हरियाणा के जींद में खल-बिनौला व्यापारी रविंद्र राठी के साथ 14.62 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई है। मध्य प्रदेश के उज्जैन के 2 कारोबारियों ने उससे बिनौले की पेमेंट तो एडवांस में जमा करवा ली, लेकिन माल नहीं भेजा। उसने सदर थाना पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बाद में उसने एडीजीपी हिसार को पूरा मामला बताया, तो पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।
पुलिस को दी शिकायत में गांव जलालपुर खुर्द निवासी रविंद्र राठी ने बताया कि उसने साल 2017 में हांसी रोड पर राठी खल भंडार के नाम से खल-बिनौला तेल का कारोबार शुरू किया था, जो ठीक चल रहा था। वह मिल के लिए बिनौला अलग अलग जगहों से मंगवाता है। उस माल खरीदने की खातिर ब्रोकर या ट्रेडर की जरूरत पड़ती रहती है।
उसने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले उसका संपर्क उज्जैन के उमा एंटरप्राइजिज के रोहित मित्तल ब्रोकर के साथ हुआ, जो बिनौला दिलवाने का काम करता है। उसने 21 दिसंबर 2022 को रोहित मित्तल के माध्यम से बिनौला खरीद लिया और उसकी पेमेंट 10 लाख रुपए थी, वह उसके खाते में डाल दी। उसके बाद एक दो बार और खरीद की तो दोनों के बीच विश्वास बन गया। 9 जनवरी को रोहित मित्तल के माध्यम से बिनौला खरीद के लिए उसने 5.72 लाख रुपए एडवांस पेमेंट के रूप में जमा करवा दिए। बाद में 5 लाख 95 हजार रुपए और एडवांस रोहित मित्तल की फर्म में एडवांस जमा करवा दिए।
*रोहित मित्तल ने आश्वासन दिया कि जल्द ही उस तक माल पहुंचा दिया जाएगा।* उसने उसकी राठी खल भंडार फर्म के नाम से बिल भी काट दिए और सभी बिलों की कॉपी उसके पास भेज दी और काह कि तीन दिन में माल मिल में पहुंच जाएगा। उसने 3 दिन बाद ड्राइवर के दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो बताया कि माल लोड करवा दिया था लेकिन रात को वापस अनलोड कर दिया गया। इस पर उसने व्हाइट गोल्ड एग्रो के प्रोसेसर से बात करने के लिए कहा गया।
उसने व्हाइट गोल्ड एग्रो प्रोसेसर के मालिक अब्दुल सलाम शेख उर्फ रबानी से बात की तो उसने भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद रोहित मित्तल ने कहा कि 3 लाख रुपए और डाल दो, वह उसका माल भिजवा देंगे। इस पर उसने 11 जनवरी को रोहित के खाता में 3 लाख रुपए जमा करवा दिए। उसके पास झूठे बिल काटकर भेजे गए। उस लगा कि उसका माल पहुंच जाएगा लेकिन काफी प्रयास के भी उसे माल नहीं मिला।
रविंद्र राठी ने आरोप लगाया कि दोनों ने मिलकर उसके साथ करीब 14 लाख रुपए की धोखाधड़ी और विश्वासघात किया है। रविंद्र ने सदर थाना पुलिस को शिकायत दी, जिस पर कई माह तक एफआईआर तक भी दर्ज नहीं की गई। कई माह तक सदर पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं हुई तो आखिर में रविंद्र ने एडीजीपी हिसार को शिकायत की। एडीजीपी की शिकायत पर सदर थाना पुलिस ने अब एफआईआर दर्ज की है।
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