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Thursday, June 17, 2021

कपास उत्पादक किसानों के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी की जारी

कपास उत्पादक किसानों के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी की जारी


सोनीपत : उत्तर भारत में गर्मी के लफेड़ों ने आमजन को परेशान कर दिया हैं। हाल के दिनों में मानसून दस्तक देता दिखाई दे रहा हैं। जिसको लेकर कृषि विभाग की तरफ से कपास उत्पादकों के लिए एडवाइजरी जारी की हैं। किसानों को जहां जड़ गलन रोग के प्रति सचेत रहने और सफेद मक्खी की साप्ताहिक निगरानी करने की बात कही गई है। इसके अतिरिक्त किसानों को कपास की सिंचाई को लेकर भी सतर्कता बरतने की सलाह दी गई हैं। ताकि उन्हें फसल में किसी प्रकार के नुकसान का सामना न करना पड़े। बता दें कि मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत सोनीपत जिले में बड़ी संख्या में किसानों ने इस बार धान की बजाए कपास की फसल उगाई है। मानसून सीजन में कपास की फसल में कई प्रकार की बीमारियां फैलने का डर रहता है। इससे उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। ऐसे में कृषि विभाग ने कपास उत्पादक किसानों को गाइडलाइन जारी करके सम्भावित रोगों से निपटने के लिए तैयार रहने की बात कही है।
कृषि विभाग धान की खेती को छोड़कर कपास या अन्य फसल उगाने पर मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत प्रति एकड़ 7 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। ऐसे में बड़ी संख्या में किसानों ने जल संरक्षण की मुहिम को मजबूत करने के लिए जिले में धान की खेती छोडकर कपास की खेती करनी शुरू की है। जिले में करीब 6 हजार हैक्टेयर भूमि में कपास उगाई गई है। मानसून सीजन में जड़ गलन रोग, पत्ती मरोड़ रोग, सफेद मक्खी एवं हरा तेला का प्रकोप बढ़ने की सम्भावना अधिक रहती है। कृषि विभाग की एडवाइजरी में किसानों को कहा गया है कि बीमारी से सूखे हुए पौधों को उखाड़ दे, ताकि बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सके। इसके अतिरिक्त किसानों को कपास के साथ भिड़ी की खेती न करने की भी सलाह दी है। इससे रस चूसने वाले कीड़ों की संख्या अधिक हो जाती है। किसानों ने जल संरक्षण की मुहिम में सहयोग देना शुरू कर दिया हैं। बड़ी संख्या में किसानों ने कपास की खेती को उगाया हैं। जून माह में कपास की खेती में होने वाली गतिविधियों व रोग प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है। दिल्ली-एनसीआर में जल्द ही मानसून भी दस्तक दे सकता है। किसानों का आह्वान है कि वे कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करने से पहले दवाई से संबंधित पूरी जानकारी ले। ताकि फसल का नुकसान का सामना न करना पड़े। - अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत

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