हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र आज से, राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कांग्रेस करेगी हंगामा
चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू होगा। बजट सत्र को लेकर बृहस्पतिवार को सभी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया। यह सत्र 16 मार्च तक चलने की संभावना है। इस बीच विपक्षी दल कांग्रेस के सभी विधायकों ने आज सरकार को घेरने के मुद्दे पर रणनीति बनाई वहीं भाजपा और जजपा ने अलग-अलग बैठकों का आयोजन करके विपक्ष पर पलटवार की योजना बनाई।
मानसून सत्र की तरह इस बार भी बजट सत्र का आयोजन कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही किया जाएगा। विधानसभा स्पीकर द्वारा बुधवार को गाइडलाइन जारी कर दी गई है। विधानसभा सत्र की शुरूआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी। पहले ही दिन सरकार और विपक्ष में टकराव होने के आसार हैं। कांग्रेस ने शोक प्रस्तावों के बाद ही किसान आंदोलन के समर्थन व तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया हुआ है। इस मुद्दे पर बड़ी बहस हो सकती है। बजट सत्र से पहले ही सीएम मनोहर लाल खट्टर ने विपक्ष से कई बड़े मुद्दे छीन लिए हैं।
: सत्र से पहले मुख्यमंत्री कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं। पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री खुद ही विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं। कांग्रेस ने प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में स्थानीय युवाओं के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा उठाने की प्लानिंग की हुई थी लेकिन राज्यपाल की मुहर के तुरंत बाद सरकार ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने कृषि कानूनों को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव व प्राइवेट मेम्बर बिल भी दिए हुए हैं। भाजपा ने इसका भी जवाब पहले ही तैयार किया हुआ है।
माना जा रहा है कि अगर यह मुद्दा फिर से सदन में उठा तो खट्टर आंकड़ों के साथ कांग्रेस को ही घेरेंगे। वे तो विपक्ष के नेता पर यह आरोप भी लगा चुके हैं कि हुड्डा अपने समय के 38 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को ही छुपा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकारी नौकरियों का भी पूरा डाटा लेकर सीएम सदन में पहुंचेंगे। उन्होंने अब तक हुई सरकारी भर्तियों की पूर्व की सरकारों के साथ तुलनात्मक रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। खट्टर सरकार अभी तक 80 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है।
*शराब घोटाले व मौतों का मुद्दा उठाएगी कांग्रेस*
कांग्रेस विधायकों द्वारा जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत और अवैध शरा बिक्री का मुद्दा सदन में उठाया जाएगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री किरण चौधरी ने इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी दिया हुआ है। इससे पहले ही सीएम ने कथित शराब घोटाले व जहरीली शराब मामले में गठित एसआईटी व एसईटी की रिपोर्ट पर काम करने का जिम्मा मुख्य सचिव विजय वर्धन को सौंप दिया है। ऐसे में विपक्ष को इसका सदन में यही जवाब मिलने वाला है।
कृषि कानूनों के मुद्दे पर इस्तीफा दिए जाने के बाद अभय चौटाला किसान आंदोलन में शामिल हो चुके हैं। अभय सिंह चौटाला की कमी बजट सत्र में खलेगी। 2019 में वे इनेलो के अकेले विधायक जीते थे। किसान आंदोलन के समर्थन में अभय ने ऐलनाबाद से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अकेले होने के बाद भी वे पूरी सरकार पर भारी पड़ते थे। कई मुद्दों में वह कांग्रेस के 30 विधायकों से भी अधिक आक्रामक व तथ्यों के साथ अपनी आवाज बुलंद करते थे। वहीं कालका विधायक प्रदीप चौधरी की भी सदस्यता जाने के चलते इस बार विधानसभा में स्पीकर, सीएम व मंत्रियों सहित विधायकों की कुल संख्या 88 रहेगी।
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