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Friday, July 17, 2020

हरियाणा में किसी भी तहसील में दस्तावेज जमा कराने के बाद कहीं से भी कराई जा सकेगी रजिस्ट्री

हरियाणा में किसी भी तहसील में दस्तावेज जमा कराने के बाद कहीं से भी कराई जा सकेगी रजिस्ट्री


चंडीगढ़। हरियाणा में अब जमीन और जायदाद की रजिस्ट्री पासपोर्ट बनाने की तर्ज पर होगी। प्रदेश सरकार ने तहसीलों में ई-रजिस्ट्री की अवधारणा लागू करने के बाद अब तहसीलों में डिजिटलाइजेशन बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत केंद्रीयकृत (सेंट्रलाइज) रजिस्ट्री सिस्टम लागू होगा,जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति किसी भी एक तहसील में अपने दस्तावेज जमा कराएगा तो उसे प्रदेश की किसी भी तहसील से अपनी रजिस्ट्री हासिल हो सकेगी। इससे मानव श्रम कम होगा और रजिस्ट्रियों में भ्रष्टाचार बंद हो सकेगा।
हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आने वाले समय में रजिस्ट्री के रजिस्ट्रेशन प्रोसेस को सेंट्रलाइज पासपोर्ट प्रोसेस की तरह किया जाएगा। इस साल के अंत तक हरियाणा की तमाम जमाबंदी को ऑनलाइन करने की भी योजना है। प्रदेश की 13 सब डिविजन डिजिटलाइट नहीं हुई। उन्हेंं डिजिटल किया जा रहा है।
दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि हरियाणा देश का पहला राज्य बनेगा, जहां पर रजिस्ट्रियां डिजिटल होंगी। डिजिटलाइजेशन ऑफ लैंड रिकॉर्ड (जमीनों के डिजिटल रिकार्ड) के मामले में हरियाणा देश के लिए बेंच मार्क (उदाहरण) बनेगा। एक सवाल के जवाब में दुष्यंत ने बताया कि 13 सब डिविजन में भू रिकार्ड डिजिटल होने के बाद पूरे हरियाणा के भू-रिकार्ड का कार्य डिजिटलाइजेशन हो जाएगा और हरियाणा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गांवों को लाल-डोरा मुक्त करने का कार्य भी लगातार जारी है। करनाल जिले के सिरसी गांव को हरियाणा का पहला लाल-डोरा मुक्त गांव बनाने के बाद पहले चरण में 75 गांवों को लाल-डोरा मुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 100 गांव कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे भी लाल-डोरे के अंदर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू होगी। सर्वे ऑफ इंडिया के माध्यम से पूरे हरियाणा के गांवों का डिजिटलाइजेशन कार्य किया जा रहा है।

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