी। इसके साथ ही, पहले से प्रतिबंधित कुछ उद्योगों में महिलाओं के कार्य पर लगे पुराने प्रतिबंध भी हटाए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, मसौदा दुकान अधिनियम और पंजाब फैक्ट्री नियम, 1952 में संशोधन करके आधुनिक सुरक्षा मानकों को शामिल किया जा रहा है। इन सुधारों से महिलाओं की कार्यस्थल भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना है।
हरियाणा अब “सभी के लिए एक जैसा नियम” मॉडल से हटकर एकीकृत जोखिम-आधारित नियामक प्रणाली अपनाने जा रहा है, जिससे छोटे और मध्यम जोखिम वाले उद्यमों को प्रत्यक्ष सरकारी निरीक्षण के बजाय थर्ड पार्टी निरीक्षण की सुविधा मिलेगी। भवन अनुमति, कब्जा प्रमाणपत्र आदि की प्रक्रिया को भी सरल और समयबद्ध बनाया गया है।
*भूमि उपयोग में लचीलापन और पूर्ण डिजिटल स्वीकृति प्रणाली*
राज्य ने मिश्रित भूमि उपयोग (मिस्ड यूज जोनिंग) की नई नीति लागू की है, जिससे औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में विकास की संभावनाएँ बढ़ी हैं। भूमि उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया अब पूरी तरह डिजिटल है, जिससे प्रशासनिक स्तर पर लगने वाले समय में कमी आई है।
फैक्टरी लाइसेंस, व्यापार अनुमति, बिजली कनेक्शन, जल आपूर्ति और पर्यावरण मंजूरी, अब ज्यादातर हरियाणा राइट टू सर्विस एक्ट के तहत पूरी तरह डिजिटलीकृत हैं, जिसके लिए परिभाषित समयसीमा और स्पष्ट जवाबदेही तंत्र मौजूद है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अनुपालन उद्योगों के लिए स्वचालित सहमति नवीनीकरण लागू कर रहा है। इसके अलावा, गैर‑प्रदूषणकारी उद्योगों को “व्हाइट कैटेगरी” में पुन: वर्गीकृत किया जा रहा है। इससे न्यूनतम पर्यावरण जोखिम वाले व्यवसायों पर गैर‑जरूरी नियामक बोझ हटाया जा रहा है।
प्रदेश में सभी सरकारी सेवाओं को एकीकृत सिंगल विंडो सिस्टम से जोड़ा जा रहा है, जो नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम के साथ पूरी तरह एकीकृत होगा। इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उद्यमी सभी आवश्यक अनुमोदन एक ही डिजिटल इंटरफेस पर प्राप्त कर सकेंगे। इससे कई विभागों के चक्कर काटने या बार-बार दस्तावेज़ जमा करवाने की आवश्यकता नहीं होगी।
सरकार राज्य‑स्तरीय कानून भी तैयार कर रही है जो जन विश्वास अधिनियम के सिद्धांतों के अनुरूप होगा। इसका उद्देश्य छोटे अनुपालन उल्लंघनों को गैर‑आपराधिक बनाना और दंडात्मक उपायों के स्थान पर सुविधाजनक तंत्र कायम करना है। साथ ही, आधुनिक श्रम संहिता और व्यापार कानूनों के अनुरूप नए नियम तैयार किए जा रहे हैं ताकि “भविष्य‑सक्षम नियामक ढांचा” स्थापित किया जा सके।
मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी ने इस व्यापक परिवर्तन का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि हम नियमों की संस्कृति से सुविधा की संस्कृति और अनुपालन बोझ से अनुपालन सरलता की तरफ बढ़ रहे हैं। हरियाणा देश का सबसे अधिक निवेशक‑अनुकूल राज्य बनने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ उद्यमिता फले-फूले, रोजगार सृजन बड़े तथा आर्थिक विकास समावेशी और टिकाऊ हो।
बैठक में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री राजीव रंजन,अग्निशमन सेवाएं विभाग के महानिदेशक श्री शेखर विद्यार्थी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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