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Thursday, August 27, 2020

नाम बनते हैं रिस्क से:री-वैल्यूएशन में सीबीएसई 12वीं की छात्रा जिज्ञासा के 5 अंक बढ़े, देश में टॉप 10 में, प्रदेश में 7वें और जिले में तीसरा स्थान मिला

नाम बनते हैं रिस्क से:री-वैल्यूएशन में सीबीएसई 12वीं की छात्रा जिज्ञासा के 5 अंक बढ़े, देश में टॉप 10 में, प्रदेश में 7वें और जिले में तीसरा स्थान मिला

छात्रा को था अपने ऊपर विश्वास, इसलिए री-वैल्यूएशन का लिया रिस्क, इंग्लिश में 4 और हिंदी में एक अंक बढ़ा

पानीपत : तहसील कैंप के पटेल नगर की रहने वाली जिज्ञासा ने सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं थी। छात्रा को अपने ऊपर इतना भरोसा था कि उसने परिणाम जारी हाेने के अगले दिन ही री-वैल्यूएशन के लिए आवेदन कर दिया। इंग्लिश और हिस्ट्री में कम अंक आने का दावा किया था। मंगलवार को सीबीएसई ने जारी किए गए परिणाम में इंग्लिश में 4 और औसतन हिंदी में 1 अंक और मिल गया।
इन 5 अंकों ने उसे स्कूल की टॉपर से जिले में तीसरा और स्टेट की टॉप 7 में शामिल कर दिया। इतना ही नहीं देश की टॉप 10 की लिस्ट में भी जिज्ञासा ने स्थान पा लिया है। पहले उसे 97.2% अंक मिले थे। अब 98.2% हो गए। वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। जिज्ञासा के पिता सुखवीर सिंह पानीपत कोर्ट में नाजिर के पद पर कार्यरत हैं। मां ममता लेक्चरर हैं। छात्रा ने बताया कि उसने जीटी रोड स्थित आर्य बाल भारती स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की है। 13 जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ था।
जिसमें उसे 486 अंक मिले थे। इन अंकों की बदौलत उसने स्कूल में टॉप स्थान प्राप्त कर लिया, लेकिन वह इन नंबरों से संतुष्ट नहीं थी। उसे इंग्लिश और हिस्ट्री में 95-95 अंक मिले थे। जबकि उसे इन दोनों विषयों में शत-प्रतिशत अंक मिलने की उम्मीद थी। परिणाम देख उसे कोई खुशी नहीं हुई। अगले ही दिन 500 रुपए खर्च कर री-वैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर दिया। 700 रुपए आंसरशीट प्राप्त करने के लिए जमा कर दिए। नई मार्कशीट उसे उम्मीद के मुताबिक इंग्लिश में 4 अंक और मिल गए। हिस्ट्री में 95 अंक ही रहे। इसके साथ ही औसतन हिंदी में एक अंक मिल गया। अंकों का योग जो पहले 486 था। अब वो बढ़कर 491 हो गया।

पिता बोले-री-वैल्यूएशन में मिले मार्क्स से बेटी का विश्वास जीत गया

पिता ने बताया कि जिज्ञासा के साथ उन्हें भी उस पर पूरा भरोसा था कि वह अंक कम नहीं ला सकती है। इसलिए री-वैल्युएशन कराने का रिस्क उठा लिया। उन्हें पता था कि री-वैल्यूएशन में जो मार्क्स आएंगे। फिर वहीं मान्य होंगे। री-वैल्यूएशन में मिले मार्क्स से बेटी का विश्वास जीत गया। जिज्ञासा ने बताया कि टैगोर स्कूल से 10वीं उसने हरियाणा बोर्ड से पास की थी। 10वीं में 500 में से 494 अंक प्राप्त कर जिले में पहला और स्टेट में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। टैगाेर स्कूल 10वीं तक ही था। इसके बाद पिता ने ही आर्य बाल भारती स्कूल में दाखिले लेने के लिए जोर दिया।
इसलिए उन्होंने आर्य बाल भारती स्कूल में दाखिला ले लिया। पिता ने बताया कि जिज्ञासा का दिन का एक ही शेड्यूल था। सिर्फ पढ़ना और सिर्फ पढ़ना। जब वह थक जाती थी तो मूड फ्रैश करने के लिए कुछ देर टीवी देख लेती थी। सोशल मीडिया और दोस्तों से उसने हमेशा दूरी बनाए रखी। जिज्ञासा जूडो खिलाड़ी भी हंै। वह जोनल लेवल पर कांस्य पदक भी जीत चुकी है। जिज्ञासा ने बताया कि वह आईएएस अफसर बनने की ठान चुकी है। इसलिए शुरू से ही इसी दिशा में स्टडी कर रही है। वह आईएएस अफसर बनकर शिक्षा, पॉल्यूशन और भ्रष्टाचार के क्षेत्र में काम करना चाहती है। इसके साथ ही वह गरीबों और असहाय जानवरों की सेवा भी करना चाहती है।

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