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Tuesday, April 14, 2020

कमर्शियल वाहन में यात्री की मौत पर बीमा कंपनी नहीं वाहन का मालिक जिम्मेदार : हाइकोर्ट

चंडीगढ़, 14 अप्रैल। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने मोटर एक्सीडेंट को लेकर अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि यदि मालवाहक वाहन में यात्री सफर कर रहा है तो एक्सीडेंट की स्थिति में बीमा कंपनी उसकी मौत हेतू मुआवजा देने की जिम्मेदार नहीं होगी। हालांकि हाईकोर्ट ने मृतक के परिजनों को मुआवजे का हकदार माना और मुआवजा राशि देने के लिए मालिक को जिम्मेदार बता उसे राशि का भुगतान करने के आदेश दिए। मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ट्रक के साथ हुए हादसे को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए ट्रक का बीमा करने वाली कंपनी को मुआवजे के लिए जिम्मेदार मान भुगतान के आदेश दिए थे। इन आदेशों को चुनौती देते हुए बीमा कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कंपनी ने कहा कि ट्रक का बीमा उन्होंने किया था और बीमा की शर्त के अनुसार वे उसके हेतू मुआवजा देने के लिए बाध्य हैं। जिस व्यक्ति की मौत के लिए मुआवजा देने के ट्रिब्यूनल ने आदेश दिए थे वह भारी वाहक वाहन में मौजूद अनाधिकृत यात्री था। ऐसे में उनकी मौत की स्थिति में मुआवजे के लिए बीमा कंपनी को बाध्य नहीं माना जाना चाहिए। बीमा कंपनी ने बताया कि ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार उन्होंने क्लेम की राशि का भुगतान आश्रितों को कर दिया है और अब इस राशि को वाहन मालिक से रिकवर करने का उन्हें अधिकार दिया जाए। हाई कोर्ट ने याचिका पर सभी पक्षों को सुन इस मामले में बीमा कंपनी की दलील को सही मानते हुए अपना फैसला सुनाया। फैसले में यह स्पष्ट किया कि भार वाहक वाहन में यदि कोई अनाधिकृत यात्री है तो उसकी मौत के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार नहीं है, लेकिन यात्री की मौत एक्सीडेंट में हुई हैतो वह क्लेम का हकदार है जिसका भुगतान करने के लिए वाहन मालिक बाध्य है।

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