सर्वे रिपोर्ट:10वीं-12वीं में 83% अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार, सभी टीचरों का होगा कोरोना टेस्ट, इसके बाद ही स्टूडेंट्स को पढ़ा सकेंगे
1 अक्टूबर से 10वीं-12वीं की कक्षाएं लगाने की तैयारी सर्वे ग्रामीण स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से कराया गया
यह सर्वे 10वीं और 12वीं कक्षाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के 76019 अभिभावकों का हुआ है। इनमें से 64298 अभिभावकों ने सहमति दी है कि स्कूल खोल दिए जाएं। जबकि 11721 ने फिलहाल अपनी सहमति नहीं दी है। यानी 85 फीसदी अभिभावक चाहते हैं कि स्कूलों के दरवाजे खुल जाएं। जबकि 15 फीसदी अभी स्कूलों को खोलने के पक्ष में नहीं हैं। 63013 (83 फीसदी) अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में भेजने को राजी हो गए हैं। 13009 ने अभी हां नहीं कहा है। यह सर्वे केवल ग्रामीण स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों से कराया गया है।
भिवानी-गुड़गांव के अभिभावक आए आगे सर्वे में ये पूछे गए थे सवाल
आप चाहते हैं कि सितंबर 2020 से 10वीं-12वीं के लिए स्कूल खुले, अपने बच्चे को स्कूल भेजना चाहेंगे, परिवार के किसी सदस्य की कोरोना जांच हुई है, कोई कोरोना पॉजीटिव हुआ है या नहीं
सोनीपत-करनाल के स्कूल चयनित
सोनीपत व करनाल के 2 ऐसे स्कूल हैं, जहां अभिभावकों ने 10वीं व 12वीं कक्षाओं में भेजने को अनुमति दी है। अब इन्हीं स्कूलों में वीडियो शूट होंगे, जिनमें स्कूल खुलने व पढ़ाई आदि करने के तरीके बताए जाएंगे। यह वीडियो बच्चों को दिखाई जाएगी।
15 दिन बाद 9वीं-11वीं की तैयारी
शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया है कि एक से 15 अक्टूबर तक 10वीं व 12वीं कक्षाओं की पढ़ाई का अनुभव देखते हुए 9वीं व 11वीं कक्षाओं की पढ़ाई शुरू हो सकेगी। इसके बाद अन्य कक्षाओं की पढ़ाई भी शुरू की जाएगी।
ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी
जो अभिभावक बोर्ड कक्षाओं के लिए भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे, उनके बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। हालांकि इस निर्णय को अंतिम रूप सरकार को देना है।
शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने कहा कि बोर्ड कक्षाओं के लिए पहले स्कूल खोलने की तैयारी की जा रही है। इसके 15 दिनों के अनुभव पर 9वीं व 11वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू होगी। सभी विद्यार्थियों को वीडियो के जरिए संदेश देंगे।
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