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Wednesday, June 14, 2023

*विकास का हाल:पांच साल पहले नियमित हुई शहर की 10 कॉलोनियों में अब तक पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछाई, सड़कें कच्ची*

*विकास का हाल:पांच साल पहले नियमित हुई शहर की 10 कॉलोनियों में अब तक पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछाई, सड़कें कच्ची*
पांच साल पहले नियमित हुई शहर की 10 कॉलोनियों में अब तक पेयजल पाइप लाइन नहीं बिछाई, सड़कें कच्ची|
जोगिंद्र नगर की गली में गंदा पानी।
पांच साल पहले नियमित हुई शहर की 10 कॉलोनियों से अवैध का ठप्पा तो हट गया, लेकिन विकास के नाम पर अब तक कोई ज्यादा फर्क नजर नहीं आ रहा है। इन अप्रूव्ड कॉलोनियों में लगभग 50 से अधिक गलियां कच्ची पड़ी हैं। जिससे बारिश के समय में लोगों को निकलना मुश्किल भरा रहता है।

आधी काॅलोनियों में तो घरों तक नहरी पेयजल सप्लाई के लिए विभाग ने अभी तक पाइप लाइन तक नहीं दबाई गई है। जमीनी ट्यूबवेल का पानी भी खारा होने से पेयजल संकट बना हुआ है। वहीं दो साल पहले 40 से ज्यादा गलियां बनाई गई थी। वह भी जगह-जगह से टूट चुकी हैं। गलियों में जगह-जगह गहरे गड्ढे होने के कारण वाहन चालकों को आने जाने में परेशानी हो रही है।

अप्रूव्ड कॉलोनी निवासी रमेश, सतीश, सीमा देवी, ममता और कुलबीर का कहना है कि मात्र कागजों में मूलभूत सुविधाएं दिखाई दे रही हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है। कॉलोनियों में सीवरेज व्यवस्था ठप हो चुकी है। जगह-जगह गंदा पानी निकल रहा है। खाली प्लाॅटों में गंदा पानी जमा होने के कारण बदबू फैल रही है। इससे पीलिया, डायरिया व मलेरिया जैसी बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। गलियों में भी जलभराव हो रहा है। लोगों ने मांग की है कि मूलभूत सुविधाओं की तरफ ध्यान दिया जाए।

ये भी जानिए... काैन सी कॉलोनी कितने एकड़ में

शक्तिनगर कॉलोनी : 3.40 एकड़
इंप्लाइज कॉलोनी गोहाना रोहतक रोड बाइपास : 11.67 एकड़
मामन बिहार एक्टेंशन : 8.76
भारत नगर 1 : 2.35
भारत नगर 2 : 0.41
धागा मिल कॉलोनी : 1.99
जोगिंद्रनगर एक्टेंशन 1 : 8.27
जोगिंद्र एक्टेंसन2: 2.92
श्योराण कॉलोनी : 5.74
विजय नगर एक्टेंसन: 20.68
न्यू कृष्णा कॉलोनी: 30.4 एकड़
शहर की काॅलोनियों का लेखा जोखा एक नजर में

जींद शहर में 2004 में सात कॉलोनियां अप्रूव्ड।
2014 में 60 कॉलोनियों को किया गया अप्रूव्ड।
2018 में 10 कॉलोनियों को अप्रूव्ड किया गया। इन 10 कॉलोनियों में करीब 25 हजार 574 लोग रहते हैं।
नोट: अब भी शहर में करीब 60 से अधिक काॅलोनियां अवैध हैं।

वार्डों में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी

अब तक वार्डों में स्ट्रीट लाइटें नहीं लगी है। अधिकतर कॉलोनियां शहर से बाहर होने के कारण चोरी होने का डर रहता है। धागा मिल में कोई लाइटें नहीं लगाई गई है। कई बार कॉलोनी में चोरी हो चुकी है। पार्कों का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। सड़कों पर लोगों को सैर करने के लिए जाना पड़ रहा है।
खन्ना कुमार धागा मिल कॉलोनी निवासी

सीवरेज के ढक्कन गायब

चार साल में सीवरेज के ढक्कन गायब हो चुके हैं। इससे हादसे होने का खतरा रहता है। धागा कॉलोनी में तो प्रशासन अब तक सीवरेज को चालू भी नहीं कर पाया है। गलियों के टेंडर भी नहीं लग पा रहे हैं। सफाई करने के लिए स्पेशल कर्मचारी नहीं निर्धारित किए गए हैं।
-रमन, इंप्लाइज कॉलोनी जींद

कोई भी गली कच्ची नहीं रहने दी जाएगी : अमित कुमार
शहर में अब 77 कॉलोनियां अप्रूव्ड हैं। 53 कॉलोनियों पर अब वेरिफिकेशन सर्वे चला हुआ है। अप्रूव्ड काॅलोनियों में सीवरेज, पेयजल, बिजली, सड़कें, गलियां आदि की सुविधा देने के लिए नगर परिषद प्रशासन प्रयासरत है। हर साल शहर के विकास पर करोड़ों रुपए का बजट खर्च किया जा रहा है। नई काॅलोनियों में भी सभी सुविधाएं मुहैया करा दी जाएंगी। कोई भी गली कच्ची नहीं रहने दी जाएगी।
-अमित कुमार, एमई, नगरपरिषद जींद

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