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Monday, September 14, 2020

प्रदेश के 4281 को-एजुकेशन वाले स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं, बाल संरक्षण आयोग ने की ट्रांसफर नीति में बदलाव सिफारिश

प्रदेश के 4281 को-एजुकेशन वाले स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं, बाल संरक्षण आयोग ने की ट्रांसफर नीति में बदलाव सिफारिश

चंडीगढ़ : राज्य के को-एजुकेशन वाले स्कूलों में महिला शिक्षक न होने से छात्राओं को परेशानियां आ रही हैं। हिसार जिले के एक स्कूल में छात्रा के साथ पिछले साल हुई छेड़छाड़ के बाद राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से शिक्षा विभाग से स्कूलों में महिला शिक्षकों को लेकर रिपोर्ट मांगी थी। इसमें खुलासा हुआ कि राज्य के को-एजुकेशन वाले 4281 स्कूलों में एक भी महिला शिक्षक नहीं है। इनमें करीब 3700 मिडल और प्राइमरी स्कूल शामिल हैं।
आयोग के पास पहुंची 1370 गर्ल्स स्कूलों की रिपोर्ट में 186 स्कूलाें में एक भी महिला शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। 122 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें सिर्फ एक-एक महिला शिक्षक हैं। अब इस मामले में आयोग की चेयरपर्सन ज्योति बैंदा ने सरकार को चिट्‌ठी लिखी है। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। ट्रांसफर पाॅलिसी में बदलाव करना होगा, क्योंकि ज्यादातर दिक्कत मिडल व प्राइमरी स्कूलों में हैं। कक्षा छठी से आठवीं और नौवीं-दसवीं को टीजीटी शिक्षक ही पढ़ाते हैं।
लड़कों से ज्यादा लड़कियां
राज्य के को-एजुकेशन वाले स्कूलों में लड़कों से ज्यादा संख्या लड़कियां की है। राज्य में 14 हजार से ज्यादा स्कूल हैं। इनमें 10,55,580 लड़कियां पढ़ती हैं। जबकि लड़कों की संख्या 9,91,581 है।
को-एजुकेशन वाले इन स्कूलों में महिला शिक्षक नहीं

जिला महिला
शिक्षक नहीं अम्बाला 173, भिवानी 245, चरखी दादरी 93, फरीदाबाद 57, फतेहाबाद 216, गुड़गांव 123, हिसार 213 , झज्जर 133 , जींद 189, कैथल 202, करनाल 232, कुरुक्षेत्र 266 , महेंद्रगढ़ 331, नूंह 511 ,पलवल 231, पंचकूला 88, पानीपत 61, रेवाड़ी 169, रोहतक 26

महिला टीचरों की कमी नहीं, नीति में बदलाव की जरूरत: ज्योति
हरियाणा में महिला टीचर की कमी नहीं है। साल 2014 के बाद प्रदेश में टीचर की नियुक्तियां हुई है। ट्रांसफर पॉलिसी में मनचाहे स्टेशन मिलने से कुछ स्कूलों में महिला टीचर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। आयोग ने सुझाव दिया है कि ट्रांसफर पॉलिसी में परिवर्तन किया जाए, ताकि हर स्कूल में महिला टीचर की नियुक्ति हो सके। -ज्योति बैंदा, चेयरपर्सन, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग।

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