नया कृषि कानून अटका, हाईकोर्ट ने किसान को दिया झटका
चंडीगढ़ : देश के किसी भी हिस्से में फसलों की बिक्री की इजाजत देने वाले नए कृषि कानून के बावजूद उत्तर प्रदेश के एक किसान से धान न खरीदने के हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ एक याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
हाई कोर्ट ने कहा कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट कानून पर अंतरिम रोक लगा चुका है, ऐसे में अब इस याचिका का हाई कोर्ट में कोई औचित्य नहीं है। हाई कोर्ट ने याचिका को आधारहीन मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
इस मामले में करनाल निवासी किसान वीरेंद्र सिंह ने करनाल के डीसी द्वारा जारी उस आदेश को रद करने की मांग की है जिसके तहत उसे उत्तर प्रदेश से अपनी धान की फसल करनाल में लाकर बेचने पर रोक दिया गया।
इस मामले में सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि मार्केट पोर्टल पर जिन किसानों ने अपना पंजीकरण किया, केवल वही मार्केट बोर्ड के अधीन मंडी में अपनी फसल बेच सकते थे।
हरियाणा से बाहर के लगभग 50 हजार किसानों ने इस पोर्टल के तहत राज्य में अपनी फसल बेची है। याचिका पर बहस के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि नए किसान कानून में साफ लिखा है कि स्टेट यार्ड मार्केट में केवल राज्य का कानून लागू होगा।
कोर्ट को बताया गया कि किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020 के तहत नए ट्रेड एरिया तय होंगे। मार्केट कमेटी के तहत मंडी में केवल राज्य कानून लागू होंगे। इसलिए याची को बगैर पंजीकरण के राज्य की मंडी में फसल बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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