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Wednesday, July 8, 2020

किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहां की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है : डॉ. राजेश भोला

किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहां की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है  : डॉ. राजेश भोला

जींद : ( संजय तिरँगाधारी )
हरियाणा एड्स कंट्रोल सोसायटी के तत्वावधान में बुधवार को जिला कारागार में सीएमओ डा. मनजीत सिंह के दिशा-निर्देशन में अंतरराष्ट्रीय नशा विरोधी पखवाड़े के तहत वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में बंदियों, सजायाफ्त कैदियों व जिला कारागार कर्मियों को नशे के दुष्प्रभावों एवं एड्स बीमारी के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला, डिप्टी सिविल सर्जन संदीप लोहान, एमओ डा. बिजेंद्र, डा. अनुप, जिला कारागार उपाधीक्षक राकेश लोहचब मौजूद रहे। 

डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहां की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है और यदि जनता का भविष्य ही अंधकार में चला जाए तो वह देश उन्नति नहीं कर सकता है। आज के युवा नशा और धुम्रपान करने को शान समझते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं मालुम के यही नशा उनका भविष्य खराब कर रहा है। ऐसे में नशे को देश से मुक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए और इससे होने वाली हानियों के विषय में जानकर खुद को इससे दूर रखना चाहिए। नशा मुक्त देश हर नागरिक की आवश्यकता है और इसी से राष्ट्र उन्नति कर सकेगा। यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति नशीले पदार्थों कै सेवन बंद कर दे। उन्होंने कहा कि लोगों की नशे की लत छुड़वाने के लिए जींद मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में ओएसटी सेंटर भी खोला गया है। 
डिप्टी सिविल सर्जन संदीप लोहान, एमओ डा. बिजेंद्र ने कहा कि नशा करने की लत से व्यक्ति का शरीर नष्ट हो जाता है। नशे के सेवन से फेफड़े, गुर्दा, दिल धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं । ऐसे में नशे के आदि लोगों केा इस बात को समय रहते समझना होगा। अस्पताल स्थित ओएसटी सेंटर में नशे के आदि लोगों की हर संभव मदद की जाती है। स्वास्थ्य विभाग के सतीश देशवाल, अभिषक व काउंसलर रवि वर्मा ने बताया कि नशे के दौरान कई बार एक ही सिरिंज का प्रयोग किया जाता है जो एड्स का मुख्य कारण बनता है। आज एड्स एक लाइलाज बीमारी है। लोगों में एड्स बीमारी को लेकर काफी भ्रम भी है। यह बीमारी साथ-साथ खाने से, हाथ मिलाने और गले मिलने से, खांसने, छींकने या हवा से, मच्छरों या कीड़े-मकोड़े के काटने से, खाने के बर्तन, कपड़े, शौचालय के सामूहिक उपयोग से नहीं होती है। एचआईवी एड्स केवल एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संपर्क से, संक्रमित सीरिंज व सुइयों के प्रयोग से, संक्रमित रक्त या रक्त उत्पाद चढ़ाने से, एचआई संक्रमित मां से उसके होने वाले शिशु को होता है। जिला कारागार उपाधीखक राकेश लोहचब ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित की गई इस वर्कशॉप से सभी को फायदा होगा। जो जानकारी आज वर्कशॉप में उपलब्ध हुई है उस पर सभी अमल करेंगे।

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