कॉमनवेल्थ खेलों से कुश्ती, शूटिंग व तीरंदाजी को हटाने का करेंगे विरोध- हुड्डा
सिर्फ एमएसपी को नहीं मौसमी बारिश व महंगाई को भी देखे सरकार- हुड्डा
गेहूं के किसानों एमएसपी पर ₹500 बोनस दे सरकार- हुड्डा
बिजली संकट की वजह से आम जनता को हो रही है परेशानी- हुड्डा
हमारे कार्यकाल में बने 4 पावर प्लांट, 1 न्यूक्लियर प्लांट, बीजेपी-जेजेपी सरकार में एक भी नहीं- हुड्डा
क्षमता से कम मात्रा में बिजली उत्पादन कर रही है सरकार, इसलिए छाया बिजली संकट- हुड्डा
रोहतकः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन किया। हुड्डा ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर गरीब और पिछड़ों की आवाज बने। उन्होंने अपने संविधान के जरिए भारतीय समाज की कुरीतियों को खत्म करने का काम किया। हुड्डा ने कहा कि उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके पिता जी चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा भी संविधान सभा उनके साथ सदस्य रहे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले वो संसद भवन पहुंचे और वहां पर बाबा साहेब की प्रतिमा को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि संविधान ही वह तंत्र और मंत्र है जो देश को एकजुट रख सकता है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कुश्ती, शूटिंग और तीरंदाजी को कॉमनवेल्थ खेलों से बाहर करने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वह इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। पत्रकार वार्ता में उन्होंने किसानों का मुद्दा भी उठाया। हुड्डा ने कहा कि बढ़ती महंगाई के चलते किसानों की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है। इसलिए उन्होंने गेहूं किसानों को एमएसपी पर 500 रुपये बोनस की मांग की है। सरकार सिर्फ एमएसपी को ना देखें बल्कि किसान की लागत और बेमौमी बारिश को भी देखे।
रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से आज अंतरराष्ट्रीय मार्केट में गेहूं के दाम काफी ऊंचे हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमत करीब ₹3500 प्रति क्विंटल पहुंच चुकी है। इसका फायदा देश व प्रदेश के किसानों को भी मिलना चाहिए। किसानों को स्वामीनाथन आयोग के सी2 फार्मूले के तहत एमएसपी मिलनी चाहिए। क्योंकि रूस और यूक्रेन के युद्ध से स्थिति उत्पन्न हुई है वह हमेशा नहीं रहने वाली। इसलिए किसान हित में सरकार को एमएसपी की गारंटी का कानून बनाना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) में हरियाणा का सदस्य नहीं होने की वजह से प्रदेश को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। बार-बार मांग करने के बावजूद सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। बिजली संकट पर बोलते हुए हुड्डा ने कहा कि उनके कार्यकाल में कभी बिजली संकट पैदा नहीं हुआ। क्योंकि उनके कार्यकाल में प्रदेश में 4 नए पावर प्लांट और एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाया गया। आज हरियाणा की उत्पादन क्षमता इतनी है कि वह अन्य राज्यों को भी बिजली दे सकता है। लेकिन सरकार क्षमता के मुताबिक पावर प्लांट में उत्पादन नहीं कर रही है। इसकी वजह से पूरे प्रदेश को बिजली की किल्लत झेलनी पड़ रखी है।
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