(मनवीर) गुरुग्राम- कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए, आए दिन देश के इंजिनियर नई नई खोज करने मे लगे इसी बचाव की दिशा में अब नया कदम उठाया है रोबोट का प्रयोग कर मरीजो तक भोजन व दवाई उपलब्ध करवाना । जी हाँ, अब गुरुग्नाराम के नागरिक अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीजों को दवा देने से लेकर खाना पहुंचाने तक का काम अब रोबोट करेगा। यह रोबोट अन्य आवश्यक चीजों को भी वार्ड के अंदर पहुंचाने में स्टाफ की मदद करेगा।
गुड़गांव में प्रदेश का यह पहला नागरिक अस्पताल है, जहां रोबोट कोरोना पीड़ितों को दवाइयां व खाना पहुंचाने के लिए मिला है। हस्पताल प्रसाशन द्वारा इसका सफल ट्रायल भी किया जा चूका है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मरीजों को दवा देने, खाना देने के लिए अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ या अन्य कर्मचारियों को वार्ड में जाना पड़ता था। अब ये सब काम रोबोट करेगा। इसके अलावा वार्ड में यदि किसी चीज की जरूरत होगी, तो बाहर से रोबोट ही उसे लेकर अंदर जाएगा। इसके लिए अन्य स्टाफ को आइसोलेशन वार्ड में जा कर अपने आप को खतरे में डालने की जरूरत नहीं होगी।
इसके सफल परीक्षण के बाद अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इसे उपयोग में लाएंगे। यह रोबोट एक साथ कई काम कर सकता है। एक बार में पांच से अधिक कमांड देने पर भी यह एक बार में सभी काम कर लेता है।
तकनिकी रूप से इसे लेजर गाइडेड तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है, जिस भी जगह पर रोबोट को इंस्टाल किया जाएगा, वहां का नक्शा पहले इसके प्रोग्राम में सेट कर दिया जाएगा। उसके बाद जरूरत के अनुसार कमांड देकर इसका उपयोग किया जा सकता हैं। रोबोट में नक्शे के साथ बिस्तर नंबर डालने पर यह कमांड मिलते ही यह बिस्तर पर भर्ती मरीज तक पहुंच जाएगा। यदि इस काम के दौरान रोबोट के आगे कोई अड़चन आती है, तो उसमें लगा सायरन बजने लगेगा, यदि कुछ देर प्रतीक्षा के बाद भी अड़चन नहीं हटती है, तो रोबोट अपने दूसरे सुरक्षित रूट पर चलकर गंतव्य तक पहुंचेगा।
आपको बता दें कि दि हाईटेक रोबोटिक्स कंपनी की ओर से सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में यह रोबोट उपलब्ध करवाया गया है। इससे पहले कंपनी ऐसे दो रोबोट आईटीबीपी को और एक रोबोट झज्जर स्थित एम्स अस्पताल में उपलब्ध करवा चुकी है।
गुड़गांव में प्रदेश का यह पहला नागरिक अस्पताल है, जहां रोबोट कोरोना पीड़ितों को दवाइयां व खाना पहुंचाने के लिए मिला है। हस्पताल प्रसाशन द्वारा इसका सफल ट्रायल भी किया जा चूका है। अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक मरीजों को दवा देने, खाना देने के लिए अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ या अन्य कर्मचारियों को वार्ड में जाना पड़ता था। अब ये सब काम रोबोट करेगा। इसके अलावा वार्ड में यदि किसी चीज की जरूरत होगी, तो बाहर से रोबोट ही उसे लेकर अंदर जाएगा। इसके लिए अन्य स्टाफ को आइसोलेशन वार्ड में जा कर अपने आप को खतरे में डालने की जरूरत नहीं होगी।
इसके सफल परीक्षण के बाद अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इसे उपयोग में लाएंगे। यह रोबोट एक साथ कई काम कर सकता है। एक बार में पांच से अधिक कमांड देने पर भी यह एक बार में सभी काम कर लेता है।
तकनिकी रूप से इसे लेजर गाइडेड तकनीक के आधार पर विकसित किया गया है, जिस भी जगह पर रोबोट को इंस्टाल किया जाएगा, वहां का नक्शा पहले इसके प्रोग्राम में सेट कर दिया जाएगा। उसके बाद जरूरत के अनुसार कमांड देकर इसका उपयोग किया जा सकता हैं। रोबोट में नक्शे के साथ बिस्तर नंबर डालने पर यह कमांड मिलते ही यह बिस्तर पर भर्ती मरीज तक पहुंच जाएगा। यदि इस काम के दौरान रोबोट के आगे कोई अड़चन आती है, तो उसमें लगा सायरन बजने लगेगा, यदि कुछ देर प्रतीक्षा के बाद भी अड़चन नहीं हटती है, तो रोबोट अपने दूसरे सुरक्षित रूट पर चलकर गंतव्य तक पहुंचेगा।
आपको बता दें कि दि हाईटेक रोबोटिक्स कंपनी की ओर से सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में यह रोबोट उपलब्ध करवाया गया है। इससे पहले कंपनी ऐसे दो रोबोट आईटीबीपी को और एक रोबोट झज्जर स्थित एम्स अस्पताल में उपलब्ध करवा चुकी है।
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