आर्य स्कूल में पत्रकारों से बातचीत करते प्रधान चंद्रकांत शर्मा।
आर्य स्कूलों की संपत्तियों पर कब्जा करने की सोचने वाले लोग अनार्य होते हैं। उन लोगों का मकसद सिर्फ समाज पर कब्जा करना ही होता है। शहर में जो संस्था है वह आर्य समाज की है, जो आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा रोहतक से संचालित हो रही है। आर्य समाज के लोग तो कल भी समाज में बैठे थे और आज भी बैठे हैं। कुछ अनार्य लोग अब शहर में माहौल खराब करने की कोशिश करने में लगे हुए हैं।
यह बात आर्य समाज व आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रधान चंद्रकांत शर्मा ने आर्य स्कूल परिसर के बने हाल में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। शर्मा ने दूसरे पक्ष को शिक्षा विभाग के डीएसई से मिली अप्रूवल को लेकर कहा कि मंगलवार को डीएसई द्वारा ही एक फरमान जारी किया गया है कि साल 2018 में जो एडिड स्कूल अन-एडिड हो गए थे। उसके बाद अप्रूवल का कोई मकसद नहीं रह जाता।
डीएसई से आरटीआई का 29 को मिला जवाब-तेजपाल
दूसरा पक्ष, 27 अप्रैल को अप्रूवल लाने की बात कर रहा है तो उसके ठीक दो दिन बाद आरटीआई के तहत डीएसई से जवाब मिला कि किसी भी संस्थान या स्कूल को चलाने के लिए अप्रूवल की कोई आवश्यकता नहीं। हमारे पास पुख्ता सबूत हैं तो पहले की तरह दूसरे पक्ष की यह अप्रूवल भी रद्द हो सकती है। इस मामले में कोर्ट ने डीएसई डायरेक्टर को समन जारी किया है।
एसएमसी से चलते हैं स्कूल, उलझाने का प्रयास -आर्य
आर्य समाज के अधीन स्कूल एसएमसी से ही चलते हैं। जो लोग हमें डीएससी से मिली अप्रूवल पर सवाल उठा रहे हैं तो अन-एडिड होने के बाद साल 2020 में फिर वह कैसे स्कूल में अप्रूवल लेकर आ गए थे। यह तो अब उनका स्टैंड बदलने वाला मामला है। वह पूरी तरह से उलझा रहे हैं। हम प्रशासन को साथ लेकर शांतिप्रिय ढंग से स्कूलों का चार्ज लेंगे।
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