Breaking

Monday, March 1, 2021

HPSC में दो सदस्यों के पद एक साल से खाली

HPSC में दो सदस्यों के पद एक साल से खाली

चंडीगढ़ : हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) में चेयरमैन अध्यक्ष के अतिरिक्त कुल आठ सदस्यों में से दो सदस्यों के पद पूरे एक वर्ष से रिक्त पड़े हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती हुड‍्डा सरकार ने अपनी सत्ता के अंतिम वर्ष में 1 मार्च 2014 को नीलम सिंह और राजेश वैद को आयोग का सदस्य लगाया था जिनका छः वर्षों का कार्यकाल एक वर्ष पूर्व पूरा हो गया। हालांकि मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा इनके स्थान पर दो नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। अब इस विलम्ब के पीछे राजनीतिक कारण हैं या प्रशासनिक, यह देखने लायक है। हालांकि चार माह पूर्व 22 अक्टूबर 2020 को आयोग के तत्कालीन चेयरमैन से रंजीत कुमार पचनंदा, जो पश्चिम बंगाल कैडर के 1983 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं, का कार्यकाल पूर्ण होने के साथ ही खट्टर सरकार ने आलोक वर्मा, जो 1989 बैच हरियाणा कैडर के आईएफएस (भारतीय वन सेवा ) अधिकारी हैं, उन्हें चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किया था। वहीं पंचनदा को पिछले माह 5 फरवरी को हरियाणा विद्युत् नियामक आयोग (एचईआरसी ) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

बहरहाल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस विषय पर बताया कि संविधान के अनुच्छेद 316 (2 ) के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति के छः वर्षों तक या उनकी आयु के 62 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, तक होता है। उन्होंने बताया की वर्ष 1976 से पहले हालांकि आयु की यह सीमा 60 वर्ष होती थी. हालांकि पचनंदा को 25 जुलाई, 2019 को आयोग का चेयरमैन लगाया गया परंतु इसके सवा वर्ष बाद ही उनकी आयु अक्टूबर, 2020 में 62 वर्ष हो गई थी, इसलिए उनका कार्यकाल पूर्ण हो गया। उन्होंने बताया कि हालांकि वर्तमान चेयरमैन वर्मा 23 अक्टूबर 2024 तक एचपीएससी के अध्यक्ष पद पर रह सकेंगे। ज्ञात रहे कि संघ लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल हालांकि नियुक्ति के छः वर्षों तक या आयु के 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, तक होता है।
हुड‍्डा सरकार ने कर दिए थे 12 सदस्य हेमंत ने बताया कि हालांकि हरियाणा में पूर्व हुड‍्डा सरकार ने हरियाणा लोक सेवा आयोग में वर्ष 2008 में सशोधन कर आयोग में सदस्यों की संख्या तत्कालीन 8 से बढ़कर 12 कर दी थी परन्तु वर्ष 2012 में दोबारा उनमें संशोधन कर इस संख्या को घटाकर 6 कर दिया था। जुलाई 2013 में हुड्डा सरकार द्वारा मनबीर भड़ाना को आयोग के चेयरमैन लगाया गया जो पूरे छः वर्ष तक इस पद पर रहे। हालांकि जून, 2015 में भाजपा सरकार ने फिर से आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 8 कर दी थी और सबसे पहले डॉ. कुलबीर छिकारा और डॉ. वंदना शर्मा को सदस्य नियुक्त किया। फिर अगस्त, 2016 में नीता खेड़ा और जय भगवान गोयल और फिर मई, 2017 में सुरेंद्र सिंह और दिसंबर, 2017 में डॉ. पवन कुमार को सदस्य नियुक्त किया।

No comments:

Post a Comment