:एचएयू में 543 परीक्षार्थियों ने स्नातकोत्तर के लिए प्रवेश परीक्षा दी, 337 रहे अनुपस्थित
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शनिवार को बेसिक साइंस की पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा का तीसरा चरण आयोजित किया। प्रवेश परीक्षा में 543 परीक्षार्थी शामिल हुए, जबकि 337 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से परीक्षाओं को चार चरणों में आयोजित किया जाना है, जिसका तीसरा चरण 12 सितंबर को आयोजित किया गया।
जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी.आर. कंबोज ने बताया कि स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा का आयोजन कोरोना महामारी के चलते केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी हिदायतों का पालन करते हुए किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी परीक्षा केंद्रों को परीक्षा से पहले सेनेटाइज कराया गया था और सामाजिक दूरी व मास्क का भी विशेष ध्यान रखा गया है। परीक्षा सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक आयोजित की गई।
कुलपति ने लिया जायजा
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर समर सिंह व कुलसचिव डॉ. बी.आर. कंबोज सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों का दौरा करते हुए चल रही परीक्षाओं का जायजा लिया और ड्यूटी कर्मचारियों को शांतिपूर्वक परीक्षा करवाने की अपील की। स्नातकोत्तर अधिष्ठाता प्रोफेसर आशा क्वात्रा ने बताया कि स्नातकोत्तर व पी.एच.डी. की परीक्षाओं का अंतिम चरण 16 सितम्बर को होगा।
परीक्षा नियंत्रक डॉ. एस.के. पाहुजा ने बताया कि कोरोना को महामारी के चलते इसका सीधा असर परीक्षार्थियों की संख्या पर भी पड़ रहा है। इन परीक्षाओं के लिए कुल 3448 ने विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिनमें स्नातकोत्तर व पी.एच.डी. के कोर्स शामिल हैं। परीक्षा के तीसरे चरण में बेसिक साइंस की पी.एच.डी. के लिए आयोजित प्रवेश परीक्षा में 880 उम्मीदवारों को शामिल होना था, जबकि 543 उम्मीदवार ही शामिल हो पाए।
केंद्र व राज्य सरकार की जारी हिदायतों को ध्यान में रखते हुए इन परीक्षाओं को आयोजित करवाने के लिए चार परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, जिनमें कृषि महाविद्यालय, कृषि अभियांत्रिकी एवं तकनीकी महाविद्यालय, इंदिरा चक्रवर्ती गृह विज्ञान महाविद्यालय और मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय शामिल हैं। इन चार केंद्रों पर 41 कमरे जिनमें हॉल भी शामिल हैं, निर्धारित किए गए थे ताकि सामाजिक दूरी व सेनेटाइजेशन की पूरी तरह से पालना की जा सके।
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