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Saturday, June 26, 2021

बेजुबां परिंदों की जान बचाने के लिए सभी को रखने चाहिएं दाना-पानी के पात्र : डा. राजेश भोला

सर्वहित युवा संगठन ने सिविल अस्पताल में परिंदों के लिए टांगे दाना-पानी के पात्र
-बेजुबां परिंदों की जान बचाने के लिए सभी को रखने चाहिएं दाना-पानी के पात्र : डा. राजेश भोला
जींद, 26 जून ( संजय कुमार ) परिंदों को भूख और प्यास से दम तोड़ने की नौबत न आए, इसके लिए सर्वहित संगठन ने जींद के सिविल अस्पताल के विभिन्न पार्कों में पेड़ों पर दाना-पानी के पात्र टांगे। इस दौरान सर्वहित युवा संगठन के अध्यक्ष सुधीर के अलावा सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला और डा. धर्मपाल मलिक भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। 
डा. राजेश भोला ने खुद अपने हाथों से परिंदों के लिए दाना और पानी के 10 पात्र लगाने का काम किया। उन्होंने अस्पताल के स्टाफ को इन दाना-पानी के पात्रों का नियमित रूप से ध्यान रखने और इनमें हर रोज दाना-पानी डालने के निर्देश दिए।
डा. राजेश भोला ने कहा कि गर्मी के मौसम में बेजुबां परिंदों के लिए दाना और पानी का गंभीर संकट पैदा हो जाता है। बड़ी संख्या में परिंदे दाना और पानी के बिना दम तोड़ जाते हैं। ऐसे में परिंदों को भूख और प्यास से बचाने के लिए कुछ लोग आगे आ रहे हैं। इसी में सर्वहित संगठन ने भी परिंदों के लिए दाना-पानी का प्रबंधन करते हुए सिविल अस्पताल में पात्र लगाने का काम किया, जो सराहनीय कार्य है। परिंदों की जान दाना और पानी के अभाव में न जाए, इसके लिए सभी लोगों को अपने घरों की छत्तों पर और खेतों में दाना और पानी के पात्र रखने चाहिएं। डा धर्मपाल मलिक ने कहा कि परिंदों के लिए दाना और पानी का भारी संकट बना हुआ है। उनकी जान बचाना सभी का कर्त्तव्य है। डा. राजेश भोला ने बताया कि सर्व हित संगठन अब तक परिंदों के लिए दाना और पानी के 650 से ज्यादा पात्र शहरों और गांवों में लगा चुका है। इतना ही नहीं, प्रदेश भर के लगभग सभी जिलों से संगठन के पास फोन काल आने लगे हैं और इस मुहिम से जुड़ने की अपील कर रहे हैं। संगठन के प्रधान सुधीर पिंडारा और राहुल वशिष्ठ बबेरवाल ने बताया कि जींद के सिविल अस्पताल से पहले लघु सचिवालय परिसर, सीआरएसयू, नंदीशाला, सेक्टर 9, रेलवे जंक्शन, अपोलो रोड के अलावा दालमवाला, पिंडारा, गोसाईं खेड़ा, किशनपुरा, अशरफगढ़, लख्मीरवाला आदि गांवों में भी परिंदों के लिए उनका संगठन दाना और पानी के पात्र लगवा चुका है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को बचपन से ही प्रकृति के प्रति प्रेम पैदा करना चाहिए। डा. राजेश भोला ने संगठन को आश्वस्त किया कि अस्पताल के पार्कों में लगे सभी दाना-पानी पात्रों में अस्पताल के माली शमशेर और श्याम सुंदर नियमित रूप से दाना-पानी डालने का काम करेंगे। 
इस मौके पर गौरव, विकास, साहिल, कप्तान, आलोक व नछतर मौजूद रहे।

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