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Sunday, May 24, 2020

अनुसूचित जाति समाज का बंटवारा सहन नही: डहीनवाल

एससी समाज की जातियों को विशेष भर्ती अभियान द्वारा दे प्रतिनिधित्व

सेवा स्तम्ब के प्रधान जगदीश प्रसाद डहीनवाल
रेवाड़ी 24 मई (पंकज कुमार) माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन एससी ए और बी वर्गीकरण को लेकर जिस तरह से पिछले दिनों हरियाणा सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए शैक्षणिक संस्थानो में दाखिलों में अनुसूचित जाति में वंचित अनुसूचित जाति समाज का निर्माण के नाम पर  वर्गीकरण किया गया  जो अनुसूचित जाति समाज को बांटने का काम किया है वो सरासर असंवैधानिक है। क्योंकि माननीय संविधान के तहत वर्गीकरण में से वर्गीकरण नहीं किया जा सकता। ऐसा फैसला पूर्व की भजनलाल सरकार में भी किया था जिसके बाद एससी संगठनों के मजबूत वोट बैंक  के बलबूते चौ.भजनलाल को कभी भी सत्ता सुख नहीं मिला था यदि वर्तमान सरकार  ने भी समय रहते इस तुगलकी फैसले को वापस नहीं लिया तो आने वाले समय में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। यह बात आज एससी वर्ग में शैक्षणिक वर्गीकरण को लेकर किये गये फैसले के विरोध में सेवा स्तम्ब के प्रधान जगदीश प्रसाद डहीनवाल ने फोन से कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक कर सेवा स्तम्ब के पदाधिकारियों से उक्त मामले में विचार विमर्श किया जिन्होंने एकमत विचार व्यक्त करते हुए हरियाणा सरकार को चेतावनी भरे लहजे में  कहा की यह फैसला गलत है जब मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है तो फिर सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने के प्रयास के साथ हरियाणा सरकार इस तरह के फैसले कैसे लागू कर सकती हैं। अतः इस फैसले की कड़े शब्दों में निन्दा कर फैसले का विरोध किया। 

श्री डहीनवाल ने कहा अगर सरकार हकीकत में अनुसूचित जाति समाज की कुछ जातियों के लिए कुछ करने की मंशा है तो वो विशेष भर्ती अभियान चलाकर उनको प्रतिनिधित्व दे ताकि अनुसूचित जाति समाज का भाईचारा टूटे ना । डहीनवाल ने कहा इस तरह के नोटिफिकेशन जारी कर सरकार अनुसूचित जाति समाज का ध्यान बैकलॉग की भर्ती से भटकाना चाहती है। सेवा स्तम्ब प्रधान ने सरकार से माँग की कि अगर सही मायने में सरकार अनुसूचित जाति समाज के लिए कुछ करना चाहती है तो वो 1992 से अब तक कि बैकलॉग की भर्ती को पूरा करे । ताकि समाज मे फैली असमानता को दूर किया जा सके व उनके प्रतिनिधित्व को पूरा किया जा सके । जगदीश प्रसाद डहीनवाल ने कहा की इससे पूर्व माननीय  उच्च न्यायालय पंजाब व हरियाणा चण्डीगढ़ में सन् 2006 में एस सी ए और बी वर्ग खत्म कर दिया गया था। यही नहीं पूर्व में तत्कालिन हरियाणा सरकार ने  माननीय सुप्रीम कोर्ट में दिये गये  हल्फनामे में यह कहा गया था की जब तक यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। तब तक सरकार एससी ए और बी वर्गीकरण कहीं भी लागू नहीं किया जाऐगा। यहां तक की यह फैसला शैक्षणिक संस्थानों में भी लागू नहीं किया जाऐगा।  इस बारे में सरकार ने नोटिफिकेशन  22/8/2004-3GS-111 दिनाँक 7.6.2007 को भी जारी किया गया था। यदि सरकार ने समय रहते इस फैसले को वापिस नहीं लिया तो सेवा स्तम्ब सहित अन्य संगठन  मौजूदा सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने से  परहेज़ नहीं करेंगे। जिसकी जिम्मेदार स्वम् सरकार होगी। बैठक में ओमप्रकाश नाहरवाल, फूल सिंह नाहरवाल,धारे सिंह पूनिया, महेश दत्त,भगत सिंह सांभरिया, रामपाल मेहरा,काशी राम आचार्य, अभय सिंह डहीनवाल, रामप्रकाश तोंदवाल,वीडी मेहरा,जगदीश चन्द्र दहिया,आरपी जिनागल,पी डी  मेहरा, सुरजीत सिंह,एडवोकेट मोतीलाल नैनावत,एडवोकेट करण सिंह,एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल,एडवोकेट सतीश कुमार, एडवोकेट,एडवोकेट मुकेश कुमार, सहित अन्य लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त कर सरकार के फैसले के खिलाफ रोष व्यक्त किया।

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