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Thursday, May 18, 2023

*नए बस अड्डे के शिफ्टिंग की मार:रोडवेज बसों को तेल भरवाने के लिए 10 किमी चलकर अतिरिक्त फूंकना पड़ रहा है डीजल*

*नए बस अड्डे के शिफ्टिंग की मार:रोडवेज बसों को तेल भरवाने के लिए 10 किमी चलकर अतिरिक्त फूंकना पड़ रहा है डीजल*
रोडवेज बसों को तेल भरवाने के लिए 10 किमी चलकर अतिरिक्त फूंकना पड़ रहा है डीजल|
पुराने बस स्टैंड स्थित वर्कशॉप में तेल डलवाने आई बस।
जींद डिपो की रोडवेज बसों को तेल भरवाने के लिए रोजाना 10 किलोमीटर का अतिरिक्त तेल फूंंकना पड़ रहा। इससे जहां घंटों का समय खराब हो रहा है और कई रूटों की बस सर्विस भी प्रभावित रही है। यह व्यवस्था यात्रियों के लिए भी परेशानी बन गई है।
बता दें कि 27 अक्टूबर 2020 को जींद के नए बस स्टैंड का सीएम मनोहर लाल ने उद्घाटन किया गया था। इसके बाद बसों का संचालन सुचारू रूप से जारी हो गया था। लेकिन उस समय तेल डालने के लिए बस स्टैंड पर पेट्रोल पंप की कोई सुविधा नहीं दी गई।
पुराने बस स्टैंड के साथ लगती वर्कशॉप में डिपो का पेट्रोल पंप है, लेकिन डेढ़ साल पहले सरकार के आदेश पर उसे बंद कर दिया था। उसके बाद निजी पेट्रोल पंप से डिपो ने तेल डलवाने का करार कर लिया था। डेढ़ साल तक बसों ने बस स्टैंड के नजदीक वाले पेट्रोल पंपों से तेल डलवाया। अब फिर दोबारा से सरकार ने आदेश जारी कर रोडवेज कार्यालयों में स्थित पेट्रोल पंप शुरू करवा दिए हैं।
इस कारण बसों को तेल डलवाने शहर के बीच स्थित पुराने बस स्टैंड पर जाना पड़ रहा है। इससे चालकों को भी परेशानी हो रही है। उन्हें भी बस स्टैंड परिसर में आकर रोजाना अतिरिक्त बस चलने की दूरी नापनी पड़ती है। यही नहीं चंडीगढ़, पटियाला सहित कई लंबे रूटों की बसें बाहर से ही जाती हैं। तेल डलवाते समय कई बार शहर में जाम से बसें लेट हो जाती हैं। इस कारण यात्री चालक-परिचालक से समय को लेकर उलझ रहे हैं।
*15 मिनट की देरी से बस स्टैंड पर पहुंचती हैं बसें*

लंबे रूटों पर चलने वाली बसें तेल डलवाने के चलते 10 से 15 मिनट की देरी से बस स्टैंड पर पहुंचती हैं, जिससे यात्रियों को इंतजार करना पड़ता है। डिपो की एक बस पुराने बस स्टैंड के साथ लगती वर्कशॉप स्थित पंप से तेल लाने के लिए दो लीटर ज्यादा तेल फूंक रही है।
इससे विभाग की आमदनी को भी नुकसान हो रहा है। प्रतिदिन 11,845 रुपए का रूटों से अलग तेल फूंक रही है। एक माह में भी विभाग को औसतन 3,55,368 लाख रुपए की आमदनी का नुकसान होगा। तेल भरवाने के लिए सालाना 43 लाख 23 हजार 644 रुपए ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।
*76 बसें एक दिन में चलती हैं डिपो से*

जींद डिपो से रोडवेज की 76 बसें रोजाना चलती हैं। 5800 से लेकर 6100 लीटर तेल खर्च हो रहा है। 88.40 रुपए प्रति लीटर एक बस को तेल मिल रहा है। रोहतक, भिवानी, कैथल, हिसार, चंडीगढ़, नरवाना सहित अन्य रूटों की सर्विस पर प्रभाव पड़ रहा है। नए बस स्टैंड पर पेट्रोल पंप की सुविधा होनी चाहिए।
*संदीप रंगा, कर्मचारी नेता।*

पेट्रोल पंप अभी पुराने बस स्टैंड पर चला हुआ है। इससे पहले निजी पेट्रोल पंपों से तेल भरवाया जा रहा था। विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। दीपक कुंडू, जीएम, रोडवेज जींद।

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