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Wednesday, April 29, 2020

लॉकडाउन हटा तो भी मई मे नही खुलेंगे स्कूल-कॉलेज -प्रदेश के 12 जिलों में परिवहन व सुविधाओं की तैयारी

(मनोज)चंडीगढ़, 29 अप्रैल। 
प्रदेश सरकार ने लोक डाउन के बाद फिर से हरियाणा को पटरी पर लाने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार राज्‍य में 3 मई के बाद ग्रीन जोन के 12 जिलों में परिवहन सहित कुछ और सुविधाएं देने की तैयारी है। सरकार इन क्षेत्रों में लाॅकडाउन से राहत दे सकती है। इन सब बीच यदि लॉकडाउन हटा या इसमें अधिक ढील भी दी गई तो भी शिक्षण संस्थान नहीं खोले जाएंगे। मई के पूरे महीने निजी और सरकारी स्कूलों व कॉलेजो के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई से काम चलाना पड़ेगा।
-विद्यार्थियों को ऑनलाइन से चलाना पड़ेगा काम
बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट घोषित नहीं होने के बावजूद 11वीं में बच्चों को प्रोविजनल आधार पर दाखिले शुरू हो गए हैं। शिक्षा निदेशालय ने एक सप्ताह के भीतर दाखिला प्रक्रिया पूरी कर रिपोर्ट मांगी है। इसके अलावा अन्य कक्षाओं के छात्रों को भी प्रमोट कर अगली क्लास में दाखिले तथा  स्कूल बदलने की स्थिति में ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रदेश में कोरोना के मरीज लगातार आ रहे हैं, इसलिए सरकार अभी शिक्षण संस्थाओं को खोलने का जोखिम नहीं उठा सकती। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ऑनलाइन शिक्षा की पैरवी करते हुए मौजूदा तकनीक में निरंतर सुधार करने के निर्देश दिए हैं ताकि बच्चों को और बेहतर तरीके से पढ़ाई कराई जा सके।
प्रदेश में करीब 52 लाख छात्र हैं। शिक्षा विभाग अधिकतर बच्चों के केबल पर एजुसेट के जरिए ऑनलाइन शिक्षा गहण करने का दावा कर रहा, लेकिन गाउंड रिपोर्ट बताती है कि 30 से 40 फीसद छात्र ही अपनी पढ़ाई कर पा रहे हैं। स्कूलों में सिलेबस कवर कराने के लिए यू-ट्यूब, फेसबुक और वाट्स-एप के अलावा जूम एप का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। शिक्षाविदों के अनुसार क्लास रूम में शिक्षा का दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता, लेकिन ऐसे हालात में ऑनलाइन पढ़ाई न से तो ठीक ही कही जाएगी। क्लास रूम में अध्यापक व छात्र के सीधे संवाद के बिना वांछित परिणाम नहीं आ सकते।
-कॉलेज परीक्षाओं पर संशय बरकरार
यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षाओं पर संशय बरकरार है। अमूमन अप्रैल में स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं की परीक्षाएं शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार महामारी के कारण अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही। हालांकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन परीक्षा कराने का विकल्प दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय संबंधित यूनिवर्सिटी ही करेगी।

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