चंडीगढ़, 16 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की उपस्थिति में आज नगर निगम रोहतक की 15.37 एकड़ भूमि गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को 2 लाख रुपये प्रति वर्ष की दर से 33 वर्षों की लीज पर आवंटित करने हेतु नगर निगम रोहतक और गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा के बीच समझौता हुआ और दस्तावेज एक्सचेंज किए गए।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री श्री मूल चंद शर्मा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ कमल गुप्ता और गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा के पदेन सचिव डॉ. जयपाल शर्मा एवं सभा के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा के प्रतिनिधिमंडल ने सभा की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस भूमि का उपयोग मौजूदा शैक्षणिक संस्थान के विस्तार के लिए किया जाएगा।
सभा के पदेन सचिव डॉ. जयपाल शर्मा ने बताया कि 100 से शिक्षण संस्थाएं चला रही है और समाज के सभी वर्गों को शिक्षा प्रदान कर रही है। वर्तमान में संस्था द्वारा एक स्नातक महाविद्यालय, 1 बीए महाविद्यालय तथा 1 विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इन संस्थानों में लगभग 3700 छात्र अध्ययन कर रहे हैं।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को वर्ष 2008 में पहरावर जमीन लीज पर दी गई थी। लेकिन उसके बाद नगर निगम रोहतक बना और यह जमीन निगम के अधीन आ गई। लीज राशि का भी भुगतान नहीं हुआ। इस बीच हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने जमीन का अधिग्रहण किया, विवाद बढ़ा और एचएसवीपी ने जमीन को रिलीज कर दिया।
हाल ही में करनाल में आयोजित भगवान परशुराम महाकुंभ में इस जमीन को नए सिरे से गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को देने की घोषणा की। कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी देकर आज स्वीकृति पत्र एवं लीज दस्तावेज सभा को सौंपे गए हैं। सभा इस जमीन का उपयोग शिक्षण संस्थान बनाने के लिए करेगी। लीज में 5 साल का समय दिया गया है यदि 5 साल में भी संस्थान का निर्माण नहीं हो पाता तो और 5 साल का समय दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान परशुराम महाकुंभ के दौरान की गई कई घोषणाओं में से अधिकांश पूरी हो गई हैं। इनमें भगवान परशुराम के नाम पर एक विशेष स्मारक डाक टिकट जारी करना, कैथल में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का नाम भगवान परशुराम के नाम पर करना और परशुराम जयंती पर राजपत्रित अवकाश की घोषणा करना शामिल है। इसके अलावा, पुजारी-पुरोहित कल्याण बोर्ड की स्थापना का काम पाइपलाइन में है, जल्द ही पूरा हो जाएगा।
विपक्ष द्वारा पहरावर जमीन मामले में विरोध करने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को आलोचना तो अपने समय की करनी चाहिए। क्योंकि उनके समय में यह लीज हुई थी। लीज की बात करें तो वह अपने आप में डिफेक्टिव डॉक्यूमेंट था, जिसमें संस्थान बनाने के लिए केवल 2 साल का ही समय दिया गया था। इतना ही नहीं लीज पर दी गई जमीन को भी प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहण करना सही नहीं था। उन्होंने इस मामले को उलझाया और इसे सुलझाने में हमें समय लगा और आज यह जमीन विधिवत सभा को लीज पर दे दी गई है।
लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है, किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का विरोध करना नैतिक रूप से नहीं है
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह एक एक गांव में जाकर जनसंवाद कर रहे हैं और लोगों का बहुत समर्थन मिल रहा है। जनसंवाद को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। हालांकि इन जनसंवाद कार्यक्रम में कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा विरोध करने का आह्वान किया जा रहा है, जो कि गलत है।
लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का विरोध करना नैतिक रूप से नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रमों में व्यवधान पैदा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, हमारा मानना यह है कि यदि अन्य राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों में भी कोई व्यवधान उत्पन्न करता है तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगला जन संवाद का कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला में होगा।
भ्रष्टाचार के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में ही यह साफ कर दिया था कि हम भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएंगे और उसी नीति पर चलते हुए हम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं।
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