चावल घोटाला:34 मिलर्स डकार गए सरकार का 200 करोड़ का चावल, 11 की प्रॉपर्टी नीलामी करने को नोटिस जारी
करनाल : वर्ष 2013-14 से अब तक जिले के 34 राइस मिलर्स सरकार का करीब 200 करोड़ रुपए का चावल डकार गए हैं। अब प्रशासनिक अधिकारियों ने 11 राइस मिलर्स को नोटिस जारी कर उनकी प्रॉपर्टी की नीलामी की सूचना दी है। नोटिस में लिखा है कि यदि पैसा जमा नहीं करवाया गया तो प्रॉपर्टी नीलाम कर पैसे की रिकवरी की जाएगी। अब खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को उनके नोटिस के जवाब का इंतजार है।
घरौंडा का एक राइस मिलर्स ने पैसे जमा करवाने का भरोसा दिया है। प्रशासन की ढीली कार्रवाई का फायदा मिलर्स लगातार उठा रहे हैं। हर साल सरकारी चावल लेकर मिलर्स फरार हो रहे हैं। इस मामले में अब करनाल पुलिस ने रामदेव इंटरनेशनल करनाल के संचालक नरेश सिंगला को रिमांड पर लिया हुआ है। एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि इसका कारोबार दुबई में है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। 16 अक्टूबर को रिमांड पूरा होगा इसके बाद करनाल में ही आढ़तियों की पेमेंट नहीं देने पर भी केस दर्ज है।
आढ़तियों का कहना है कि सभी डिफॉल्टर मिलर्स पर सख्ताई अपनाई जाएगी, तभी रिकवरी हो सकती है। रामदेव इंटरनेशनल राइस मिल ने वर्ष 2015-16 में 77479. 625 क्विंटल धान अलॉट की गई। 51911. 349 चावल सरकार को लौटाना था। इनमें से 32295. 40 क्विंटल चावल दिया गया। इनका 19615.949 क्विंटल चावल पेंडिंग रह गया। यह चावल ब्याज समेत करीब 6 करोड़ रुपए का बनता है। इस केस में ही पुलिस ने आरोपी नरेश सिंगला को रिमांड पर लिया हुआ है।
*अधिकारियों की मिलीभगत से घोटाला*
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की तरफ से सीएमआर के लिए धान अलॉट की गई। वर्ष 2013-14 से मिलर्स अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को धोखा देते गए। वर्ष 2013-14 में ही 16 मिलर्स ने 324144.03 क्विंटल चावल नहीं लौटाया। वर्ष 2014-15 में 6 मिलर्स सरकारी चावल लेकर फरार हो गए। इन्होंने 67586. 59 क्विंटल चावल नहीं दिया। वर्ष 2015-16 में 4 मिलर्स 89297.225 क्विंटल चावल लेकर फरार हो गए। वर्ष 2016-17 में एक मिलर्स 4342.77 क्विंटल चावल लेकर भाग गया। वर्ष 2017-18 में 3 और 2019-20 में 4 मिलर्स सरकार का चावल लेकर भाग गए हैं। अब धान अलॉट करने का सीजन चल रहा है। ऐसे में दोबारा गड़बड़ की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
*इन 34 राइस मिलरों पर प्रशासन की मेहरबानी*
आशीर्वाद फूड करनाल, दिव्य फूड करनाल, राज श्री राइस मिल करनाल, सुनील कुमार अमित कुमार करनाल, एसके ट्रेडर्स करनाल, मूर्ति राइस मिल करनाल, हरिओम ट्रेडर्स असंध, मोती राम सुनील कुमार असंध, तनिष्क फूड असंध, एआर एग्रो नीलोखेड़ी, एलआर इंटरनेशनल निसिंग, गणपति एग्रो फूड निसिंग, महादेव खल ऑयल एंड राइस जनरल मिल निसिंग, महालक्ष्मी राइस मिल तरावड़ी, श्रीकृष्ण कृपा फूड घरौंडा, शिव शंकर राइस मिल घरौंडा, अन्नपूर्णा एग्रो फूड करनाल, दीपक राइस एंड जनरल मिल करनाल, कृष्णा फूड्स काछवा, अक्षर ओवरसिज तरावड़ी, जीआर इंटरनेशनल निसिंग, गोयल राइस मिल निसिंग, रामदेव इंटरनेशनल करनाल, भगवती राइस मिल निसिंग, चौधरी फूड्स कुंजपुरा, शर्मा एग्रो फूड्स जुंडला, जय बजरंग बली राइस मिल, कोरफेंस तरावड़ी, महावीर नीलोखेड़ी, डीएम फूड निसिंग समेत 34 राइस मिलों की डिफॉल्टर सूची जारी पर कोई कार्रवाई नहीं है।
डिफॉल्टर मिलर्स दूसरों की फर्म में डाल रहे हैं हिस्सा
जो डिफॉल्टर मिलें हो चुकी हैं, उनमें से कई ने परिवार एवं रिश्तेदार के नाम से नई फर्में बनाकर राइस मिलें चला रहे हैं। कई ने जिनके मिल चल रहे हैं, उनमें हिस्सेदारी डाली हुई है। प्रशासनिक अधिकारी इनको जानते हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई में पकड़ने नहीं जाने का बहाना बनाकर इन पर मेहरबानी बरती हुई है। रामदेव जैसे राइस मिल सरकार का चावल मार्केट में बेचकर दुबई में कारोबार जमा लिया है। जिन अधिकारियों अाैर इंस्पेक्टरों ने यह धान अलॉट किया, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
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