चक्रवात बिपरजॉय गुजरात से टकरा गया है। सौराष्ट्र और कच्छ में हवा की रफ्तार 125 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई है। लैंडफॉल शुरू हो गया है। इसकी चपेट में आस-पास के 10-12 जिले रहेंगे, लेकिन इसका असर कई राज्यों में होगा।
जानेंगे कि बिपरजॉय के हिट करने के बाद कहां-कितना खतरा, अगले 3 दिनों तक कैसा रहेगा देश के अन्य राज्यों का मौसम…
1. गुजरात के मौसम की भविष्यवाणी : 15 जून से 17 जून तक
कई इलाकों में बाढ़ का खतरा
बिपरजॉय से प्रभावित जिलेः सौराष्ट्र, कच्छ के साथ देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट। मौसम विभाग ने सौराष्ट्र-कच्छ के साथ देवभूमि द्वारका और जामनगर के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
हवा की अधिकतम रफ्तार: 15 जून को बिपरजॉय के जखौ में टकराने के बाद अधिकतम 150 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।
बारिश: 15 जून की शाम से ही कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर 20 से 25 सेमी (200 से 250 मिमी) बारिश हो रही है। ये अत्यधिक भारी बारिश की कैटेगरी में आता है। इससे निचले इलाकों में बाढ़ आने का खतरा है। समंदर में 5-6 मीटर ऊंची लहरें उठ रही हैं।
16 जून : इन इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है।
17 जून : भारी बारिश का अनुमान।
राजस्थान : 12 जिलों में चक्रवात का असर
बिपरजॉय से प्रभावित जिलेः 12 जिले। इनमें बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, अजमेर संभाग, भीलवाड़ा और टोंक शामिल हैं।
हवा की अधिकतम रफ्तार: इन जिलों में गुरुवार और शुक्रवार को 60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
बारिश का अनुमान: गुरुवार और शुक्रवार को बाड़मेर, जोधपुर, जैसलमेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होगी। शनिवार को अजमेर संभाग, भीलवाड़ा और टोंक में भी बारिश होने की संभावना है।
महाराष्ट्र : मुंबई में तेज बारिश का अनुमान
मुंबई और ठाणे के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई में गुरुवार तक तेज बारिश होने का अनुमान है। साथ ही 17 जून तक हल्की बारिश होने की संभावना है। इस दौरान तेज बारिश भी देखने को मिल सकती है। 60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
मध्यप्रदेश : धूलभरी आंधी के साथ हल्की बारिश
शहडोल, जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम संभागों में कुछ स्थानों पर बादल गरजने के साथ बिजली गिरने और हल्की बारिश होने की संभावना है। इन इलाकों में 30 से 40 किमी/घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।
अगले 24 घंटों के दौरान खंडवा, खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर, सागर, झाबुआ, उज्जैन, रीवा, सतना और छतरपुर जिलों में भी इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है।
खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, सागर, रीवा, सतना, छतरपुर, रायसेन, भोपाल और सीहोर जिलों में तेज हवाओं के साथ आंधी आने की संभावना है।
वहीं धार, बालाघाट और रतलाम में कुछ स्थानों पर लू चलने की संभावना है।
गोवा : हल्की बारिश का अनुमान
गोवा के तटों पर चक्रवात बिपरजॉय का प्रभाव शुरू से ही देखा जा रहा है। इसकी वजह से गोवा के समंदर में ऊंची लहरें उठ रही हैं।
फिलहाल पर्यटकों के समुद्र तटों पर जाने पर बैन लगा दिया गया है। साथ ही कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है।
दिल्ली : चक्रवात का असर नहीं
दिल्ली-NCR में चक्रवात बिपरजॉय का ज्यादा असर नहीं होगा। हालांकि आसपास के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
इस दौरान दिन में 35 से 45 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
UP : हीट वेव चलेगी
पूर्वी UP के कुछ इलाकों में हीट वेव चलने की संभावना है। वहीं पश्चिमी UP के कुछ इलाकों में गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं।
बिहार : लू का दौर जारी रहेगा
नॉर्थ-वेस्ट बिहार में अगले दो दिन तक हीट वेव यानी लू का दौर चालू रहेगा। वहीं नॉर्थ-सेंट्रल बिहार में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। नॉर्थ-ईस्ट बिहार में कुछ स्थानों पर गुरुवार से बारिश हो सकती है।
देश के बाकी हिस्सों में अगले 5 दिनों के मौसम का पूर्वानुमान देख लीजिए...
नॉर्थ ईस्टः अगले 5 दिनों तक नॉर्थ-ईस्ट के ज्यादातर राज्यों में हल्की से भारी बारिश का अनुमान है। मेघालय के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है।
पूर्वी भारतः पश्चिम बंगाल और सिक्किम में धूल भरी आंधी के साथ हल्की बारिश और कुछ जगहों पर भारी बारिश का अनुमान है।
उत्तर पश्चिम भारतः हिमाचल और उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में हल्की और मध्यम बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। साउथ-वेस्ट राजस्थान और साउथ-ईस्ट राजस्थान में भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान है।
क्या चक्रवात की वजह से मानसून कमजोर हो गया है?
मौसम विभाग ने बुधवार को बताया कि 18 से 21 जून के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी।
मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि चक्रवात बिपरजॉय ने अरब सागर के ऊपर भूमध्यरेखीय प्रवाह को बढ़ाकर दक्षिणी हिस्सों में मानसून को आगे बढ़ने में मदद की है। उन्होंने बताया कि चक्रवात अब मानसूनी प्रवाह से पूरी तरह से अलग हो गया है। अब मानसून के आगे बढ़ने में कोई रुकावट नहीं है।
मानसून महाराष्ट्र के कोंकण तट तक आ चुका है। 17 जून को इसके मुंबई और पुणे पहुंचने की संभावना है। इसके बाद मानसून रफ्तार पकड़ेगा।
वहीं मौसम विभाग ने बताया है कि पूर्वी भारत में अगले पांच दिनों तक लू चलती रहेगी। वहीं पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश के जारी रहने की संभावना है।
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