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Thursday, August 27, 2020

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे किसी स्टूडेंट्स की मेरिट लिस्ट में नाम पीछे कर दिया तो किसी की कैटेगरी दो-दो कर दी

रोहतक : कोरोना काल में पहली बार ऑनलाइन दाखिलों को लेकर लगातार समस्याएं बनी हुई है। किसी स्टूडेंट्स की मेरिट लिस्ट में नाम पीछे कर दिया गया तो किसी की कैटेगरी दो-दो कर दी गई। इसके अलावा साफ्टवेयर धीमा होने के चलते दस्तावेज अपलोडिंग की दिक्कतों को लेकर भी अनसुना करना अब एमडीयू को महंगा पड़ गया है। विवि के स्टूडेंट्स एमडीयू की इस कार्यशैली के खिलाफ कोर्ट में पहुंच गए हैं।
इस मामले में 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के लॉ विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, लोक प्रशासन विभाग और गणित विभाग के स्टूडेंट्स कोर्ट में पहुंचे हैं और अलग-अलग केस डालकर एमडीयू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट की ओर से एमडीयू के कुलसचिव, डायरेक्टर यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर और विभागाध्यक्षों के नाम नोटिस जारी किए गए हैं। एमडीयू के गणित विभाग और लॉ विभाग के मामले में तो कोर्ट ने तत्काल स्टे ऑर्डर भी जारी कर दिया है।

तो लेट होगी एमडीयू की दाखिला प्रक्रिया

एमडीयू के चार विभागों से इंटीग्रेटेड 5 वर्षीय कोर्स में दिक्कतों की सुनवाई जब तक पूरी नहीं होती। इसके चलते इनकी प्रक्रिया लटकी रहेगी। यदि स्टूडेंट्स के पक्ष में फैसला आता है तो स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान करने के बाद दोबारा से एडमिशन का पोर्टल खोलना पड़ेगा। यदि फैसला एमडीयू के पक्ष में आता है तो स्टूडेंट्स आगे की अपील में जाने की तैयारी करेंगे। ऐसा उन्होंने दावा किया है। सीधे तौर पर एमडीयू की एक लापरवाही का खामियाजा अब विवि के अन्य स्टूडेंट्स को भी भुगतना पड़ेगा।

छात्रा का आरोप- उसकी वेटेज 99.80 फीसदी, लिस्ट में नाम पीछे होने से नहीं हुआ दाखिला

छात्रा का कहना है कि उसके दस्तावेजों के मुताबिक उसकी वेटेज 99.80 फीसदी बनती है, जबकि विवि की ओर से बनाई गई सूची में दूसरे नंबर पर आए आवेदक से भी ज्यादा थी। जबकि उसका नाम पीछे कर दिया गया। इसके कारण उसका दाखिला नहीं हो पाया और उसकी बात को भी नहीं सुना गया। ऐसे में कोर्ट ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए दाखिला प्रक्रिया के तहत बनी मेरिट लिस्ट पर स्टे कर दिया है। वहीं विधि विभाग के केस में स्मृति बनाम एमडीयू एवं अन्य के खिलाफ केस फाइल किया गया है। इसमें एडवोकेट एसपी धनखड़ हैं। इसी तरह से अर्थ शास्त्र में दाखिला लेने वाली झज्जर की एकता के मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। वहीं अन्य विभागों के मामले में वकील अनीश ओहल्याण, वकील तरुण बुद्धिराजा और वकील रजनीश केस लड़ रहे हैं। अब कोर्ट में 27 अगस्त को गणित, अर्थशास्त्र और लोक प्रशासन की तारीख भी लगा दी है।

इनसो का आरोप- कुलपति ने किया समस्याओं को अनसुना

छात्र नेता इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल का कहना है कि एमडीयू में दाखिलों में काफी गड़बड़ियां है, अधिकारी ना तो अपनी गलती मानने को तैयार और ना ही छात्रों की समस्याएं सुनने को तैयार है। कोविड-19 की महामारी के दौरान ऑनलाइन दाखिले की बात के दौरान छात्राें की समस्याओं व अनियमितता की शिकायतें लेकर स्टूडेंट्स एमडीयू के विभागों में चक्कर काट रहे हैं। कुलपति इन समस्याओं पर छात्रों से दूरी बनाकर आराम फरमा रहे हैं। समस्याओं को अनसुना किया जा रहा है। एमडीयू में अयोग्य अधिकारियों की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जब छात्रों को एमडीयू से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

सम्मन मिले हैं, कोर्ट में सुबह देंगे जवाब

कोर्ट की ओर से एमएससी गणित को लेकर सम्मन मिले हैं। सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख लगी है। इसमें एमडीयू की ओर से जवाब दे दिया जाएगा। जहां तक समस्याएं सुनने की बात है तो हमने 24 तारीख तक ग्रीवांस मांगी थी, जिसकी ग्रीवांस आई थी। अब किसी की टेक्निकल समस्या थी तो उसका समाधान भी किया था। अब इनकी क्या समस्या है यह तो सुबह ही पता चलेगा। - प्रो. गुलशन तनेजा, कुलसचिव, एमडीयू।

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