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Thursday, April 29, 2021

किक्रेटर युवराज सिंह को हाईकोर्ट से मिली राहत, पढ़ें पूरा मामला

किक्रेटर युवराज सिंह को हाईकोर्ट से मिली राहत, पढ़ें पूरा मामला


चंडीगढ़ : दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में दर्ज एफआईआर मामले में अभी तक की जांच में हरियाणा पुलिस ने युवराज सिंह को दोषी पाया है। हरियाणा पुलिस ने कहा कि यदि गूगल भी करें तो भी गूगल यही बताता है कि युवराज का इस्तेमाल किया गया सब दलितों के लिए अपमानजनक है। बुधवार को यह जानकारी हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को दी। हाईकोर्ट ने स्टार क्रिकेटर युवराज सिंह पर किसी भी प्रकार की पुलिस कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक जारी रखने का आदेश दिया है।
याचिका दाखिल करते हुए युवराज सिंह ने बताया था कि 1 अप्रैल 2020 को वह सोशल मीडिया पर अपने साथी रोहित शर्मा के साथ लाईव चैट कर रहे थे। इस दौरान लॉकडाउन को लेकर चर्चा के दौरान उन्होंने मजाक में अपने साथी युजवेंद्र सिंह और कुलदीप यादव को कुछ शब्द कह दिए थे। इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गई और इसके साथ यह संदेश जोड़ा गया कि यह दलित वर्ग का अपमान है। यह सब एक मजाक का हिस्सा था और इसका मकसद किसी का अपमान करना नहींं था। युवराज सिंह ने कहा की वह शब्द उन्होंने अपने दोस्त के पिता के शादी में नाचने पर टिप्पणी के रूप में कहे थे जो मजाकिया अंदाज में थे। इसके स्पष्टीकरण के बावजूद याची पर एफआईआर दर्ज की गई। युवराज को अंतरिम जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लोगों को ऐसी बातें करने से बचना चाहिए जिसका कोई गलत मतलब निकाल सके और यह बात मशहूर लोगों के मामले में ज्यादा लागू होनी चाहिए। बुधवार को मामला जब सुनवाई के लिए पहुंचा तो हरियाणा पुलिस की ओर से बताया गया कि युवराज सिंह जांच में शामिल हो चुके हैं।
अभी तक की जांच में एक सर्वे करवाया गया था कि युवराज द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द के क्या मायने हैं। स्थानीय लोगों के बीच की है इस सर्वे से सामने आया कि यह शब्द अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अपमानजनक शब्द के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही पुलिस ने दलील दी कि गूगल करने पर भी गूगल यह बताता है कि यह सब दलित वर्ग के लिए अपमानजनक टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल होता है। पुलिस ने युवराज की इस दलील को भी खारिज किया कि युवराज ने भांग पीने वालों के लिए इस शब्द का उपयोग किया था। इस जानकारी के बाद हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी रखते हुए याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।

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