वाकई सुनने में कोई दिक्कत हो रही है तब तक कान के 30 फीसदी हियर सेल्स नष्ट हो चुके होते हैं : डॉ. भोला
जींद : ( गौतम सत्यराज )जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में शनिवार को सीएमओ डा. मनजीत सिंह के दिशा-निर्देशन में कर्ण एवं श्रवण सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने अस्पताल में उपचार के लिए आए मरीजों व उनके तामिरदारों को कानों की सुरक्षा व उनके रखरखाव को लेकर जानकारी दी। डा. भोला ने कहा कि कई बार जब तक हमें पता चलता है कि वाकई सुनने में कोई दिक्कत हो रही है तब तक कान के 30 फीसदी हियर सेल्स नष्ट हो चुके होते हैं। इसलिए शरीर के सभी अंगों की तरह अपने कानों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कान में किसी भी तरह की समस्या हियरिंग लॉस का कारण बन सकती है। कान से वैक्स का बहना, सर्दी, जुखाम रहना और कान में दर्द होना, कान लाल होना, कान में अत्यधिक मात्रा में वैक्स बनना, वैक्स साफ न होने के कारण इंफेक्शन होना या पस पडऩा, पस का बाहर निकलना, बुखार होना, कानों में सीटी जैसी आवाजें सुनाई देना इसके मुख्य कारण हैं। इनसभी बातों को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डा. भोला ने कहा कि अगर आपको सुनाई देना कम हो गया हो या कान में इंफेक्शन हो तो तुरंत ईएनटी डॉक्टर को दिखाना चाहिए। तेज आवाज में लगातार इयरफोन से संगीत नहीं सुनना चाहिए।
घर पर कानों की सफाई की कोशिश ना करें और यह काम विशेषज्ञ से ही कराएं। कानों में हेयरक्लिप्स, सेफ्टी पिन, माचिस की तीली एवं तीखी वस्तुएं डालने से बचें, इनसे कानों का पर्दा भी फट सकता है। बिना चिकित्सक के परामर्श के दर्दनिवारक दवाओं, एंटीबायोटिक आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। जब तेज आवाज सुनने से बचना चाहिए। कम सुनाई दे तो ऑडियोमीट्री जांच कराएं।
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