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Sunday, May 10, 2020

प्रवासी घर वापसी- रेवाड़ी से तीन, भिवानी से एक रेलगाड़ी निकली बिहार-मध्यप्रदेश के लिए

प्रवासी श्रमिकों का हरियाणा की उन्नति में उल्लेखनीय योगदान- मनोहर लाल 

(मनोज)चंडीगढ़, 9 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि राज्य से इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए रोजाना विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों को प्रदेश के विभिन्न रेलवे स्टेशनों से चलाया जा रहा है और इसी श्रृंखला में आज हरियाणा से चार रेलगाडिय़ों को भेजा गया है जिनमें रेवाड़ी से तीन रेलगाडिय़ों के माध्यम से लगभग 3600 प्रवासी श्रमिकों को बिहार व मध्य-प्रदेश तथा भिवानी से लगभग 1200 प्रवासी श्रमिकों को बिहार भेजा गया हैं।

उन्होंने कहा कि इन प्रवासी श्रमिकों का हरियाणा की उन्नति में उल्लेखनीय योगदान है। उन्होंने कहा कि विविधताओं के बावजूद हम सब भारतीय एक हैं और इसी भावना व सोच के साथ हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन में फंसे और अपने घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को राज्य सरकार के खर्च पर उनके गृह राज्यों में भिजवाने की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के किसी भी भाग में रहने वाले सभी भारतीय एक हैं और इनकी दुख-तकलीफ को दूर करना हम सब भारतीयों का दायित्व है। 

-रेवाड़ी जंक्शन से बिहार के मुज्जफरपुर व किशनगंज तथा मध्य प्रदेश के छत्तरपुर के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक स्पेशल रेलगाडिय़ां-

रेवाड़ी के जंक्शन से तीनों ट्रेनों में लगभग 3600 प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य जाने के लिए रवाना किया गया। मुज्जफरपुर के लिए रवाना हुई विशेष रेलगाड़ी में रेवाड़ी जिला के प्रवासी श्रमिकों को भेजा गया है जो यहां पर खेती इत्यादि का कार्य कर रहे थे। इसी प्रकार, किशनगंज व छत्तरपुर के लिए विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों में महेंद्रगढ़ जिला के प्रवासी श्रमिकों को रेवाड़ी जंक्शन से रवाना किया गया। आज लगातार तीसरे दिन रेवाडी जंक्शन से तीन विशेष रेलगाडिय़ों को रवाना किया गया है जिनमें आज यहां से सर्वाधिक संख्या में प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा गया है।

-भिवानी से पूर्णिया के लिए रवाना हुई विशेष श्रमिक रेलगाड़ी-

भिवानी रेलवे स्टेशन से आज बिहार के लिए रवाना हुई ट्रेन में कुल 1198 श्रमिकों में से 712 प्रवासी श्रमिक दादरी जिला से व 486 श्रमिक भिवानी जिला से हैं। बिहार भेजी गई इस विशेष श्रमिक रेलगाड़ी में बिहार के पुर्णिया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल के रहने वाले प्रवासी श्रमिक हैं। ट्रेन के चलने पर प्रवासी श्रमिकों ने हाथ हिलाकर हरियाणा सरकार का अभिनंदन व आभार जताया। ऐसे प्रवासी श्रमिकों की सुविधा के लिए हरियाणा सरकार द्वारा ट्रेन व बस की व्यवस्था भी की गई है।

--रेलवे स्टेशनों पर किए गए सभी जरूरी इंतजाम--

सभी प्रवासी श्रमिकों को बस के माध्यम से रेलवे स्टेशन तक लाया गया। प्रवासी श्रमिकों को रवाना करने के दौरान रेलवे स्टेशनों पर सभी जरूरी इंतजाम किए गए। जहां एक तरफ रेवले प्लेटफार्म को वैक्यूम क्लीनर मशीन से बार-बार साफ किया गया तो वहीं दूसरी ओर प्रत्येक यात्री यानि प्रवासी श्रमिक के हाथ सेनीटाईज किए गए। रेल के प्रत्येक कोच पर पुर्णिया, अररिया, सहरसा, मधेपुरा और सुपौल इत्यादि स्थानों के पंपलेट चस्पा किए गए, ताकि यात्रियों को बैठाने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। 

--यात्रियों की गई स्वास्थ्य जांच, बैठाया गया सोशल डिस्टेंसिंग के साथ--

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सभी प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच की गई। प्रत्येक डिब्बे के सामने हेल्प डेस्क बनाए गए। जहां से प्रत्येक यात्री को उनकी टिकट दी गई। प्रत्येक यात्री की टिकटों पर पेड फॉर हरियाणा गर्वंमेंट की मुहर लगी है, यानि प्रवासी श्रमिकों के सफर का खर्च हरियाणा सरकार ने वहन किया है। प्रत्येक यात्री को सोशल डिस्टेंस के साथ बैठाया गया तथा यात्रियों ने भी प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना की और सोशल डिस्टेंस बनाए रखा।

....मजबूरी में छोडना पड़ रहा है हरियाणा, वरना यहां से कौन जाकर राजी है साहेब.....

भिवानी रेलवे स्टेशन पर प्रवासी श्रमिकों से बातचीत करते हुए एक श्रमिक ने कहा कि यहां के खाने का मुकाबला नहीं, दाना-पानी रहा तो फिर आएंगें, मजबूरी में छोडना पड़ रहा है हरियाणा, वरना यहां से कौन जाकर राजी है साहेब। बिहार के लिए रवाना हुए प्रवासी श्रमिकों के चेहरों पर हालांकि अपने घर जाने की खुशी थी, लेकिन हरियाणा को छोडने का गम भी था और बातचीत के दौरान उनका दर्द साफ दिखाई दिया।
ट्रेन में सवार हुए पूर्णिया से युवा अनिल मरंडी ने बताया कि वह यहां पर खेती का काम करने आया था। यहां पर उनको किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं थी, लेकिन लॉक डाउन के कारण उनको यहां से जाना पड़ रहा है। इसी प्रकार, पूर्णिया से छोटे लाल ने बताया कि वे यहां से बिल्कुल नहीं जाना चाहते थे, लेकिन पीछे परिवार के हालात ही ऐसे बन गए हैं कि उनको जाना पड़ रहा है।
सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि वे यहां पर मिस्त्री का काम कर रहे थे, लेकिन लॉक डाउन बढऩे के कारण उनको जाना पड़ रहा है अन्यथा यहां पर उनका काम सही चल रहा था। कटियार से गुलाबी ने बताया कि उनको यहां पर कोई परेशानी नहीं थी, यदि लॉक डाउन नहीं होता तो वे यहां से नहीं जाते। इसी प्रकार, मोहम्मद सलाऊदीन ने बताया कि उनको मजबूरीवश वापस जाना पड़ रहा है और लालो ऋषि का कहना था कि वे लोहारू में फसल कटाई के लिए आए थे, सारा काम सही चल रहा था कि अचानक हालात ऐसे बन गए कि उनको जाना पड़ रहा है।
इसी प्रकार से लाडू सिंह व कुंदन सिंह ने बताया कि वे यहां पर लावणी करने आए थे, लॉक डाउन नहीं होता तो वे यहां पर और कुछ काम करते क्योंकि यहां जैसा खाना-पीना कहीं नहीं है। उनका यह भी कहना था कि हरियाणा सरकार ने उनके लिए सही व्यवस्थाएं की है|

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