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Wednesday, March 3, 2021

शिक्षित महिलाएं समाज में ला सकती है बड़ा सकारात्मक बदलाव : रामरती

महिला घरेलु हिंसा रोकथाम को लेकर आयोजित हुआ जागरूकता सेमीनार

महिला घरेलु हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए वाद- विवाद प्रतियोगिता भी हुई आयोजित

शिक्षित महिलाएं समाज में ला सकती है बड़ा सकारात्मक बदलाव : रामरती

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी रामरती ने कहा कि शिक्षित महिलाएं समाज में बहुत बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकती है। श्रीमती रामरती मंगलवार को स्थानीय डीआरडीए के सभागार में महिला घरेलु हिंसा की रोकथाम को लेकर आयोजित एक सेमीवार को सम्बोन्धित कर रही थी।
      महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी ने सम्बोन्धन में आगे कहा कि अगर समाज को सही मायने में तेजी से विकास करना है तो हर महिला को शिक्षित होना होगा और बच्चों को अच्छे संस्कार हर हाल में देने होंगे। शिक्षा विकास का आधार होता है। महिला अगर शिक्षित होती है तो वह अपने खुद का जीवन तो संवारती ही है साथ ही पूरे परिवार को भी आगे बढ़ाने का काम करती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को पूर्ण रूप से रोकने के लिए महिलाओं को ही पहल करनी होगी, यह कार्य अच्छी शिक्षा प्राप्त करके ही किया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं से यह भी कहा कि वे स्मार्ट फोन में जो समय व्यर्थ गवाती है उस समय का सुदपयोग बच्चों को दादी- नानी की संस्कार युक्त कहानियां सुनाने में करें।
कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं तथा स्थानीय राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं के दो अलग- अलग समूह बनाकर घरेलु हिंसा, महिला उत्पीडऩ, समाज के विकास में मीडिया का रोल व आधुनिक समाज से सामाजिक कुरीतियों का मिटाने में संस्कृति के महत्व विषयों पर वाद- विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी करवाया गया। इस प्रतियोगिता में महिलाओं ने इन विषयों पर खुलकर अपने विचार रखें जो हर व्यक्ति के लिए काफी ज्ञानवर्धक एवं प्रेरक साबित हुए। वाद- विवाद प्रतियोगिताओं में  दोनों पक्षों की प्रतिभागी महिलाएं इस निष्कर्ष पर पहुंचती नजर आई कि अत्याचारों को खत्म करने के लिए कभी दबे नहीं, दबाएं नहीं और अत्याचार के खिलाफ अवाज उठाते रहें। महिलाओं ने यह भी माना कि समाज में तेजी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है, आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे आकर काम कर रही है। समाज के विकास में मीडिया के योगदान पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया कि मीडिया का समाजोत्थान में बहुत बड़ा योगदान होता है।
सात मार्च तक लगातार आयोजित किए जाएंगे कार्यक्रम : जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाएगा। सात मार्च तक हर रोज लगातार महिला सहशक्तिकरण को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। एक मार्च को महिला सुरक्षा को सेमीनार का आयोजन किया गया था। आज महिला गोष्ठी का आयोजन हुआ है। तीन मार्च को महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। चार मार्च को आलू चम्मच रेस करवाई जाएगी। पांच मार्च को फिटनैस व स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी देने के लिए बैठक का आयोजन होगा। छह मार्च को पौधा रोपण अभियान चलाया जाएगा तथा सात मार्च को होने वाले कार्यक्रम की रूप रेखा भी तैयार की जा रही है।
बैस्ट वक्ताओं को किया गया सम्मानित :  वाद- विवाद प्रतियोगिता में महिला कॉलेज की छात्राओं के पक्ष की और से मीनु गोयत को बैस्ट वक्ता के अवार्ड से नवाजा गया। इस पक्ष में छात्रा ज्योति चौधरी, सवानी, विशाखा, प्राची, श्वेता ने भाग लिया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के पक्ष की और से पूनम देवी बैस्ट वक्ता रही। इस पक्ष में प्रवीण कुमारी, संतोष, अंजू देवी, मीना, नीलम तथा सरोज देवी ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुहिता दुग्गर ने भी कार्यक्रम को सम्बोन्धित किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ सुमित्रा लाठर समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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