जींद : हरियाणा के जींद जिले में किसानों की एक महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें राकेश टिकैत समेत कई बड़े किसान नेता शामिल हुए। टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों के साथ वादाखिलाफी की है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी का दिन धोखे का दिन है। सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। टिकैत ने कहा कि हम किसानों के खिलाफ फैसले लेने वाली हर सरकार का विरोध करेंगे। वहीं गन्ने का भाव बढ़ाने को लेकर हरियाणा में चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने गन्ने के भाव में सिर्फ 10 रुपए की बढ़ोतरी की है। इसलिए किसानों को अपने आंदोलन को तेज करना पड़ेगा। दिलचस्प बात यह है कि जब टिकैत गन्ने का भाव बढ़ाने के लिए किसानों को अपना आंदोलन तेज करने की सलाह दे रहे थे, उसी समय कुरुक्षेत्र में भाकियू(चढूनी ग्रुप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हरियाणा में शुगर मिलों पर चल रहे किसानों के धरनों को खत्म करने का ऐलान कर दिया है।
टिकैत ने कहा कि सरकार लगातार किसानों को उनके हक से वंचित करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज का दिन भी धोखे का दिन है। इसलिए किसानों को 26 से 29 जनवरी तक आंदोलन का 4 दिन दिहाड़ा मनाना चाहिए, ताकि सरकार को किसानों का आंदोलन और राजधानी में हुआ ट्रैक्टर मार्च याद रहे। इसी के साथ किसान नेता ने कहा कि 15 मार्च से 22 मार्च के बीच दिल्ली में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेशभर से किसान शामिल होंगे। इसे लेकर 9 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक बैठक भी बुलाई गई है।
जींद में आयोजित महापंचायत में राकेश टिकैत ने तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के सरपंचों के साथ धोखा हुआ है। उनका फंड काटा गया है। टिकैत ने कहा कि यह सरकार ही धोखेबाज है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदेश के सरपंचों को कहा गया कि किसी भी विकास योजना के लिए उन्हें विधायक से लिखवा कर लाना पड़ेगा। यह सरासर गलत है। वहीं किसान नेता ने सरकार पर अलग-अलग वर्गों में फूट डालने का आरोप लगाया। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार हिंदू और सिखों को लड़ाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी का एजेंडा है कि वो अलग अलग जाति के किसानों के संगठन बनवाएंगे। सरकार इन संगठनों का इस्तेमाल संयुक्त किसान मोर्चा के खिलाफ आग उगलने के लिए करेगी।
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