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Monday, May 18, 2020

प्रवासी घर वापसी जारी है - अब तक एक लाख 88 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को घर भेजा

(मनोज)चंडीगढ़, 18 मई- हरियाणा सरकार द्वारा लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए रेलगाडिय़ों व बसों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। अब तक विभिन्न राज्यों के एक लाख 88 हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को रेलगाडिय़ों, बसों व अन्य साधनों से उनके गंतव्य स्थानों पर भेजा जा चुका है।
        इसी कड़ी में, आज तीन विशेष रेलगाडिय़ों के माध्यम से लगभग 3800 प्रवासी मजदूरों को बिहार व मध्य प्रदेश स्थित उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया। इनमें से एक रेलगाड़ी पानीपत से बिहार के कटिहार, दूसरी गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा जबकि तीसरी ट्रेन भिवानी से मध्य प्रदेश के छतरपुर गई है। इसके अलावा, 284 बसों से लगभग 8500 श्रमिकों को उत्तर प्रदेश भी भेजा गया है।
        अब तक 46 विशेष रेलगाडिय़ां प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों को लेकर जा चुकी हैं। इनमें से 33 ट्रेनें बिहार और 13 ट्रेेनें मध्य प्रदेश गई हैं। इसी तरह, 2938 बसों के माध्यम से भी प्रवासी श्रमिकों व अन्य लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजा गया है।
        आईजी सीआईडी श्री अनिल कुमार राव ने बताया कि 20 से 26 मई तक बिहार के लिए 23 रेलगाडिय़ां चलाई जानी प्रस्तावित हैं जिनमें से बिहार सरकार से 8 ट्रेनों की स्वीकृति मिल चुकी है। इसी तरह, 20 से 23 मई के बीच मध्य प्रदेश के लिए 8 रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी जिनकी स्वीकृति  मध्य प्रदेश सरकार से मिल चुकी है। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल के लिए भी 6 विशेष ट्रेनें चलाई जानी प्रस्तावित हैं जबकि एक ट्रेन असम के गुवाहाटी के लिए भी चलाई जाएगी। 

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गुरुग्राम से 1200 श्रमिकों को भेजा ‘गया’

        गुरुग्राम रेलवे स्टेशन से आज बिहार के ‘गया‘ के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन में 1200 प्रवासी श्रमिक खुशी-खुशी अपने घरों को लौट गए। उनके साथ जो दिव्यांग बच्चे थे, उनके लिए आज का दिन खास रहा क्योंकि जिला प्रशासन की तरफ से सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स द्वारा दिव्यांग बच्चों से केक कटवाया गया। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कार्यरत सभी प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए नि:शुल्क व्यवस्था करने के साथ-साथ उनके लिए भोजन, पानी आदि समेत सभी आवश्यक वस्तुएं भी नि:शुल्क देकर उन्हें रवाना किया गया। रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग की गई और उन्हेें फूड पैकेट बांटे गए। इसके अलावा, जाने वाले प्रत्येक नागरिक ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। जैसे ही ट्रेन रेलवे स्टेशन से निकली, सभी ने भारत माता की जय के नारे लगाए और तालियां बजाकर प्रवासी श्रमिकों के सकुशल लौटने की कामना की।

भिवानी रेलवे स्टेशन से 1513 प्रवासी श्रमिकों को किया छतरपुर के लिए रवाना

        जिला भिवानी से 944 तथा चरखी दादरी से 569 प्रवासी मजदूरों ने अपने घर वापस जाने के लिए पंजीकरण करवाया। रेलवे स्टेशन पर इनके स्वास्थ्य की जांच की गई और सभी श्रमिकों को मास्क दिए गए। उन्हें दोपहर और रात्रि का भोजन, केले, बिस्कुट आदि देकर रेलगाड़ी में बैठाया गया। इस दौरान शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया और रेलगाड़ी को सेनेटाइज भी करवाया गया। हर डिब्बे के सामने हेल्प डेस्क बनाए गए थे, जहां से प्रत्येक यात्री को उनकी टिकट दी गई। टिकटों पर पेड फॉर हरियाणा गर्वंमेंट की मुहर लगी थी यानि प्रवासी मजदूरों के सफर का खर्च हरियाणा सरकार ने वहन किया है।

रेल सेवा से घर जाना हुआ संभव, जताया प्रशासन का आभार

        अपने-अपने घरों को जाने के लिए रेलगाड़ी में बैठे प्रवासी श्रमिकों के चेहरे खिले हुए थे। रेल में सवार होने के दौरान छतरपुर निवासी नेहा ने कहा कि वे यहां पर मजदूरी के लिए आए हुए थे। लॉकडाउन में उनको लगा कि उनका यहां से अपने घर जाना नामुमकिन है, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसे संभव बना दिया। इससे वे अपने घर वापस जा सकेंगी। इसी प्रकार, छतरपुर जिला के गांव दमो निवासी शकुन देवी ने कहा कि वे मजबूरी में यहां से जा रहे हैं। उनका घर जाना जरूरी है, नहीं तो वे यहीं काम करके खुश थे। छतरपुर जिला के गांव खेरा निवासी देबीदीन ने कहा  कि उनके घर से बार-बार आने के लिए कह रहे हैं, इसलिए वे वापस जा रहे हैं।  सरकार ने गाड़ी की व्यवस्था करवा दी, वरना वे अपने घर नहीं जा पाते।

पानीपत से 1200 श्रमिकों को लेकर गई कटिहार गई स्पेशल ट्रेन

        पानीपत रेलवे स्टेशन से कटिहार (बिहार) के लिए 1200 श्रमिकों को रवाना किया गया। जाने से पहले प्रवासी नागरिकों की थर्मल स्कैनिंग की गई और उन्हें मुफ्त फूड पैकेट व रास्ते के लिये पानी की बोतलें बांटी गई। इसके अलावा, जाने वाले प्रत्येक नागरिक को मास्क दिए गए। हरियाणा से जाने वाले सभी प्रवासी श्रमिक इस सोच और विचार को अपने साथ लेकर जा रहे हैं कि हरियाणा ने उन्हें न केवल आजीविका के साधन उपलब्ध करवाए बल्कि उनका पूरा मान-सम्मान भी रखा और लॉकडाउन के समय कठिन परिस्थितियों में उनकी मदद की।

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