नगर निगम कमिश्नर ज्ञापन लेने नहीं आए तो एचडीएफ नेताओं ने दीवार पर चस्पाया
अम्बाला : सिटी नगर निगम में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के नेतृत्व में उनके हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट ने नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद नगर निगम कमिश्नर को ज्ञापन देने गए तो वह दफ्तर में नहीं मिले। निर्मल सिंह ने कहा कि अधिकारियों का दफ्तर से गायब होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि वह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच नहीं करना चाहते। बाद में चित्रा सरवारा के नेतृत्व में ज्ञापन को ऑफिस की दीवार पर चस्पा दिया। कमिश्नर आफिस के बाहर मौजूद होम गार्ड कर्मियों की फ्रंट कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की भी हुई।
धरने में निर्मल सिंह ने कहा कि नगर निगम नहीं इसे नरक निगम कहा जाए। यहां खूब भ्रष्टाचार हो रहा है और यदि जांच नहीं करवाई गई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। निगम में भ्रष्टाचार के साथ-साथ सत्ता के सरंक्षण में पल रहे भू-माफिया ने भी शहर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। चित्रा सरवारा ने कहा कि अम्बाला म्युनिसिपल कारपोरेशन को म्युनिसिपल करप्शन कहना ज्यादा ठीक है।
अमीषा चावला ने कहा कि नगर निगम में एनडीसी के नाम पर लूट का खेल तुरंत बंद किया जाए। अब तक हुई एनडीसी की उच्चस्तरीय जांच हो। खन्ना पैलेस की एनडीसी सुर्खियों में है जबकि आम नागरिक कई-कई महीनों तक एनडीसी के लिये चक्कर काटने पड़ते हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजपाल राजा दानीपुर, तेजप्रकाश, विनोद धीमान, नैब सैनी, सुरेश त्रेहन, गुलजार सिंह, विरेंदर निक्कू, चरणजीत चन्नी, ब्रह्मपाल राणा, अनूप राणा मौजूद रहे।
फ्रंट के 4 बड़े आरोप; भाजपा पर तो निशाना साधा, मेयर पर कुछ नहीं बोले
1. बुर्ज खलीफा और अंबानी के घर एंटीलिया की दर से भी महंगे अम्बाला के चौक फ्रंट ने आरोप लगाया कि शहर में बने चौक-चौराहों के निर्माण में भारी धांधली हुई है, उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। ज्यादा चौक का निर्माण एक ही कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। चित्रा ने कहा कि दुबई की बुर्ज खलीफा इमारत का प्रति वर्गफुट खर्च 27 हजार रुपए है जबकि अंबानी के घर एंटीलिया के निर्माण का खर्च 82 हजार रुपए वर्गफुट है। जबकि पुलिस लाइन चौक पर 24 लाख 54 हजार 81 रुपए खर्च दिखाए गए, जबकि कुल एरिया 24 वर्ग फुट है। यानी इसका प्रति वर्ग फुट खर्च एक लाख रुपए बनता है। इस सारे घोटाले में किसका राजनीतिक संरक्षण है, इसकी जांच हो।
2. सत्ता के संरक्षण में भूमाफिया, पालिका विहार की दुकानों को ढहाने की बजाय सिर्फ सील किया
पालिका विहार में भू-माफिया ने नगर निगम की (सरकारी) जमीन में दुकानों एवं मकानों के रूप में जो अवैध निर्माण किया है, उसे ध्वस्त करने की बजाए निगम अधिकारियों ने तत्कालीन आयुक्त नगर निगम के आदेशों को धत्ता बताते हुए भू-माफियाओं का साथ देते हुए सिर्फ सील करके मात्र एक औपचारिकता निभाई। यही नहीं बाद में सील खुल भी गई। इस अवैध निर्माण को तुरंत प्रभाव से गिराया जाए। फ्रंट ने कहा कि नगर निगम की खुद की जमीनों के लिए एस्टेट अधिकारी नियुक्त किया जाए।
3. प्रॉपर्टी आईडी बनाने में धांधली हुई, पुरानी आईडी ही बहाल हो
फ्रंट नेताओं ने कहा कि शहरी एरिया में पहले से ही प्रॉपर्टी आईडी थी। सरकार ने एजेंसी को 700 करोड़ रुपए का ठेका देकर नई प्रॉपर्टी आईडी तैयार करवाई। जिसमें बहुत घपले हुए। यही नहीं बहुत खामियां भी हैं। नई आईडी को खत्म करके पुरानी ही बहाल की जाए।
4. एनडीसी का सिस्टम रद्द करके पुराना सिस्टम बहाल किया जाए
फ्रंट ने आरोप लगाया कि नो ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) के नाम पर नगर निगम में भ्रष्टाचार की नई खिड़की खोल दी गई है। आम आदमी को परेशान किया जा रहा है जबकि पैसे लेकर गलत एनडीसी जारी हो रही हैं। तुरंत प्रभाव से एनडीसी का पुराना सिस्टम बहाल हो।
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