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Friday, June 26, 2020

6 जुलाई से सावन / शुभ...सावन का शुभारंभ व समापन सोमवार को ही, इस बार 5 साेमवार, इस बार नहीं निकलेगी कांंवड यात्रा

6 जुलाई से सावन / शुभ...सावन का शुभारंभ व समापन सोमवार को ही, इस बार 5 साेमवार, इस बार नहीं निकलेगी कांंवड यात्रा

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) कोरोना महामारी के कारण बीती 8 जून काे ही शहर के मंदिर भक्तों के दर्शन के लिए खाेले गए हैं, वहीं एक सप्ताह बाद ही हिंदू संस्कृति के महत्वपूर्ण पर्वों का सिलसिला शुरू हो रहा है। इनमें 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी, 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और 6 जुलाई से सावन माह का शुभारंभ होगा।
इस बार लंबे अर्से बाद 5 सोमवार वाले सावन माह का आगमन हो रहा है, जो भक्तों के लिए शुभ संकेत माना जा रहा है। देवशयनी एकादशी पर सभी देवी-देवता योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस मान्यता के कारण लगभग चार माह देवउठनी एकादशी (25 नवंबर) तक सभी मांगलिक कार्य नहीं होंगे, लेकिन जप, तप, दान, व्रत, हवन आदि जारी रहेंगे।
गुरुपूर्णिमा का पर्व 5 जुलाई को मनाया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना संक्रमण से बचाव के कारण इस बार गुरु-शिष्यों के मिलन पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं। इस स्थिति में शिष्यों को अपने गुरु के चित्र पूजन, मानसिक नमस्कार एवं संचार साधनों की मदद लेना होगी। गुरु पूर्णिमा के साथ ही चातुर्मासिक अनुष्ठानों का सिलसिला विभिन्न समाजों में शुरू हो जाएगा। हालांकि इस बार अब असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

सोमवार को सावन माह का शुभारंभ 6 जुलाई को सोमवार से होगा और समापन भी 3 अगस्त सोमवार को ही होगा। लंबे अंतराल बाद इस बार सावन में पांच सोमवार आ रहे हैं, जो ज्योतिषियों की दृष्टि में शुभ संकेत है। सोमवार शिवजी का प्रिय दिन होता है। चंद्रमा का एक नाम सोम भी है। चंद्रमा को श्राप लगने पर उन्होंने सोमनाथ की आराधना कर श्राप से मुक्ति पाई थी।

*इस बार नहीं निकलेगी कांंवड*

 यात्रा : ऐसा भी पहली बार हाेगा कि इस बार काेई कांवड़ यात्रा नहीं निकलेगी। क्याेंकि हरियाणा सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार अाैर उतराखंड सरकार ने मिलकर एक बैठक में निर्णय लिया है कि काेराेना के देखते हुए इस बार कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं हाेगी। बता दें कि जिले से लाखाें शिव भक्त कांवड हरिद्वार से लाते थे। इसमें डाक कांवड, बड़ी कांवड़, खड़ी कांवड या अन्य तरह की डाक कांवड़ हर साल लाते थे।

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