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Sunday, February 20, 2022

हरियाणा तकनिकी संघ ने मनाई टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ट्राई) की 25वी वर्षगांठ

हरियाणा तकनिकी संघ ने मनाई टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ट्राई) की 25वी वर्षगांठ


25 वी वर्षगाठ के साथ ही हरियाणा तकीनीकी संघ करेगी प्रदेश मे 25 सप्ताहिक उपभोगता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन - हिन्दुस्तानी

देश का टेलिकॉम सेक्टर 1992 मे निजी क्षेत्र के लिए खोला गया- डॉ आलोक सरन

आज की युवा पीढ़ी को नही पता एसटीडी क्या होती थी - सुशील बूरा


जींद : आज हरियाणा तकनिकी संघ, उपभोगता वकालत समूह ने टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ट्राई) की 25वी वर्षगाठ पर ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमे हरियाणा के सभी ऑपरेटर्स, संस्था के सदस्यों  व उपभोगताओ ने कार्यक्रम मे  भाग लिया। इस कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता डॉ आलोक ने देश मे दूरसंचार क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देश मे दूसंचार क्षेत्र टेलीग्राफ एक्ट 1985 के अनुसार कार्य करता है, शरुआती दौर मे देश मे  केवल सरकारी कम्पनी बीएसएनएल व चार महानगरो मे एमटीएनएल दूरसंचार सेवाए दिया करती थी जबकि देश से विदेश मे या विदेश से देश मे दूरसंचार सेवाओ के लिए सरकारी कम्पनी वीएसएनएल हुआ करती करती थी, देश का टेलिकॉम सेक्टर 1992 मे निजी क्षेत्र के लिए खोला गया, जिसके बाद 1994 मे राष्ट्रीय दूरसंचार निति के साथ निजी निजी टेलिकॉम कम्पनिया अस्तित्व मे आने लगी।  देश के टेलिकॉम क्षेत्र मे विस्तार के साथ इसको नियंत्रित करने के लिए एक आजाद संस्था की जरूरत महसूस होने लगी जिसके बाद आज के ही दिन 1997 मे भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण अधिनियम,  (ट्राई अधिनियम) के तहत ट्राई  का गठन किया , जिसको दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें टैरिफ का निर्धारण और संशोधन, क्यूओएस मानकों का निर्धारण और प्रदाताओं के बीच इंटरकनेक्टिविटी के लिए नियम और शर्तें तय करना शामिल है।
डॉ आलोक ने बताया कि एक समय था जब देश मे फोन करना व सुनना बहुत महंगा हुआ करता वही किसी के घर मोबाइल फोन होना स्टेटस सिम्बल हुआ करता, लोगो को लैंडलाइन फोन के लिए वर्षो इन्तजार करना पड़ता था , लेकिन आज हिन्दुस्तान मे विश्व का सबसे सस्ता इन्टरनेट व फोन कॉल्स है।

किसी जमाने मे फोन केवल अमीरों या रसुक वालो की निशानी हुआ करता था - सुशील बूरा

इस अवसर पर हरियाणा तकनिकी के संघ के साथी सुशील बूरा ने बताया कि कभी देश मे एसटीडी भी एक रोजगार हुआ करता था, जिसके माद्यम से न केवल हजारों लोग अपनी रोजी रोटी कमाया करते थे वही आम जनमानस देश विदेश मे रह रहे अपने से बाते किया करते थे, पुरे गाँव मे एक या दो ही फोन हुआ करते थे जिनके माद्यम से पुरे गाँव के लोग अपने रिश्तेदारों तक सम्पर्क किया करते थे, जिससे गाँव मे भाई चारा बढता था लेकिन आज संचार क्रांति के युग मे इतनी तेजी से बदलाव आया कि आज कल कि युवा पीढ़ी को ये भी नही पता कि एसटडी क्या हुआ करती थी , इस क्रांति का क्षेय ट्राई को जाता है जिसके प्रयासों से आम जनता के हाथों तक फोन पहुंच पाया,  नही तो किसी जमाने मे ये केवल अमीरों या रसुक वालो की निशानी हुआ करता था।

टेलिकॉम कम्पनी मे काम कर रहे लोग कोरोना वार्रिएर:- हिन्दुस्तानी

इस अवसर पर हरियाणा तकनिकी संघ के सस्थापक व प्रदेशाध्यक्ष हितेश हिन्दुस्तानी ने कोरोना काल के दोरान बेहतरीन कार्य करने के लिए टेलिकॉम कम्पनी मे काम कर रहे लोगो को कोरोना वार्रिएर बताया क्योकि इस मुश्किल की घड़ी मे प्रदेश के लोगो को दिन रात बेहतरीन कनेक्टिविटी देना कोई आसान काम नही थी जबकि दूरसंचार क्षेत्र मे काम कर रहे हजारों लोगो ने कोरोना के कारण अपनी जान गवाई ,बावजूद इसके इस क्षेत्र मे काम कर रहे लोग दिन रात काम कर रहे थे ताकि आम जनता घर रह कर अपनों से सम्पर्क मे रहे व ऑनलाइन एंटरटेनमेंट देखती रहे।
 हिन्दुस्तानी ने  बताया कि आज 25 वी वर्षगाठ के साथ ही हरियाणा तकीनीकी संघ प्रदेश मे 25 सप्ताहिक उपभोगता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करेगी वो प्रदेश के 22 जिले मे व 3 प्रदेशस्तरीय कार्यक्रम होगे जिनका उद्देश्य प्रदेश के उपभोगताओ को जागरूक करना व समस्या व समाधान के लिए प्रयास करना होगा।
इन कार्यक्रमो का मुख्य उदेश्य दूरसंचार उपभोक्ताओं को जागरूक करना, उनके अधिकार एवं उनके हितों का ज्ञान कराना व दूरसंचार कम्पनियो व उपभोगताओ मे समन्वय स्थापित करना है। यह मीटिंग ऑनलाइन मोड मे ज़ूम ऐप के माद्यम से हर शनिवार दोपहर 1 बजे हुआ करेगी जो भी उपभोगता इस मीटिंग मे जुड़ना चाहते हैं, वो संस्था ककी वेबसाइट www.htaharyana.com पर रजिस्टर्ड कर सकता है या सस्था के हेल्पडेस्क 9813918921 पर सम्पर्क कर सकता है।

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