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Friday, May 14, 2021

12 दिनों में रोडवेज डिपो को एक करोड़ 80 लाख रुपये का नुकसान

12 दिनों में रोडवेज डिपो को एक करोड़ 80 लाख रुपये का नुकसान

रोहतक : महामारी के मद्देनजर प्रदेश सरकार द्वारा 17 मई तक लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन के चलते बाजार बंद के साथ-साथ लोगों के गैर जरूरी आवागमन पर भी रोक लगाई हुई है। लेकिन इस अवधि के दौरान जिन लोगों को जरूरी कार्यो से दूसरे शहरों में आना-जाना पड़ता है, उनके लिए रोडवेज डिपो द्वारा बसों को चलाया जा रहा है। इस स्थिति में डिपो से हर रोज 200 में से केवल 40 बसों का ही संचालन हो रहा है। डिपो को 12 दिनों में 1 कराेड़ 80 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। यात्रियों की संख्या कम होने से रोडवेज डिपो को अधिक आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ रहा है।

लॉकडाउन से पहले रोडवेज डिपो से हर रोज 200 बसों का संचालन होता था। ये बसें रोहतक से चंडीगढ़, जयपुर, बहादुरगढ़, झज्जर, पिलानी, नारनौल, महेंद्रगढ़, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी आदि रूटों पर सफर तय करती थी। इन बसों में हर रोज हजारों की संख्या में यात्री सफर करते थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद डिपो से हर रोज 40 बसों का ही संचालन हो पा रहा है। लॉकडाउन के दौरान रोहतक के साथ लगते जिलों के लिए ही बसें चलाई जा रही हैं। रोहतक से हर रोज भिवानी, झज्जर, सोनीपत के लिए नियमित बसें चल रही हैं। इन बसों में यात्रियों को कोविड-19 के नियमों की पालना करते हुए फेस मास्क, हैंड सेनिटाइजर के साथ ही यात्रा करने की अनुमति दी जा रही है। बसों में दाई तरफ वाली तीन सीटों पर दो तथा बाई तरफ की दो सीटों पर केवल एक यात्री को बैठाया जा रहा है। जिससे शारीरिक दूरी के नियम की पालना हो सके। बस स्टैंड परिसर में भी यात्रियों से कोविड-19 के नियमों की पालना करवाई जा रही है।

*सवारियां आधी*


रोडवेज कर्मचारियों ने बताया कि प्रत्येक रोडवेज बस में आधी सीटों पर ही यानि 26 यात्रियों को ही एक बस में बैठाया जा रहा है। इन बसों में वापस आते समय सवारियां न के बराबर होती है। जिसके चलते रोडवेज डिपो को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।

*शाम पांच बजे इन रूटों पर चलती हैं बसें*


डीआई राजबीर ने बताया कि डिपो से हर रोज सोनीपत, पानीपत, गुड़गांव के लिए शाम पांच बजे तक ही बसों का संचालन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग रोजाना इन रूटों से पानीपत, सोनीपत आते-जाते हैं। जिसके चलते इन रूटों पर शाम पांच बजे भी बसें चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि बस स्टैंड पर किसी रूट के लिए 25 सवारियां हो जाती हैं तो उस रूट पर भी बस चलाई जा रही है।

26 यात्री होने पर चलती है बस : यात्रियों को देखते हुए बसों को चलाया जा रहा है। जिस रूट पर 26 यात्री हो जाते है उन रूटों पर बसों को भेजा जा रहा है। वैसे लॉकडाउन के कारण जरूरी काम वाले यात्री ही बसों में सफर कर रहे है। जहां पहले 200 रोडवेज बसें चलती थी, वहीं अब केवल 40 बसें ही चल रही है। लॉकडाउन के दौरान 12 दिनों में डिपो को करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। -राहुल मित्तल, जीएम, रोडवेज डिपो

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